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शिक्षक विधायक पद के चुनाव का बिगुल बजा

  • 1 दिसंबर को होगा मतदान, 3 को होगी मतगणना

  •  आदर्श आचारसंहिता हुई लागू, इच्छूकों की गतिविधियां हुई तेज

  •  डॉ. धांडे हो सकते है भाजपा की ओर से उम्मीदवार

  •  चुनावी रेस में मौजूदा विधायक श्रीकांत देशपांडे सहित संगीता शिंदे, शेखर भोयर, प्रकाश कालबांडे व दिलीप निंभोरकर भी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.3 – विगत लंबे समय से अमरावती शिक्षक विधायक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव घोषित होने की प्रतिक्षा की जा रही थी और यह प्रतिक्षा गत रोज उस वक्त खत्म हुई, जब निर्वाचन आयोग द्वारा घोषणा की गई कि, अमरावती संभाग के पांच जिलों का समावेश रहनेवाले शिक्षक विधायक निर्वाचन क्षेत्र में आगामी 1 दिसंबर को मतदान कराया जायेगा. इस चुनाव की अधिसूचना जारी करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचारसंहिता भी लागू कर दी गई है. इस बार के चुनाव में संभाग के मौजूदा शिक्षक विधायक प्रा. श्रीकांत देशपांडे की सीधी टक्कर विदर्भ यूथ वेलफेअर सोसायटी के अध्यक्ष प्रा. नितीन धांडे से होना तय माना जा रहा है, जो इस बार के चुनाव में भाजपा की ओर से प्रत्याशी हो सकते है.
निर्वाचन आयोग द्वारा की घोषित किये गये चुनावी कार्यक्रम के मुताबिक आगामी 12 नवंबर तक नामांकन पत्र दायर किये जा सकेंगे. जिनकी पडताल 13 नवंबर को होगी. वहीं 17 नवंबर तक नामांकन पत्र वापिस लिये जा सकेंगे और 18 नवंबर से 29 नवंबर की शाम तक चुनाव प्रचार का दौर चलेगा. जिसके बाद 1 दिसंबर को प्रात: 8 बजे से शाम 5 बजे तक शिक्षक विधायक पद हेतु मतदान कराया जायेगा. और मतों की गिनती 3 दिसंबर को करते हुए 7 दिसंबर से पहले चुनाव परिणाम की घोषणा की जायेगी.
बता दें कि, अमरावती शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करनेवाले मौजूदा शिक्षक विधायक प्रा. श्रीकांत देशपांडे का कार्यकाल विगत 19 जुलाई को खत्म हो चुका है. किंतु कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस सीट के लिए उस समय चुनाव नहीं कराये जा सके थे. लेकिन अब कोरोना संक्रमण का खतरा टलने के बाद चुनावी कार्यक्रम घोषित किया गया है. इसके साथ ही यह चुनाव लडने के इच्छूकों की गतिविधियों में जबर्दस्त तेजी देखी जा रही है और सभी इच्छूकों द्वारा अपनी चुनाव लडने की तैयारियों को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है. बता दें कि, मौजूदा शिक्षक विधायक प्रा. श्रीकांत देशपांडे इस बार भी चुनावी मैदान में रहेंगे, ऐसी घोषणा उनके द्वारा इससे पहले ही की जा चुकी है. वहीं इस बार चुनावी मैदान में क्षेत्र की दूसरी सबसे बडी शिक्षा संस्था विदर्भ यूथ वेलफेअर सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. नितीन धांडे सहित पोटे शिक्षा संस्था के उपाध्यक्ष दिलीप निंभोरकर, शिक्षण संघर्ष समिती की अध्यक्षा संगीता शिंदे, शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष शेखर भोयर तथा विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रकाश कालबांडे भी खम ठोंक रहे है. इसके अलावा महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के राजकुमार बोनकिले, विज्युक्टा के प्रा. डॉ. अविनाश बोरडे, शिक्षक संघ के एड. किरण सरनाईक, पश्चिम विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के विकास सावरकर तथा महाराष्ट्र शिक्षक आघाडी के प्रा. निलेश गावंडे सहित अन्य कुछ प्रत्याशियों द्वारा भी चुनाव लडने की तैयारियां की जा रही है.

