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एक्झाम की फिर ‘ऐसी-तैसी‘

  • चौथी बार मुंह के बल गिरा विद्यापीठ, परिक्षाएं फिर स्थगित

  • परीक्षार्थियों के साथ खेला जा रहा ‘तारीख पे तारीख‘, विद्यार्थी व अभिभावक त्रस्त

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२२  – स्थानीय संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ की ऑनलाईन एक्झाम की एक बार फिर ‘ऐसी-तैसी‘ हो गयी है और तमाम बडे-बडे व बडबोले दावों के बाद एक बार फिर विद्यापीठ ने ऑलाईन ए्नझाम को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है. यह लगातार चौथा मौका है. जब विद्यापीठ को ऑनलाईन ए्नझाम स्थगित करते हुए जबर्दस्त किरकिरी का सामना करना पड रहा है. वहीं दूसरी ओर विद्यापीठ द्वारा खेले जा रहे ‘तारीख पे तारीख‘ वाले खेल की वजह से संभाग के हजारों परिक्षार्थियों व उनके अभिभावकों को मानसिक पीडा के दौर से गुजरना पड रहा है.
बता दें कि, इससे पहले विद्यापीठ की ऑनलाईन परीक्षाएं १ अक्तूबर से शुरू होनेवाली थी. किंतु उस समय विद्यापीठ के शिक्षकेत्तर कर्मचारियों द्वारा काम बंद आंदोलन किया जा रहा था. जिसकी वजह से पहली बार इन परिक्षाओं को स्थगित किया गया. पश्चात हडताल खत्म होने के चलते १२ अक्तूबर से परीक्षा लेने की घोषणा की गई और तमाम तैयारियां व नियोजन पूर्ण रहने के दावे किये गये, लेकिन परीक्षा से महज कुछ घंटे पहले रविवार ११ अक्तूबर की शाम विद्यापीठ द्वारा कुछ तकनीकी दिक्कतों का हवाला देते हुए १२ अक्तूबर से ली जानेवाली परीक्षा को एक सप्ताह के लिए मुलतवी किया गया और मंगलवार २० अक्तूबर से परीक्षा लेने की घोषणा की गई. इस दौरान विद्यापीठ द्वारा पहले की तरह मॉकड्रील व यूट्यूब पर मार्गदर्शन जैसी तमाम ‘कवायतें‘ की गई और हर तरह की तकनीकी दिक्कत को दूर कर लेने और इस बार सबकुछ ‘ऑलवेल‘ रहने का दावा करते हुए मंगलवार २० अक्तूबर से यह परीक्षा लेनी शुरू की गई, लेकिन परीक्षा के पहले ही दिन विद्यापीठ की सारी असलीयत खुलकर सामने आ गयी, जब इस ऑनलाईन परीक्षा में लॉगइन व प्रश्नपत्र के डाउनलोड को लेकर कई तरह की दिक्कते सामने आयी. जिसकी वजह से संभाग के हजारों परीक्षार्थी ऑनलाईन परीक्षा देने से वंचित रह गये. लेकिन इसके बावजूद विद्यापीठ प्रशासन द्वारा दावे किये जाते रहे कि, यह छोटी-मोटी तकनीकी गडबडी है. जिसे तुरंत ही दुरूस्त कर लिया जायेगा और कोई भी विद्यार्थी परीक्षा देने से वंचित नहीं रहेगा. पश्चात दूसरे दिन २१ अक्तूबर को होनेवाली परीक्षा को स्थगित करते हुए विद्यापीठ की ओर से कहा गया कि, २१ अक्तूबर को ली जानेवाली परीक्षा ८ नवंबर को होगी. वहीं २२ अक्तूबर से परीक्षाओं का नियोजन पूर्ववत होता रहेगा. किंतु इसके बाद परीक्षा का सुचारू ढंग से नियोजन करने और तकनीकी समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए बुलायी गयी मैराथॉन बैठक के बाद बुधवार २१ अक्तूबर की शाम ७.३० बजे विद्यापीठ प्रशासन द्वारा परीक्षा को एक बार फिर स्थगित करने का निर्णय लिया गया.

