मुझसे इस्तीफा मांगनेवाले पहले अपने गिरेबान में झांके
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पालकमंत्री यशोमति ठाकुर का भाजपा पर पलटवार
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भाजपाईयों को नैतिकता पर बात करने का कोई अधिकार नहीं है
अमरावती/प्रतिनिधि दि.6 – भाजपा के पास लोगों को बरगलाने, बहकाने और दिग्भ्रमित करने के अलावा अन्य कोई काम नहीं है. और ये लोग केवल बेवजह और फालतू के मुद्दे उठाकर हंगामा करना जानते है. साथ ही भाजपाईयों में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना भी कभी नहीं रही और इन दिनों मेरे इस्तीफे की मांग को लेकर भाजपा की ओर से जितना भी हंगामा किया जा रहा है, उससे भाजपा के चाल व चरित्र ही उजागर हो रहे है. इस आशय का प्रतिपादन राज्य की महिला व बालकल्याण मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने किया.
बता दें कि, वर्ष 2012 में घटित एक मामले को लेकर जिला व सत्र अदालत द्वारा पालकमंत्री यशोमति ठाकुर को दोषी करार देकर सजा सुनाये जाने के बाद शहर व जिला भाजपा पदाधिकारियों द्वारा पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के इस्तीफे की मांग बडे जोर-शोर से उठायी जा रही है. साथ ही गत रोज अमरावती जिले के दौरे पर आये भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने भी स्पष्ट तौर पर कहा कि, जब तक यशोमति ठाकुर अपने पद से इस्तीफा नहीं देती, तब तक भाजपा चैन से नहीं बैठेगी. राज्य के प्रमुख विपक्षी दल के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल द्वारा गत रोज एड. यशोमति ठाकुर के इस्तीफे को लेकर अमरावती में की गई घोषणा के संदर्भ में दैनिक अमरावती मंडल द्वारा प्रतिक्रिया हेतु पालकमंत्री यशोमति ठाकुर से विशेष तौर पर बात की. जिसमें उन्होंने उपरोक्त प्रतिपादन किया.
इस बातचीत में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, उनसे इस्तीफे की मांग करनेवाली भाजपा ने खुद अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए, क्योंकि भाजपा के कई बडे नेताओं पर हत्या व बलात्कार जैसे संगीन किस्म के अपराध दर्ज है. साथ ही कई नेताओं पर महिलाओं के साथ बदसलूकी के भी मामले दर्ज हुए है. इसके अलावा भाजपा पर कई अपराधियों और बलात्कारियों को संरक्षण देने के लांछन लग चुके है. ऐसे में भाजपा को कोई अधिकार नहीं है कि, वह नैतिकता की बात करे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, उन्होंने अपनी ओर से पहले ही अदालती फैसले और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करने की बात कही थी तथा वे अब भी अपने कहे पर कायम है. यह मामला इस समय उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है. ऐसे में भाजपाईयों को चाहिए था कि, वे कम से कम उच्च न्यायालय के फैसले के आने का इंतजार कर लेते. लेकिन संविधान और अदालत का सम्मान करना भाजपा की कभी फितरत ही नहीं रहे. अत: उनसे ऐसी अपेक्षा करना भी बेईमानी है. इसके साथ ही पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, सार्वजनिक जीवन में काम करनेवाली महिलाओं पर किचड उछालना भाजपा नेताओं की आदत है और इस मामले में भी वे यहीं सब कर रहे है.
अमरावती दौरे के तहत अपने इस्तीफे की मांग करनेवाले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के बारे में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, चंद्रकांत पाटिल की अपनी खुद की राजनीतिक जमीन खिसकी हुई है और उन्हें पीछले विधानसभा चुनाव में अपना निर्वाचन क्षेत्र छोडकर भागना पडा था. साथ ही उन्होंने पुणे निर्वाचन क्षेत्र में अपनी ही पार्टी की कुलकर्णी नामक महिला का हक मारते हुए वहां से चुनाव लडा था और ये लोग महिला सम्मान के साथ-साथ नैतिकता की बात करते है, तब हंसी आती है.
पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के मूताबिक पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने भाजपा को पूरी तरह से नकार दिया. क्योंकि भाजपा के नेतृत्ववाली सरकार हर मोर्चे पर फेल थी. वहीं भाजपा के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार भी हर मोर्चे पर नाकाम साबित हो रही है. इन लोगों का आम जनता के दु:ख-दर्द व तकलीफों से कोई लेना-देना नहीं है और इनके पास विकास को लेकर कोई विजन भी नहीं है. ऐसे में ये लोग इधर-उधर से बेवजह के मुद्दे ढूंढकर लाते है और लोगों को बरगलाते हुए उन मुद्दों पर लडवाते है. अत: वे भाजपाईयों द्वारा किये जानेवाले हंगामे की ओर बिल्कूल भी ध्यान नहीं देती है.
इस बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि, महाविकास आघाडी सरकार की ओर से भी उन पर इस्तीफा देने हेतु किसी तरह का कोई दबाव नहीं है और एक सफल कप्तान के तौर पर मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे सरकार एवं राज्य का बेहतरीन ढंग से नेतृत्व कर रहे है. साथ ही साथ उन्हेें सीएम ठाकरे का पूरा साथ व सहयोग प्राप्त है. गत रोज भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल द्वारा राज्य में मध्यावधि चुनाव होने को लेकर की गई घोषणा की ओर ध्यान दिलाये जाने पर पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, कुछ लोग दिन में खुली आंखों से सपना देखना चाहते है, तो इसमें कोई क्या कर सकता है. उन्होंने बताया कि, राज्य की महाविकास आघाडी सरकार में शामिल तीनों प्रमुख घटक दलों में बेहतरीन आपसी समन्वय है और शानदार तालमेल के साथ काम हो रहा है. जिसकी वजह से सरकार पूरी मजबूती के साथ काम कर रही है और अपना कार्यकाल निश्चित तौर पर पूरा करेगी. ऐसे में अगर कोई मध्यावधी चुनाव के सपने देखकर खुश होना चाहता है, तो खुश होता रहे.
किसानों को लेकर भी भाजपा की दोगली नीति
इस बातचीत के दौरान पूछे गये एक सवाल पर पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, जहां एक ओर भाजपा के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार ने देश की संसद में बेहद असंसदीय तरीके से किसानों व मजदूरों को बर्बाद करने हेतु तीन काले कानून पारित करवाये. वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में तमाम भाजपा नेता किसान हितों का रोना रोने की नौटंकी कर रहे है, जबकि राज्य की महाविकास आघाडी सरकार और कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से किसानों के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि, भाजपा के नेतृत्ववाली पिछली सरकार ने किसानों को मात्र 6 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया था. वहीं इस समय कोरोना की वजह से सरकारी तिजोरी पर खर्च का जबर्दस्त बोझ रहने के बावजूद महाविकास आघाडी सरकार ने किसानों के लिए 10 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा देने की घोषणा की गई है. साथ ही सभी जिलों के पालकमंत्री एवं सरकार के कैबिनेट व राज्यमंत्री, राज्य के विभिन्न तहसील क्षेत्रों का दौरा करते हुए वापसी की बारिश एवं बीमारियों व कीटों की वजह से खेती-किसानी के हुए नुकसान का जायजा ले रहे है. इसके अलावा प्रशासन को जल्द से जल्द नुकसान पंचनामे की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिये गये है, ताकि प्रभावित किसानोें को तुरंत सहायता उपलब्ध करायी जा सके.
राज्य में भाजपा की जमीन खिसक रही
इस साक्षात्कार में बातचीत के दौरान पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, इस समय आम जनता के साथ-साथ भाजपा के कई बडे नेताओं का भी भाजपा से मोहभंग हो रहा है. यहीं वजह है कि, एकनाथ खडसे जैसे बडे नेता ने भाजपा छोडकर अपने समर्थकों के साथ राकांपा में प्रवेश कर लिया. साथ ही बहुत जल्द भाजपा के कई अन्य बडे नेता भी अपनी पार्टी छोडकर कांग्रेस अथवा राकांपा में प्रवेश कर सकते है. ऐसे में अपनी जमीन खिसकने की वजह से भाजपाईयों में जबर्दस्त बोखलाहट है. जिसके चलते भाजपाईयों द्वारा बात-बेबात पर उटपटांग हरकते की जा रही है.