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बदनाम हो रहा है शहर

शहर में ‘स्पा सेंटर’, ‘थेरपी मसाज’ और ‘सायबर कैफे’ में देह व्यापार का धंधा

* पुलिस अनजान, मनपा से भी कोई अनुमति नहीं
* शहर के सामाजिक स्वास्थ्य व्यवस्था पर जनप्रतिनिधियों का ध्यान नही
अमरावती/दि. 9 – महानगरो की तरह अब अंबानगरी में भी देह व्यवसाय बढता जा रहा है. पुलिस छापे में उजागर प्रकरणो से संतो की यह कर्मभूमि बदनाम होती जा रही है. शहर में महानगरो की तरह खुल रहे ‘स्पा सेंटर’, ‘थेरपी मसाज सेंटर’ और कुछ ‘सायबर कैफे’ में देह व्यापार चलता रहने की बात उजागर हुई है. शहर की बिगडती सामाजिक स्वास्थ्य व्यवस्था पर जनप्रतिनिधियों का नाम न रहना चिंता का विषय कहा जा सकता है.
बडे-बडे महानगरो की तरह अमरावती में भी पिछले कुछ वर्षो में बडे मॉल्स, मल्टीप्लेक्स का निर्माण हुआ है. लेकिन अब तक बडे शहरो में चल रहे स्पा सेंटर, मसाज सेंटर जैसे व्यवसाय की आड में चलने वाले देह व्यापार से दूर रही अंबानगरी में भी अब अनेक स्थानों पर ‘स्पा सेंटर’, ‘थेरपी मसाज सेंटर’ और ‘सायबर कैफे’ खुलने लगे है. यहां व्यवसाय के नाम पर कुछ स्थानों पर देह व्यापार का धंधा भी पनपता जा रहा है. मॉल में ‘स्पा सेंटर’ की आड में देह व्यवसाय खुलेआम चल रहा था. इसकी भनक लगने के बाद सीआईयू के दल ने बडनेरा रोड स्थित पेंटलून मॉल के ‘स्पा सेंटर’ पर छापा मारकर 8 लडकियों को पकडा था. उस समय यहां से एक युवक भी अय्याशी करता धरा गया था. इसी तरह गाडगेनगर थाना क्षेत्र के कठोरा रोड स्थित फ्रोजन डिलाईट कैफे नामक प्रतिष्ठान में भी मिली सूचना के आधार पर सीआईयू के दल ने छापा मारकर इस कैफे के भीतर बने अलग-अलग कैबिन में बैठकर चोरी-छिपे प्रेमालाप करते 7 से 8 युवा जोडो को पकडा था. सीआईयू के दल द्वारा इस तरह की अब तक तीन कार्रवाई हुई है. इस दल के प्रमुख महेश इंगले ने बताया कि, तीनों कार्रवाई में पाया गया था कि, यहां से सेक्स रैकेट चलता है. कल राजापेठ के हिंगासपुरे मार्केट में नवजीवन उपचार क्लीनिक नामक आयुर्वेद मसाज सेंटर में भी हिंदू भाजपा उत्तर मोर्चा के शहराध्यक्ष संगम गुप्ता द्वारा मिली जानकारी के आधार पर धावा बोला गया और यहां से दो लोगों को अय्याशी करते हुए रंगेहाथ धरा गया. लेकिन पुलिस ने पश्चात प्रतिबंधक कार्रवाई कर उन्हें रिहा कर दिया. सवाल यह उठता है कि, शहर में अब मसाज और स्पा सेंटर के नाम पर देह व्यापार खुलेआम शुरु हो गया है. रात के समय मॉल में चलनेवाले पब में अनेक युवा मस्ती करते दिखाई देते है. हुक्का पार्लर में भी इसी तरह के गलत काम चल रहे है. इसके बावजूद पुलिस प्रशासन सूचना मिलने पर ही कार्रवाई करता नजर आता है. इसी कारण दिनोंदिन यह व्यवसाय शहर में बढता जा रहा है. बदनाम हो रहे इस शहर से देह व्यवसाय को दूर करने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा कडे कदम उठाना जरुरी है. साथ ही जनप्रतिनिधि व सामाजिक संगठनाओ को भी सामने आना जरुरी है. तभी अय्याशी की तरफ बढ रही युवा पीढी को रोका जा सकता है.

* बाहर के युवक-युवतियों का इस्तेमाल
सूत्रों के मुताबिक अमरावती शहर में अनेक स्पा सेंटर खुले है. जहां बॉडी मसाज किया जाता है. संबंधित स्पा सेंटर के संचालक इसके लिए बाहर से युवक-युवतियों को काम के लिए बुला रहे है. उच्च दर्जे के खोले गए ऐसे स्पा और मसाज सेंटर में धनाढ्य परिवार के शौकिन लोग आते है. यहां पर बाहर से आनेवाले युवक-युवतियों का इस्तेमाल होता है. संचालको को उनकी पहचान से मतलब नहीं रहता और धीरे-धीरे फिर उन्हें देह व्यापार में लगा देते है. महानगरो से अछूते रहे इस शहर में अब देह व्यवसाय पनपता जा रहा है. जिससे शहर बदनामी की ओर बढ रहा है.

* पुलिस आयुक्त खामोश क्यों?
शहर में बढते इस देह व्यवसाय को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा कडे कदम उठाना जरुरी है. समय-समय पर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी द्वारा व्यापारियों, सामाजिक संगठना व राजनीतिक संगठनाओं की बैठक ली जाती है. उसी तरह शहर में खुल रहे ऐसे स्पा सेंटर, मसाज सेंटर और साईबर कैफे व हुक्का पार्लर संचालको की बैठक लेकर उन्हें शहर की सामाजिक स्वास्थ्य व्यवस्था कायम रखने के लिए कडी हिदायत देना आवश्यक है. लेकिन कुछ घटनाएं प्रकाश में आने के बाद भी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्रवाई कर खामोश हो जाना यह चिंता का विषय कहा जा सकता है.

* बाजार परवाना विभाग ने नहीं दिया कोई लाईसेंस
अमरावती शहर में धडल्ले से स्पा और मसाज सेंटर खुलते जा रहे है. पुलिस प्रशासन का कहना है कि, व्यवसाय के लिए इसे कोई भी खोल सकता है. इस पर किसी तरह की पाबंदी नहीं. लेकिन व्यवसाय के लिए मनपा प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक है. लेकिन बाजार परवाना विभाग के प्रमुख उदय चव्हाण से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि, उनके विभाग की तरफ से अमरावती में अब तक किसी को भी स्पा या मसाज सेंटर के लिए अनुमति नहीं दी गई है. तो क्या अमरावती शहर में वर्तमान में जारी सभी स्पा और मसाज सेंटर अनधिकृत है? यदि अवैध है तो उन पर कडी कार्रवाई क्यों नहीं की गई? ऐसे अनेक सवाल निर्माण हो रहे है. साथ ही शहर की बिगडती सामाजिक स्वास्थ्य व्यवस्था पर जनप्रतिनिधि खामोश क्यों है? यह भी आश्चर्य की बात कही जा रही है.

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