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संभाग को मिला 80 हजार कोविशिल्ड वैक्सीन का स्टॉक

वैक्सीन की किल्लत हुई दूर, टीकाकरण के काम ने पकडी रफ्तार

  • अमरावती जिले को मिली 25 हजार वैक्सीन की खेप

अमरावती/प्रतिनिधि दि.26  – गत रोज अमरावती संभाग के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 80 हजार कोविशिल्ड वैक्सीन की खेप उपलब्ध करायी गयी है. जिसमें से अमरावती जिले को 25 हजार वैक्सीन का स्टॉक दिया गया है. वहीं अकोला को 20 हजार, बुलडाणा को 20 हजार, यवतमाल को 10 हजार तथा वाशिम जिले को 5 हजार वैक्सीन का स्टॉक वितरित किया गया है.
अमरावती जिले को कोविशिल्ड वैक्सीन का नया स्टॉक मिलने के साथ ही शहर सहित जिले में लाभार्थियों को वैक्सीन के टीके लगाने का काम शुरू किया गया है और अधिकांश टीकाकरण केंद्रों को शुरू करते हुए वहां पर लाभार्थियों को टीके लगाये जा रहे है. ऐसे में लगभग सभी टीकाकरण केंद्रों पर लाभार्थियों की अच्छीखासी भीड देखी जा रही है. जहां पर लाभार्थियों के बैठने हेतु कुर्सियों के साथ ही छाव और पीने के पानी की व्यवस्था की गई है.

  • आज रात को-वैक्सीन के पांच हजार डोज मिलेंगे

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक अमरावती संभाग के लिए भारत बायोटेक से को-वैक्सीन की खेप भी रवाना हो चुकी है और सोमवार की रात यानी आज रात ही को-वैक्सीन के पांच हजार डोज अमरावती के जिला स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हो जायेंगे. ऐसे में कल से कोविशिल्ड के साथ ही को-वैक्सीन का भी पहला व दूसरा टीका लगाया जाना शुरू कर दिया जायेगा.

  • 8,75,139 को लग चुके 10,03,377 डोज

बता दें कि, इससे पहले उपलब्ध हुए कोविशिल्ड व को-वैक्सीन के स्टॉक से समूचे संभाग में 8 लाख 75 हजार 139 लाभार्थियों ने वैक्सीन की पहली डोज लगवायी है. जिसमें से 1 लाख 28 हजार 238 को दूसरी डोज भी लगायी जा चुकी है. इस तरह से अब तक कुल 10 लाख 3 हजार 377 डोज लगाये जा चुके है. विगत दो दिनोें से वैक्सीन की किल्लत रहने की वजह से टीकाकरण का काम बंद था, जो अब नये स्टॉक उपलब्ध हो जाने पर सोमवार से दुबारा शुरू हुआ है.

  •  सोशल मीडिया पर चल रहा पूछताछ का दौर

विगत दो दिनों से शहर में कितनी वैक्सीन उपलब्ध है, किस अस्पताल या सेंटर पर टीका लगाया जा रहा है, इसे लेकर सोशल मीडिया पर अच्छीखासी चर्चा व पूछताछ चल रही है. दो दिन पूर्व वैक्सीन की किल्लत रहने के चलते कई टीकाकरण केंद्रों को बंद किया गया था. ऐसे में जिन केंद्रों पर टीकाकरण किया जा रहा था, वहां लोगों की अच्छीखासी भीडभाड हो रहीं थी. साथ ही लोगबाग अपने परिचितों से अन्य किसी केंद्र पर टीकाकरण जारी रहने को लेकर पूछताछ कर रहे थे.
उल्लेखनीय है कि, अमूमन सोशल मीडिया के नाम पर लोगबाग नाक-भौं सिकोडते है, साथ ही सोशल मीडिया को टाईमपास का जरिया माना जाता है. किंतु कोविड संक्रमण काल के दौरान इसी सोशल मीडिया ने कई लोगों को जीवनदान भी दिया है. इस वास्तविकता से इन्कार नहीं किया जा सकता. इस समय वैक्सीन के साथ ही प्लाज्मा, ऑक्सिजन व वेंटिलेटर बेड की उपलब्धता को लेकर विभिन्न सामाजिक ग्रुप में जरूरतमंदों द्वारा पूछताछ की जा रही है. साथ ही हर कोई अपने-अपने स्तर पर सहायता हेतु प्रयास भी कर रहा है. इसे सोशल मीडिया का सार्थक व सकारात्मक पहलू भी कहा जा सकता है.

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