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मजदूरों को क्वारेटाइन से बचाने गाडी लेकर भागा था चालक

सर्कीट हाउस के पास से मारोती लेकर भागा था

  •  गाडी में ही सोशल डिस्टेसिंग का उल्लंघन, लॉकडाउन तोडा

  •  फिर भी पुलिस ने चालक को केवल नोटीस देकर छोडा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.2 – परासो रविवार की रात 9 बजे के दौरान स्थानीय कैम्प परिसर स्थित शासकीय विश्रामगृह के पास पुलिस ने एक मारोती ओमनी वैन रोकने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस को चकमा देकर यह वैन चालक हवा की रफ्तार में अपना वाहन लेकर भागा. उसका फिल्मी अंदाज में पीछा कर पुलिस ने आखिर उसे रहमतनगर परिसर में पकड लिया. कल शाम तक पुलिस ही इस उलझन में थी कि तलाशी में इस गाडी में कुछ भी संदेहास्पद नहीं मिला तो फिर वैन चालक इतने तेज रफ्तार से क्यों भागा. कल जब उसे थाने में लाकर पूछताछ की गई तब पता चला कि इस मारोती वैन में वर्धा के 5 मजदुर सवार थे. जो कि जिलाधीश के लॉकडाउन आदेशों के अनुसार क्षमता से ज्यादा थे. दूसरा बाहरी जिले से आने वाले लोगों को स्थानीय प्रशासन ने पकडने के बाद उन्हें क्वारेंटाइन नहीं करना चाहिए, इस डर से भुर्‍या नामक यह चालक वाहन लेकर भाग गया था. आश्चर्य की बात यह कि लगभग 2 घंटे शहर में यह दिल दहलाने वाली घटना होने के बावजूद गाडगे नगर पुलिस ने वैन चालक को केवल नोटीस देकर छोड दिया.
जानकारी के अनुसार रविवार रात कैम्प स्थित सर्कीट हाउस के पास एमएच 30/एए-625 नंबर की सिल्वर रंग की मारोती ओमनी को लॉकडाउन बंदोबस्त में तैनात पुलिस कर्मियों ने रोकने का प्रयास किया. इस गाडी के शिशों पर ब्लैक फिल्म लगाई गई थी. इस कारण भीतर क्या है, यह किसी को पता नहीं था, लेकिन चालक पुलिस के इशारे पर रुकने की बजाय वाहन लेकर रेस्ट हाउस से बियाणी चौक, वहां से जिलाधीश कार्यालय के पास से पुलिस आयुक्तालय होते हुए राजकमल चौक, खोलापुरी गेट, पठान चौक होकर मुजफ्फरपुर, वहां से अलीम नगर होते हुए रहमतनगर पहुंचा. वहां पुलिस ने चारों ओर से वाहन को घेर लिया, लेकिन तब तक चालक गाडी छोडकर भाग गया था. पुलिस ने वाहन में सवार लोगों से पूछताछ की तो वे वर्धा के निवासी मजदूर थे. वाहन में कोई भी संदेहास्पद वस्तु भी नहीं थी तो फिर पुलिस को चकमा देकर वाहन चालक क्यों भागा यह प्रश्न पुलिस के सामने था. कल पुलिस ने रहमतनगर परिसर में रहने वाले इस भुर्‍या नामक चालक को थाने में बुलाकर उसे पूछताछ की. तब उसने बताया कि गाडी में वर्धा के मजदूर थे और वह भी स्वयं दूसरे जिले से गाडी लेकर आया था. इस कारण उसे डर था कि कही पुलिस उन्हें क्वारेंटाइन न कर ले. इसी डर से वो गाडी लेकर भागा. आश्चर्य की बात यह है कि इस मारोती वैन के पिछे पुलिस की 4 गाडियां, सीआर वैन और दुपहिया पर कमांडो लगातार पीछा कर रहे थे तथा सायरन की आवाज से लोगों में भी दहशत मची थी. इस हवा की रफ्तार से रास्ते पर वाहन दौडाने से दुर्घटना की संभावना भी बनी थी. बावजूद इसके वाहन चालक पर कोई गंभीर अपराध दर्ज न करते हुए गाडगे नगर पुलिस ने कल उसे केवल नोटीस देकर छोड दिया. उसपर लॉकडाउन का उल्लंघन करने, गाडी में क्षमता से ज्यादा यात्रियों को बिठाने के साथ ही मोटर वेहिकल एक्ट के तहत अपराध भी दर्ज हो सकता था, लेकिन गाडगे नगर पुलिस आखिर चालक पर इतनी मेहरबान क्यों हुई, इस तरह के अनेकों प्रश्न उपस्थित किये जा रहे है.

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