पुणे/ दि.22 – देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की बडे सवेरे हुई सीएम तथा डीसीएम शपथविधि को लेकर राकांपा सर्वेसर्वा शरद पवार ने आज खुलासा कर दिया कि, उस समय राष्ट्रपति शासन हटाये जाना जरुरी था. उसके लिए अजित पवार और फडणवीस की शपथविधि अलसुबह करवाई गई थी. पवार ने यहां मीडिया से बातचीत में बडा खुलासा कर प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है. कुछ रोज पहले डीसीएम देवेंद्र फडणवीस ने यह कहकर सनसनी मचाई थी कि, उस शपथविधि का शरद पवार से चर्चा कर निर्णय हुआ था. बाद में फडणवीस ने यह भी दावा किया कि, उन्होंने आधा सच बताया है. बाकी पूरा सच वे समय आने पर बतायेंगे.
इस बीच आज शरद पवार ने कहा कि, अलसुबह शपथग्रहण कर सरकार बनाने का प्रयत्न हुआ. पर उससे एक फायदा हुआ. राज्य से राष्ट्रपति शासन हट गया. राष्ट्रपति शासन हटने के बाद क्या हुआ, यह सब जानते है. जब उनसे पूछा गया कि, क्या आप को उपरोक्त शपथग्रहण के बारे में जानकारी थी? तो पवार ने कहा कि, ऐसा न होता, तो राष्ट्रपति शासन न हटता. उध्दव ठाकरे मुख्यमंत्री बन सकते थे क्या?
23 नवंबर 2019 को बडे सवेरे महाराष्ट्र के राजकारण में अभूतपूर्व हुआ था, जब फडणवीस सीएम और अजित पवार डीसीएम के रुप में पदारुढ हो गए थे. एक तरफ पवार, उध्दव ठाकरे और कांग्रेस एक होकर महाविकास आघाडी बना चुके थे. तब अचानक अजित पवार ने भाजपा से हाथ मिलाकर तहलका मचा दिया था.