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कोरोना मरीज के अस्पताल से भागने पर जिम्मेदार कोैन

बगैर मास्क घुमना, कोविड वार्ड में जाने वाले अपराधी

  • सुपर कोविड अस्पताल की लापरवाही पर कब तक पर्दा गिराएगी पुलिस

  • वृध्द मरीज की मौत में गाडगे नगर पुलिस की भुमिका संदेहास्पद

अमरावती/दि.27 – फिलहाल अमरावती शहर ही नहीं बल्कि समूचे जिले में कोरोना महामारी के बढते संक्रमण ने कहर ढा दिया है. कोरोना की इस श्रृंखला को तोडने के लिए फिलहाल जिले में कडा लॉकडाउन शुरु है. इस दौरान पुलिस शहर में बगैर मास्क घुमने वाले व्यक्ति पर अपराध दर्ज करती है, अगर कोई कोविड वार्ड में बगैर मास्क पहने गए तो उस व्यक्ति पर अपराध दर्ज करने पुलिस किसी के शिकायत की राह नहीं देखती, स्वयं सरकार की ओर से फरियादी बनकर उस व्यक्ति पर अपराध दर्ज करती है, लेकिन शनिवार को शहर के सुपर कोविड अस्पताल से बाहर निकले मरीज ने भीमनगर में एक महिला के घर के सामने सिडी पर दम तोड दिया. यह वृध्द मरीज सुपर स्पेशालिटी में भर्ती था, यह बात स्पष्ट हुई है, वह अस्पताल से निकला, यह भी स्पष्ट हुआ है तो फिर कोरोना मरीज के अस्पताल से भागने पर जिम्मेदार कौन? निश्चित ही सुपर कोविड अस्पताल का व्यवस्थापन इसके लिए जिम्मेदार है और गाडगे नगर पुलिस ने इस घटना की गहराई तक जाकर उसपर अपराध दर्ज करना चाहिए, ऐसा न करते हुए गाडगे नगर पुलिस फिलहाल सुपर कोविड अस्पताल की लापरवाही पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है. यहीं वजह है कि वृध्द मरीज की मौत के मामले में गाडगे नगर पुलिस की भूमिका पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. विशेष यह कि सुपर कोविड अस्पताल में इस तरह की लापरवाह घटना इस समय पहली बार नहीं हुई. इससे पहले अमरावती जेल का एक कैदी इसी कोविड अस्पताल से भाग गया था. उस समय भी गाडगे नगर पुलिस ने अस्पताल प्रशासन पर बगैर कोई कार्रवाई किये चुपी साध रखी थी, यह विशेष.
उल्लेखनीय है कि धामणगांव रेलवे तहसील के आजनगांव में रहने वाले 70 वर्षीय वृध्द कोरोना पॉजिटीव पाये जाने पर उसके परिजनों ने 22 अप्रैल को उसे इलाज के लिए सुपर कोविड अस्पताल में भर्ती किया था. यहां तक की अस्पताल में भर्ती होने के बाद इस मरीज के रिश्तेदार उसका सुबह और शाम का टीफिन अस्पताल के काउंटर पर लाकर रखते थे. इसी बीच अस्पताल में भर्ती कराने के बाद न जाने कब यह वृध्द अस्पताल से बाहर निकला और पैदल चलते हुए रामपुरी कैम्प से भिमनगर की ओर गया. वहां उसने एक महिला को पानी मांगा, दो घुट पानी पिकर इस वृध्द ने वहीं पर दम तोड दिया. घटना की खबर गाडगे नगर पुलिस को दी गई. पुलिस ने घटनास्थल का पंचनामा कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए इर्विन अस्पताल के शवघर में भेज दिया. रविवार को सुबह इसी मरीज के रिश्तेदार कोविड अस्पताल पहुंचे तब उन्हें पता चला कि उनका मरीज अस्पताल में नहीं है. उन्होंने इस वृध्द की तलाश आरंभ की तब पता चला कि शनिवार को दोपहर भिम नगर परिसर में उनके मरीज की लाश मिली. विशेष बात यह कि मरीज के रिश्तेदारों ने गाडगे नगर थाने में शिकायत दर्ज कर उनके मरीज के मृत्यु की जांच की मांग भी की है, लेकिन अभी तक गाडगे नगर पुलिस ने यह मामला आकस्मिक मोैत के रुप में दर्ज किया है.
इस बारे में गाडगे नगर के थानेदार आसाराम चोरमले का कहना रहा कि पुलिस इसकी जांच करेगी और अपने वरिष्ठों की सलाह लेकर इसमें अपराध दर्ज करेगी. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी इसी सुपर कोविड अस्पताल से जेल का एक कैदी जो कोरोना बाधित था वह भाग गया था. उस समय भी गाडगे नगर पुलिस ने सुपर कोविड अस्पताल की लापरवाही पर पर्दा डाला था और इस समय भी आज घटना को घटीत हुए 4 दिन बीत चुके है, लेकिन अभी तक पुलिस ने इस वृध्द की मृत्यु के मामले में किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया है. उससे पहले एक आंदोलनकारी बगैर मास्क लगाए इसी कोविड अस्पताल में प्रवेश कर गए थे, उस समय गाडगे नगर पुलिस ने तत्काल उस आंदोलनकारी किसान नेता पर अपराध दर्ज किया है. कोरोना की श्रृंखला तोडने आज सडकों पर बगैर मास्क घुमने वाले लोगों पर पुलिस तत्काल कार्रवाई करती है, तो फिर सुपर कोविड अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से कोरोना मरीज अस्पताल से बाहर निकलकर काफी घंटों तक रिहायशी इलाकों में घुमने के बाद सार्वजनिक स्थल पर हुई उसकी मृत्यु के लिए जिम्मेदार कौन? निश्चित ही इस घटना के लिए सुपर कोविड अस्पताल का प्रशासन लापरवाह है, तो फिर उसकी लापरवाही पर पुलिस पर्दा क्यो गिरा रही है, इस तरह के अनेकों प्रश्न उपस्थित किये जा रहे है.

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