पहले की तुलना में बदल चुके है समीकरण

इसमें सर्वाधिक उल्लेखनीय यह है कि, विगत चुनाव तक राज्य में भाजपा व शिवसेना का आपसी गठबंधन था, और चूंकि शिवसेना ने शिक्षक आघाडी प्रत्याशी प्रा. श्रीकांत देशपांडे को समर्थन दिया था, तो प्रा. देशपांडे को भाजपा का भी समर्थन प्राप्त हुआ था. लेकिन अब भाजपा व शिवसेना के बीच जबर्दस्त दरार आ चुकी है. ऐसे में स्पष्ट है कि पूर्व शिवसैनिक रहनेवाले एवं सेना समर्थित प्रत्याशी प्रा. श्रीकांत देशपांडे को भाजपा का समर्थन नहीं मिलनेवाला और भाजपा द्वारा इस चुनाव में स्वतंत्र तौर पर अपना प्रत्याशी उतारे जाने की पूरी संभावना है. यदि राजनीतिक कयासों पर भरोसा किया जाये, तो साफ दिखाई दे रहा है कि, भाजपा की प्रदेश इकाई से जुडे रहनेवाले विदर्भ यूथ वेलफेअर सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. नितीन धांडे इस बार शिक्षक विधायक पद के लिए भाजपा की ओर से उम्मीदवार हो सकते है. बता दें कि, डॉ. नितीन धांडे विगत छह माह से शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में जबर्दस्त दौडभाग करते हुए व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाये हुए है. यद्यपि इस चुनाव में किसी भी उम्मीदवार की पार्टी का कोई विशेष महत्व नहीं होता. लेकिन इस तथ्य की अनदेखी नहीं की जा सकती है कि, पूरे संभाग में भाजपा का अपना मजबूत नेटवर्क है और एक सांसद व आधा दर्जन से अधिक विधायक रहने के चलते भाजपा समर्थित उम्मीदवार का इस चुनाव में विशेष महत्व माना जा सकता है. वहीं दूसरी ओर राज्य में शिवसेना के साथ कांग्रेस व राकांपा की महाविकास आघाडी रहने के चलते सेना समर्थित प्रा. श्रीकांत देशपांडे को कांग्रेस व राकांपा का समर्थन मिलना तय माना जा रहा है. जिसके चलते फिलहाल प्रा. श्रीकांत देशपांडे व डॉ. नितीन धांडे के बीच ही कडा मुकाबला होता दिखाई दे रहा है.

 पिछली बार थे 17 उम्मीदवार

बता दें कि, अमरावती शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के पिछले चुनाव में कुल 17 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे और उस चुनाव की मतगणना के 16 वे राउंड में शिक्षक आघाडी के प्रा. श्रीकांत देशपांडे ने श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष एड. अरूण शेलके को 4 हजार 942 वोटों से पराजीत किया था. उस चुनाव में कुल मतदाताओं की संख्या 44 हजार 615 थी. वहीं इस बार केवल 34 हजार के आसपास शिक्षक मतदाताओं का पंजीयन हुआ है. इसमें सर्वाधिक 10 हजार 88 मतदाता अमरावती जिले में है. वहीं बुलडाणा जिले में 7 हजार 422, यवतमाल जिले के 7 हजार 407, अकोला जिले में 6 हजार और वाशिम जिले में सबसे कम 3 हजार 773 शिक्षक मतदाता है.

 इस बार कौन किसके पाले में

शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में शिक्षक आघाडी, शिक्षक महासंघ, विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संगठन, विदर्भ ज्युनिअर टिचर्स एसो. (विज्युक्टा), नागपुर युनिर्व्हसिटी टिचर्स एसो. (नूटा), भाजपा शिक्षक आघाडी, विभागीय शिक्षक संघ तथा शिक्षक सेना आदि शिक्षक संगठनों की भुमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. पिछले चुनाव में नूटा व विज्युक्टा इन दो प्रमुख संगठनों ने किसी भी उम्मीदवार को समर्थन नहीं दिया था और शिक्षकों से अपनी अंतरआत्मा की आवाज पर मतदान करने का आवाहन किया था. ऐसे में अब यह देखना बेहद महत्वपूर्ण रहेगा कि, इस बार कौनसा संगठन किसके पाले में अपना समर्थन देता है.

 चुनाव प्रचार व संपर्क में आ रही कई तरह की दिक्कतें

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इस समय कोरोना संकट व लॉकडाउन संबंधी नियमों की वजह से सभी स्कूल व कॉलेज बंद है. ऐसे में सभी प्रत्याशियों को एक-एक मतदाता से संपर्क करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. साथ ही इस समय सोशल डिस्टंसिंग से संबंधित नियम लागू रहने के चलते कहीं पर भी शिक्षक मतदाताओं की चुनावी सभा अथवा गेट टू गेदर का आयोजन करना संभव नहीं है. ऐसे में सभी प्रत्याशियों को शिक्षक मतदाताओं के सामने अपनी उम्मीदवारी व भूमिका रखने के लिए विभिन्न माध्यमों का प्रयोग करना पड रहा है. जिसमें सोशल मीडिया बेहद महत्वपूर्ण भुमिका निभा रहा है.

चुनावी कार्यक्रम

अधिसूचना – 5 नवंबर
नामांकन – 12 नवंबर तक
नामांकन जांच – 13 नवंबर
नामांकन वापसी – 17 नवंबर तक
मतदान – 1 दिसंबर
मतगणना – 3 दिसंबर
चुनाव परिणाम – 7 दिसंबर से पहले

 संभाग में जिलानिहाय मतदाता संख्या

अमरावती – 10,088
बुलडाणा – 7,422
यवतमाल – 7,407
अकोला – 6,000

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