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23 से 26 हजार रूपयों का वेतन मिलता है मनपा के ठेका नियुक्त कर्मियों को

आऊट सोर्सिंग एजेंसी की ओर से सेवा शुल्क, गणवेश शुल्क व ओवरहेड शुल्क भी अलग से दिये जाते है

  •  मूल वेतन व विशेष भत्ता दिया जाता है ‘इन हैण्ड बाय कैश’

  • जीपीएफ व ईएसआयसी की रकम जमा होती है बैंक खाते में

अमरावती/प्रतिनिधि दि.8 – इस समय जहां एक ओर कोविड संक्रमण के खतरे की वजह से लोगों के पास रोजगार के अवसर बेहद सीमित है और उन्हेें नौकरियां नहीं मिल रही, वहीं कई बेरोजगारों के पास इस समय अच्छे-खासे वेतन पर मनपा की सेवा में शामिल होने का एक शानदार अवसर उपलब्ध है. बता दें कि, मनपा की सेवा में रहनेवाले कई कर्मचारियों के रिटायर हो जाने की वजह से मनपा द्वारा अपना कामकाज चलाने हेतु उन पदों पर ठेका पध्दति से कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है. जिसके लिए ठेकेदार एजन्सी का चयन करने की प्रक्रिया इस समय चल रही है. हालांकि इसे लेकर काफी हद तक हंगामा मचा हुआ है.
इस संदर्भ में दैनिक अमरावती मंडल द्वारा अपने स्तर पर की गई पडताल में पता चला है कि, ठेका पध्दति पर नियुक्त होनेवाले कर्मचारियों के लिए भी मनपा प्रशासन द्वारा उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार अच्छीखासी वेतन श्रेणी तय की गई है. साथ ही मनपा की ओर से तय वेतन अदा करने के अलावा ठेकेदार कंपनी से सेवाशुल्क, गणवेश शुल्क व ओवरहेड शुल्क को लेकर दरें आमंत्रित की गई है. मनपा की ओर से तय किये गये वेतन के मुताबिक किसी भी शाखा में पदवी अथवा पदविका प्राप्त रहनेवाले उच्च शिक्षित मनुष्यबल के लिए 26 हजार 651 रूपये, कक्षा 12 वीं उत्तीर्ण अथवा आयटीआय जैसा तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षित मनुष्यबल के लिए 25 हजार 298 रूपये तथा कक्षा 10 वीं या 11 वीं तक शिक्षा प्राप्त न्यूनतम शिक्षित मनुष्यबल के लिए 23 हजार 270 रूपये का कुल वेतन तय किया गया है. इसमें से मूल वेतन व विशेष भत्ते की रकम ठेकेदार एजन्सी के मार्फत ठेका नियुक्त कर्मचारी को नकद अदा की जाती है. वहीं मूल वेतन व विशेष भत्ते की कुल राशि पर 12.5 फीसद भविष्य निर्वाह निधी, 4.75 फीसद ईएसआयसी तथा 18 फीसद जीएसटी की रकम संबंधित कर्मचारी के बैंक खाते में जमा करायी जाती है. इसके अलावा ठेका प्राप्त रहनेवाली एजन्सी को अपने कर्मचारियों को सेवा प्रदान शुल्क, गणवेश शुल्क तथा आपातकालीन वैद्यकीय सहायता व अन्य तत्सम सुविधाओं का समावेश रहनेवाले ओवरहेड शुल्क अदा करने होते है. जिसकी दरें मनपा द्वारा निविदा प्रक्रिया में शामिल एजेंसियों से मंगायी गई है.
सर्वाधिक उल्लेखनीय बात यह है कि, मूल वेतन व विशेष भत्ते सहित भविष्य निर्वाह निधी, ईएसआयसी तथा जीएसटी के तहत दिये जानेवाले कुल वेतन की रकम में ठेकेदार एजेन्सी द्वारा 1 रूपये का भी बदलाव नहीं किया जा सकता और ठेका नियुक्त कर्मचारी को इस कुल वेतन की राशि का अनिवार्य तौर पर भुगतान करना होता है. वहीं सेवा प्रदान शुल्क, गणवेश शुल्क व ओवरहेड शुल्क की दरें निविदा प्रक्रिया के तहत तय होंगी. जिसके अनुसार ठेकेदार के तौर पर नियुक्त होनेवाली एजेंसी को यह शुल्क अदा करने होेंगे.

  • 6.91 करोड रूपयों का है ठेका

300 से 350 कर्मचारियों की होती है नियुक्ति

बता दें कि, मनपा में ठेका पध्दति के तहत विभिन्न श्रेणी के करीब 300 से 350 पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है और इन पदों पर आवश्यक योग्यता रहनेवाले कर्मचारियों को नियुक्त करने हेतु 6.91 करोड रूपयों का ठेका जारी कर मनुष्यबल आपूर्तिकर्ता एजेंसी की नियुक्ति की जाती है. जिसके लिए मनपा की ओर से शर्त रखी गई है कि, ठेकेदार एजेन्सी द्वारा पहले अपनी जेब से सभी ठेका नियुक्त कर्मचारियों को कुल वेतन व अन्य आर्थिक लाभ अदा किये जाये. जिसके बाद इससे संबंधित देयक मनपा में पेश किया जाये. जिसका मनपा द्वारा भुगतान किया जायेगा. साथ ही यह शर्त भी रखी गई है कि, यदि मनपा द्वारा देयकों का भुगतान अदा करने में थोडा विलंब होता है, तो ठेकेदार एजेन्सी के पास अपने कर्मचारियों को कम से कम तीन माह का वेतन अदा करने की व्यवस्था होनी चाहिए.

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