अमरावतीमुख्य समाचार

शहर में अत्याधुनिक आयटी पार्क का निर्माण हो

 भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष बादल कुलकर्णी ने उठायी मांग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.4 – महाराष्ट्र के 6 प्रशासकीय जिलों में से अमरावती एक महत्वपूर्ण विभागीय जिला है. साथ ही अमरावती को विदर्भ में शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र भी माना जाता है तथा इस शहर व जिले के पास ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व सामाजिक विरासत भी है, लेकिन बावजूद इसके अमरावती जिले में उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए भविष्य के लिहाज से कोई अवसर उपलब्ध नहीं है. जिसकी वजह से यहां के युवाओं को अपनी पढाई-लिखाई पूरी करने के बाद नौकरी व कामकाज जैैसे अवसरों के लिए बडे महानगरों का रास्ता पकडना पडता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, अमरावती शहर में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त सूचना व तंत्रज्ञान संकुल यानी आयटी पार्क की स्थापना की जाये, ताकि यहां के युवाओं का पलायन रोका जा सके. इस आशय की मांग भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष बादल कुलकर्णी द्वारा उठायी गई है. यहां बुलायी गई पत्रवार्ता में यह मांग उठाने के साथ ही बादल कुलकर्णी ने कहा कि, अमरावती जिले में राज्य की दूसरी सबसे बडी शैक्षणिक संस्था की स्थापना देश के पहले कृषि मंत्री व शिक्षा महर्षि डॉ. पंजाबराव उर्फ भाउसाहब देशमुख द्वारा की गई और अमरावती देखते ही देखते विदर्भ क्षेत्र में शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बन गया. आज अमरावती में अनेकों नामांकित स्कूल व कॉलेज है. जहां से प्रतिवर्ष हजारों विद्यार्थी विभिन्न शाखाओं की पदवियां प्राप्त करते हुए उत्तीर्ण होते है. किंतु इनमें से आयटी, सॉफ्टवेअर, मेकॅनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा इलेक्ट्रीकल्स अभियांत्रिकी शाखाओं के विद्यार्थियों को अमरावती में अपनी शिक्षा के अनुरूप नौकरी अथवा व्यवसाय के अवसर उपलब्ध नहीं होते. ऐसे में उन्हें मजबूरन अमरावती छोडकर अन्य बडे शहरों में जाना पडता है. जिसका हर लिहाज से अमरावती शहर व जिले को नुकसान होता है, क्योंकि इन युवाओं द्वारा उन्हीं शहरों में रहकर पैसे कमाये जाये है और वहीं अपनी विभिन्न जरूरतों पर खर्च किये जाते है. जिससे उन शहरों की वित्तीय स्थिति मजबूत होती है. यदि इन सभी युवाओं को अमरावती में ही रहकर रोजगार के योग्य अवसर उपलब्ध होते है, तो इससे स्थानीय स्तर पर सभी क्षेत्रों में क्रांति आ सकती है.
इस पत्रवार्ता में बादल कुलकर्णी ने बताया कि, वर्ष 1995 के दौरान एक आंदोलन के बाद तत्कालीन सरकार ने स्थानीय एमआयडीसी में आयटी पार्क के नाम पर एक ईमारत आवंटित की थी. किंतु बाद में किसी ने इसकी ओर ध्यान ही नहीं दिया और जनता के पैसों से तैयार हुई वह इमारत अब जर्जर होकर काफी दयनीय अवस्था में पहुंच गई है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, अमरावती में आयटी पार्क के लिए कम से कम 50 एकड जमीन आरक्षित की जाये. जिसमें से पांच एकड जगह पर आयटी पार्क की सुसज्जित बिल्डींग तैयार की जाये और वहां पर स्थानीय व छोटी आयटी स्टार्टअप् कंपनियों के लिए जगह उपलब्ध करायी जाये. वहीं शेष 45 एकड जमीन बडी कंपनियों के लिए आरक्षित रखी जाये. इस आयटी पार्क का एसटीपीआई तथा नैसकॉम के साथ टायअप् किया जाये, ताकि कुछ बडी कंपनियां यहां पर आ सके और बडी कंपनियों को आमंत्रित व आकर्षित करने हेतु विभिन्न उपक्रम आयोजीत किये जाये. इन सभी कामों को पूर्ण करने के लिए नोडल ऑफिसर के तौर पर आईएएस अधिकारी की नियुक्ति की जाये और स्थानीय भुमिपूत्रों को आयटी पार्क में नौकरी अथवा व्यवसाय हेतु पहली प्राथमिकता दी जाये.
इस पत्रकार परिषद में भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष बादल कुलकर्णी सहित भाजयुमो शहर उपाध्यक्ष सूरज जोशी व तुषार चौधरी, पूर्व आयटी सेल प्रमुख सुनील पाठक, श्याम साहू, अखिलेश राजपूत, सौरभ पींपलकर, अमोल ढोके, अनंत गावंडे, रोहित काले, शुभम तिखिले, मनाल गाडगे, ब्रजेश चव्हाण व निखिल जोशी आदि उपस्थित थे.

Related Articles

Back to top button