बैठक बुलायी समस्या ढूंढने, निर्णय हुआ स्थगित करने

का पता चला है कि, कुलगुरू डॉ. मुरलीधर चांदेकर के कक्ष में बुधवार की सुबह ११ बजे से ऑनलाईन व ऑफलाईन परीक्षाओं के नियोजन को लेकर मैराथॉन बैठक बुलायी गयी. जिसमें प्र कुलगुरू डॉ. राजेश जयपुरकर, परीक्षा व मूल्यांकन मंडल के संचालक डॉ. हेमंत देशमुख, अधिष्ठाता डॉ. एफ. सी. रघुवंशी, डॉ. अविनाश मोहरील, डॉ. डी. डब्ल्यू. निचित आदि उपस्थित थे. दिनभर चली बैठक के बाद जब शाम ६ बजे परीक्षा के नियोजन हेतु नियुक्त प्रोमार्क कंपनी की प्रत्यक्ष परीक्षा ली गयी, तो प्रोमार्क कंपनी इस परीक्षा में पूरी तरह से फेल हो गयी. ऐसे में कुलगुरू डॉ. चांदेकर ने गुरूवार से ली जानेवाली परीक्षा को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया. साथ ही इस बैठक में इस बात को लेकर भी जबर्दस्त नाराजगी जतायी गयी कि, प्रोमार्क कंपनी के पास ऑनलाईन परीक्षा के लिए तमाम जरूरी बाते उपलब्ध ही नहीं है. ऐसे में उपस्थितों ने इस बात को लेकर आश्चर्य भी व्यक्त किया कि, जब विगत लंबे समय से बार-बार परीक्षाएं स्थगित हो रही है, और इसके बावजूद भी प्रोमार्क कंपनी के पास परीक्षा के संचालन व नियोजन हेतु आवश्यक चीजें उपलब्ध नहीं है तो आखिर इस कंपनी का अनावश्यक ‘लाड-प्यार‘ क्यों किया जा रहा है.

