द चेंज मेकर किताब का हुआ प्रकाशन
शंकरबाबा पापलकर के जीवनकार्यों पर आधारित है किताब
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प्रा. डॉ. प्रदीप चौधरी ने किया किताब का लेखन व संपादन
अमरावती/प्रतिनिधि दि.16 – अनाथों का नाथ कहे जाते शंकरबाबा पापलकर की जीवनी पर प्रा. डॉ. प्रदीप चौधरी द्वारा लिखीत व संपादित किताब द चेंज मेकर का प्रकाशन समारोह रविवार 15 अगस्त की दोपहर वालकट कंपाउंड परिसर स्थित जिला मराठी पत्रकार संघ के मराठी पत्रकार भवन में समारोहपूर्वक हुआ.
पूर्व लेडी गर्वनर प्रा. डॉ. कमलताई गवई की अध्यक्षता में आयोजीत इस विमोचन समारोह में जिला मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष तथा दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल, दैनिक हिंदुस्थान के विलास मराठे, किताब के लेखक प्रा. डॉ. प्रदीप चौधरी एवं प्रकाशक व मेधा पब्लिकेशन के संचालक संजय महल्ले बतौर प्रमुख अतिथी उपस्थित थे. इस अवसर पर सभी गणमान्यों ने अपने समयोचित विचार व्यक्त करते हुए शंकरबाबा पापलकर द्वारा अनाथों व दिव्यांगों के पुनर्वास व कल्याण हेतु किये जा रहे कामों की सराहना की और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी.
इस विमोचन समारोह में प्रमुख रूप से बालकल्याण समिती सदस्य मीना दंडाले, एड. अंजली घुलक्षे, भास्कर उपासे, माधव दंडाले, समाजसेवी गुंजन गोले, प्रा. नीलप्रभा लक्कावार, कुणाल पटवर्धन, एड. हबीब रिथपुरी, नाना डहाणे, वर्हाड संस्था के घनानंद नागदिवे, हर्षल बनसोडे का आयोजन को सफल बनाने में सहयोग मिला. साथ ही इस अवसर पर जिला मराठी पत्रकार संघ के महासचिव प्रफुल्ल घवले, प्रा. डॉ. अमित गावंडे, वंदना चौधरी, भीमकिर्ती बारसे, प्रा. डॉ. शीतलबाबू तायडे, राजेश गुल्हाने, चंद्रकांत बोदडे, नितीन जोशी, नितीन लाजुरकर, किरण बाहे, विजय चौधरी, सुकृत चौधरी आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम में संचालन चंद्रशेखर तराले व आभार प्रदर्शन मयूर चौधरी ने किया.
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मीडिया ने मेरे कामों को बडा बनाया
– शंकरबाबा पापलकर ने किया आभार ज्ञापित
मैं विगत 30 वर्षों से अनाथों एवं दिव्यांगों के पुनर्वास का काम कर रहा हूं. इस दौरान मुझे समय-समय पर स्थानीय पत्रकारों का पूरा साथ व सहयोग प्राप्त हुआ और मीडिया द्वारा दिये गये ध्यान की वजह से ही मुझे अमरावती सहित समूचे राज्य में पहचान हासिल हुई है. इस आशय का प्रतिपादन करने के साथ ही शंकरबाबा पापलकर ने प्रा. डॉ. प्रदीप चौधरी के प्रति अपने जीवनकार्यों पर आधारित किताब लिखने के लिए आभार ज्ञापित किया. साथ ही समूचे राज्य में वझ्झर पैटर्न लागू किये जाने की जरूरत प्रतिपादित करते हुए शंकरबाबा पापलकर ने कहा कि, 18 वर्ष से अधिक आयुवाले दिव्यांगों व अनाथों को भी अनाथालयों व बालगृहों में ही रखा जाना चाहिए.
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जीवन का सबसे पावन व पवित्र कार्यक्रम
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए जिला मराठी पत्रकार संघ के अध्यक्ष व दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल ने कहा कि, उन्होंने अपने जीवन में कई राजनीतिक, सामाजिक व सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है. किंतु आज का आयोजन सबसे पावन व पवित्र है, क्योंकि इस आयोजन के जरिये शंकरबाबा पापलकर की नि:स्वार्थ व समर्पित सेवा का सम्मान हो रहा है. जिससे जिला मराठी पत्रकार संघ का मराठी पत्रकार भवन भी धन्य हो गया है. उन्होंने शंकरबाबा पापलकर के कार्यों को इंसानियत के लिहाज से बेहद महान बताते हुए कहा कि, इस तरह के कार्यों से प्रेरणा ली जानी चाहिए.
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पुरानी यादों को याद कर भावुक हुई कमलताई
अपने अध्यक्षीय संबोधन में पूर्व लेडी गर्वनर प्रा. डॉ. श्रीमती कमलताई गवई ने स्व. दादासाहब गवई व शंकरबाबा पापलकर के घनिष्ठ संबंधों को याद करते हुए कहा कि, किसी समय आदिवासी जाति पडताल के मामले में कोर्ट ने जाति वैधता जांच समिती के विरोध में आर्थिक जुर्माना लगाया था और जुर्माने की राशि शंकरबाबा पापलकर को मदद के तौर पर दिये जाने हेतु कहा था. किंतु पहले तो शंकरबाबा ने उस राशि को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया. लेकिन जैसे ही उन्हें यह पता चला कि, अमरावती के सपूत भूषण गवई ने न्यायमूर्ति के तौर पर यह फैसला सुनाया है, तो शंकरबाबा पापलकर ने उस भावना का सम्मान करते हुए उस राशि का स्वीकार किया था. इन यादों को ताजा करते समय कमलताई गवई काफी हद तक भावुक हो गई थी.