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प्रसूति पश्चात महिला की मौत को हाईकोर्ट ने लिया गंभीरता से

वर्धा जिले का मामला, पुलिस से मांगी गई रिपोर्ट

नागपुर/दि.16 – मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने वर्धा जिले के आर्वी में एक नवप्रसूता महिला की मौत होने के मामले को बेहद गंभीरता से लिया है. साथ ही इस मामले में अब तक की गई जांच की रिपोर्ट प्रस्तूत करने का निर्देश पुलिस महकमे को दिया है. वहीं स्वास्थ्य उपसंचालक से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है. दोनोें अधिकारियों को अपना जवाब प्रस्तूत करने हेतु 10 मार्च तक समय दिया गया.
जानकारी के मुताबिक अर्वी निवासी अभिजीत डवरे की पत्नी को प्रसूति हेतु 3 सितंबर 2021 को आर्वी स्थित राणे मल्टीस्पेशालिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर प्रसूति पश्चात सायं 7 बजे उसकी पत्नी को उलटी व पेटदर्द की शिकायत शुरु हो गई. परंतु अस्पताल की संचालिका डॉा. कालींद्र राणे ने रात 9.30 बजे तक उसका कोई इलाज नहीं किया. ऐसे में तबियत बिगड जाने के चलते रात 12.30 बजे उसकी पत्नी की मौत हो गई. जिसे लेकर डवरे ने आर्वी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. पश्चात पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज करते हुए जिला शल्यचिकित्सक से इस बारे में रिपोर्ट मांगी. परंतु जिला शल्यचिकित्सक ने रिपोर्ट देने में 1 साल का समय लगाया और एक वर्ष बाद दी गई रिपोर्ट में डॉक्टर को क्लिनचीट दे दी. ऐसे में अभिजीत डवरे ने अपनी वकील एड.सपना जाधव के जरिए मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की. जहां पर न्या. विनय जोशी व वाल्मिकी मेनेझेस की अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है.

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