एपीएमसी में गरमाया लोकल और बाहरी मजदूरों का मुद्दा
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स्थानीय हमालों ने परप्रांतिय हमालों को बाहर निकालने की मांग की
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तीन दिनों से मंडी में चल रहा गतिरोध
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मंडी प्रशासन सभी पक्षों को समझाने-बुझाने में लगा
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२५ – तीन दिन पूर्व अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिती में काम करनेवाले हमालों के दो गुटों के बीच आपसी वादविवाद होने के साथ ही जमकर मारपीट भी हुई थी. जिसकी वजह से यहां पर व्यवसाय करनेवाले अडत व्यवसायियोें में भय की लहर व्याप्त हो गयी थी और उन्होंने अपनी सुरक्षा को देखते हुए किसानों से उनका माल खरीदना बंद कर दिया था. वहीं यह मामला पुलिस में जाने के बाद पुलिस ने मारपीट करनेवाले हमालों के गुट के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू की. जिससे हमालों में रोष की लहर फैली और दूसरे दिन उन्होंने काम बंद आंदोलन शुरू किया. ऐसे में किसानों से उनकी उपज खरीदने का काम दूसरे दिन भी बंद रहा और यह गतिरोध तीसरे दिन भी लगातार जारी है. जिसके बारे में पता चला है कि, हकीकत में यह मसला स्थानीय व बाहरी हमालों के बीच हुए विवाद से जुडा हुआ है और स्थानीय हमाल चाहते है कि, एपीएमसी से परप्रांतिय हमालों को बाहर निकाल दिया जाये. जिसकी वजह से यह सारा बखेडा चल रहा है.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिती में यूपी व बिहार जैसे उत्तर भारतीय राज्यों से वास्ता रखनेवाले कई लोग हमाली का काम करते है. साथ ही साथ यहां के हमालों मेें कई स्थानीय लोगों का भी समावेश है, लेकिन आज तक एपीएमसी में स्थानीय व बाहरी के मसले को लेकर कभी कोई विवाद नहीं हुआ. किंतु लॉकडाउन काल के दौरान जब अमरावती एपीएमसी कुछ समय के लिए बंद रही, तो उस वक्त कई परप्रांतिय हमाल अपने गृह राज्य लौट गये. कालांतर में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही इन परप्रांतिय मजदूरों का वापिस आना शुरू हुआ. इस दौरान एपीएमसी में धीरे-धीरे कामकाज भी गति पकडने लगा था, लेकिन अब तक कामकाज की स्थिति पहले जैसी नहीं हो पायी है. ऐसे में रोजगार के अवसर कुछ हद तक सीमित है. संभवत: इन्हीं अवसरों के बंटवारे को लेकर स्थानीय और बाहरी हमालों के बीच टकराव की स्थिति बनी और दोनोें गुट आपस में भिड गये.
यह बात ध्यान में आते ही मंडी सभापति अशोक दहीकर, उपसभापति नाना नागमोते तथा मंडी सचिव दीपक विजयकर ने तुरंत स्थानीय व बाहरी हमालों सहित यहां पर अडत व्यवसाय करनेवाले व्यापारियों के बीच सामंजस्य व समन्वय स्थापित करने हेतु मध्यस्थता करनी शुरू की. जिसे लेकर बुधवार 25 नवंबर को यहां पर लगातार चर्चाओं का दौर चलता रहा. लेकिन समाचार लिखे जाने तक इस चर्चा का कोई सार्थक परिणाम नहीं निकल पाया था और एपीएमसी में गतिरोध की स्थिति बनी हुई थी. सूत्रों के मुताबिक एपीएमसी में हमाली का काम करनेवाले स्थानीय हमाल अब इस बात को लेकर अड गये है कि, यहां से परप्रांतिय हमालों को पूरी तरह से बाहर निकाला जाये. किंतु मंडी प्रशासन के मुताबिक ऐसा करना बिल्कूल भी संभव नहीं है. क्योंकि हर एक को कहीं पर भी अपनी रोजी-रोटी कमाने का अधिकार है. अत: किसी को एपीएमसी में हमाली करने से रोका नहीं जा सकता. ऐसे में फिलहाल सभी पक्षों को समझाने-बुझाने का काम किया जा रहा है.