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सहकार पैनल का पहला पॉम्पलेट जारी

 पॉम्पलेट में 7 प्रत्याशियों के नाम घोषित

  •  सातों प्रत्याशी सर्वाधिक मतदाता संख्यावाले

  •  प्रचार हेतु वरूड पहुंचे सातों प्रत्याशी

  •  प्रत्याशियों के साथ निर्विरोध निर्वाचित ठाकरे के पुत्र भी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.15 – आगामी 4 अक्तूबर को होनेवाले जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के चुनाव हेतु निवर्तमान सत्तापक्ष में शामिल रहे संचालकों द्वारा सहकार पैनल को लेकर पहली अधिकारिक घोषणा कर दी गई है. जिसके तहत पूरे जिले में मतदाता रहनेवाले 7 प्रत्याशियों के नाम व छायाचित्रवाला पॉम्पलेट प्रकाशित किया गया है. इस पॉम्पलेट में ओबीसी संवर्ग से अनिरूध्द उर्फ बबलू देशमुख, एससी-एसटी संवर्ग से बलवंत वानखडे, महिला आरक्षित संवर्ग से मोनिका संजय मार्डीकर व सुरेखा ठाकरे, क-2 (नागरी सहकारी बैंक व गृहनिर्माण संस्था) संवर्ग से प्रकाश कालबांडे, क-1 (व्यक्तिगत) संवर्ग से मनीष कोरपे तथा ब-3 (वीजेएनटी) संवर्ग से पुरूषोत्तम अलोणे को सहकार पैनल का प्रत्याशी बताया गया है.
समूचे जिले में मतदाता रहनेवाली इन सातों निर्वाचन क्षेत्रों से सहकार पैनल के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने के साथ ही सहकार पैनल के इन सातों प्रत्याशियों ने एक साथ मिलकर पूरे जिले का दौरा करते हुए मतदाताओं से मिलना और अपना प्रचार करना भी शुरू कर दिया है. जिसकी शुरूआत वरूड तहसील से की गई. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, जिला बैंक के पिछले चुनाव में परिवर्तन पैनल की ओर से संचालक निर्वाचित हुए पूर्व विधायक नरेशचंद्र ठाकरे इस बार वरूड सेवा सहकारी सोसायटी निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन प्रक्रिया के दौरान ही निर्विरोध निर्वाचित हो गये है. यद्यपि दोनों ही पक्षों (पैनलों) द्वारा नरेशचंद्र ठाकरे को अपना प्रत्याशी बताया जा रहा है. किंतु इस बार नरेशचंद्र ठाकरे का झुकाव सहकार पैनल की ओर दिखाई दे रहा है. यह बात उस समय और अधिक पुख्ता हो गई, जब वरूड तहसील में सहकार पैनल के प्रत्याशियों द्वारा किये जाते प्रचार में पूरा समय नरेशचंद्र ठाकरे के पुत्र विक्रांत ठाकरे मौजूद थे और उन्होंने सहकार पैनल के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार भी किया. इन प्रत्याशियों का जगह-जगह पर मतदाताओं से संपर्क करवाने में विक्रांत ठाकरे की भुमिका बेहद महत्वपूर्ण रही. ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि, इस बार नरेशचंद्र ठाकरे सहकार पैनल के साथ रहेंगे. हालांकि 4 अक्तूबर को होनेवाले मतदान के बाद 5 अक्तूबर को मतगणना के नतीजे क्या रहते है, इस पर भी काफी कुछ निर्भर रहेगा. ऐसा सहकार क्षेत्र के जानकारों का कहना है.

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