तीन बार परीक्षा हो चुकी स्थगित, प्रोमार्क हर बार फेल

यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ११ अक्तूबर को शुरू होनेवाली थी. किंतु उस समय शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की हडताल की आड लेते हुए विद्यापीठ द्वारा ये परीक्षाएं स्थगित की गई. जबकि हकीकत यह है कि, इस परीक्षा को लेकर काफी पहले से तैयारियां चल रही थी. और विद्यापीठ के परीक्षा विभाग को इस परीक्षा से लगभग दूर ही रखा गया था. ऐसे में ऑनलाईन परीक्षा का पूरा जिम्मा प्रोमार्क कंपनी पर ही था. और कंपनी चाहती तो ऑनलाईन परीक्षा का आयोजन को बडी आसानी से कर ही सकती थी, लेकिन कंपनी ने इस हडताल को अपने लिए एक सुविधापूर्ण मौके के तौर पर लिया और परीक्षा लेने से हाथ खडे कर दिये. साथ ही विद्यापीठ प्रशासन ने भी प्रोमार्क कंपनी की हां में हां सिर हिलाते हुए परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया और यह परीक्षा १२ अक्तूबर से लिये जाने की घोषणा की गई. इस दौरान विद्यापीठ द्वारा रोजाना ही मीडिया के नाम पत्र जारी कर दावे किये जा रहे थे कि मॉकड्रील परिक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया है. जिसमें इतने-इतने हजार परीक्षार्थी शामिल हुए है और सभी परीक्षार्थियों को कई-कई बार यूट्यूब पर इस ऑनलाईन परीक्षा का ऑनलाईन मार्गदर्शन किया गया. ऐसे में अब ऑनलाईन परीक्षा लेने में कोई दिक्कत नहीं आयेगी. लेकिन परीक्षा से ऐन एक दिन पहले ही विद्यापीठ के इस भरोसे की भैस पानी में डूब गयी, जब रविवार ११ अक्तूबर की शाम विद्यापीठ द्वारा दूसरी बार इस परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय लेते हुए कहा गया कि, कुछ तकनीकी दिक्कते और समस्याएं अब भी पेश आ रही है. जिन्हें दूर करते हुए मंगलवार २० अक्तूबर से परीक्षाएं ली जायेगी. इसके बाद एक बार फिर मॉकड्रिल और यूट्यूब मार्गदर्शन का सिलसिला चलाया गया तथा दूबारा दावे किये गये कि, अब की बार तो पक्का कुछ नहीं होगा, लेकिन बावजूद इसके २० अक्तूबर को जैसे ही ऑनलाईन परीक्षा शुरू हुई, वैसे ही विद्यापीठ का घोडा बीच रास्ते में बैठ गया. जिसकी वजह से हजारों परीक्षार्थी यह परीक्षा देने से वंचित रह गये. जिसके बाद विद्यापीठ प्रशासन ने तुरंत आनन-फानन में २१ अक्तूबर को होनेवाली परीक्षा को स्थगित किया और कहा कि, २१ अक्तूबर को होनेवाली परीक्षा ८ नवंबर को ली जायेगी तथा २२ अक्तूबर से परीक्षाएं बदस्तूर पूर्व नियोजीत टाईमटेबल के हिसाब से होंगी. लेकिन २१ अक्तूबर की रात विद्यापीठ के समझ में यह बात आ गयी कि, २२ अक्तूबर से ऑनलाईन परीक्षा लेना उनकी कुवत के बाहर की बात है. ऐसे में देर रात यह निर्णय लिया गया कि, २२ अक्तूबर से होनेवाली परीक्षाएं फिलहाल स्थगित रखी जायेंगी और इस संदर्भ में नया टाईमटेबल जल्द ही घोषित किया जायेगा. यह लगातार चौथा मौका है, जब प्रोमार्क नामक कंपनी की वजह से विद्यापीठ को अपनी परीक्षाएं स्थगित करते हुए विद्यार्थियों के रोष और गुस्से का सामना करने के साथ ही शर्मिंदगी का भी सामना करना पड रहा है. वहीं विद्यापीठ द्वारा बडे ठोक बजाकर लायी गयी प्रोमार्क नामक कंपनी लगातार चार बार विद्यापीठ सहित विद्यार्थियों के विश्वास की कसौटी पर पूरी तरह से फेल हुई है.

गोंडवाना की ब्लैक लिस्टेड कंपनी का अमरावती में ‘लाड‘ क्यों ?

यहां यह विशेष तौर पर ध्यान दिलाये जानेवाली बात है कि, जिस प्रोमार्क कंपनी को अमरावती विद्यापीठ में परीक्षा लेने का जिम्मा सौंपा गया है, वह कंपनी गोंडवाना विद्यापीठ द्वारा इस काम के लिए ब्लैकलिस्टेड की गई है. लेकिन बावजूद इसके इस कंपनी को बडे आश्चर्यजनक ढंग से अमरावती सहित नागपुर विश्वविद्यालय की परीक्षा लेने हेतु नियुक्त किया गया और इस कंपनी की वजह से जहां पहले नागपुर विद्यापीठ की परीक्षाओं का सत्यानाश हुआ. वहीं अब अमरावती विद्यापीठ में एक्झाम की ऐसी की तैसी हो गयी है. लेकिन बावजूद इसके स्थानीय विद्यापीठ प्रशासन द्वारा प्रोमार्क कंपनी का ‘लाड-प्यार‘ लगातार जारी है., जो समझ से परे है. लेकिन विद्यापीठ प्रशासन और प्रोमार्क कंपनी के बीच चल रहे इस ‘अनकहे रिश्ते‘ का खामियाजा संभाग के करीब डेढ लाख परीक्षार्थियों को भुगतना पड रहा है, जो ‘तारीख पे तारीख‘ के फेर में फंसकर रह गये है.

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