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अध्यादेश में बदलाव तक जारी रहेगा अनशन

मनोज जरांगे पाटिल अपनी भूमिका पर फिर अडे

* सभी मराठो को बिना शर्त कुणबी प्रमाणपत्र देने की मांग रखी
जालना/दि.7 – मराठा आरक्षण की मांग को लेकर विगत 9 दिनों से आमरण अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल अब भी अपनी भूमिका पर अडे हुए है. राज्य सरकार द्बारा इस संदर्भ में जारी किया गया अध्यादेश प्राप्त होने के बाद अपनी भूमिका स्पष्ट करने के संदर्भ में मनोज जरांगे पाटिल ने आज सुबह पत्रवार्ता बुलाने की बात कही थी. जिसके मुताबिक आज दोपहर अर्जुन खोतकर राज्य सरकार का अध्यादेश लेकर मनोज जरांगे पाटिल से मिलने पहुंचे. लेकिन मनोज जरांगे पाटिल ने आंदोलन खत्म करने के निवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि, उन्हें इस अध्यादेश में बदलाव अपेक्षित है और जब तक अध्यादेश में अपेक्षित बदलाव नहीं किया जाता, तब तक आमरण अनशन ऐसे ही चलता रहेगा. इसके साथ ही मनोज जरांगे पाटिल ने अध्यादेश में बदलाव करने हेतु अपने प्रतिनिधि मंडल को राज्य सरकार के पास भेजने को लेकर हामी भरी.
मराठा आरक्षण की मांग पर प्राणांतिक अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल का कहना है कि, मराठवाडा के जिन लोगों की वंशावली में कुणबी का उल्लेख होगा, उन्हें कुणबी मराठा के तौर पर जाति प्रमाणपत्र दिया जाएगा, ऐसा इस अध्यादेश में कहा गया है. किंतु महाराष्ट्र में कई ऐसे मराठा है. जिनके पास उनकी वंशावली का कोई भी दस्तावेज नहीं है. ऐसे में महाराष्ट्र के सभी मराठों को सीधे-सीधे कुणबी जाति प्रमाणपत्र दिया जाए, ऐसा बदलाव इस अध्यादेश में किया जाना चाहिए.
जालना के अंतरगांव सराटी में अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने अर्जुन खोतकर से मुलाकात के बाद मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि, अध्यादेश में सुधार करने के संदर्भ में चर्चा हुई है. जिसके बारे में प्रतिनिधि मंडल भेजने की बात तय की गई है. हमारा प्रतिनिधि मंडल सरकार से मिलने हेतु जाएंगा. मैंने अपने प्रतिनिधियों से कहा है कि, आप जब तक अध्यादेश में संशोधन करवाकर नहीं लाओगे, तब तक मैं पानी नहीं पिउंगा और जब आप काम पूरा करने के बाद लौटोंगे, तो आप लोगों के हाथ से ही पानी पीकर अनशन छोडूंगा. इसके साथ ही मनोज जरांगे पाटिल ने यह भी कहा कि, जब तक मराठा समाज को न्याय नहीं मिलता, तब तक उनका आंदोलन व अनशन बदस्तूर जारी रहेगा.

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