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गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में बिखेरा अपने हुनर का जादू

अदित ब्यूटी पार्लर की शोभा परमार ने

  • एक्सीलेंट ब्यूटीशियन का मिला सम्मान

  • सानिका डेरे के ब्राइडल मेकअप ने किया जादू

परतवाड़ा/अचलपुर दि. ६ – पूरे विश्वभर में इन दिनों ऑनलाइन मेकअप प्रतियोगिता का दौर जोरशोर से देखने को मिल रहा है, जिसमे अब सिर्फ महानगर ही नही अपितु जुड़वाशहर के कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलने लगा है.हाल ही में सम्पन्न एक ऐसी ही ब्यूटीशियन कंपीटिशन में परतवाड़ा ,सिविल लाइन स्थित अदिति ब्यूटी पार्लर की संचालिका शोभा महेश परमार ने सहभाग लिया था जिसमे उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की ओर से एक्सीलेंट प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया.20दिसंबर 2020 को संपन्न इस स्पर्धा के लिए शोभा परमार भी अपने अपने दक्ष हुनर के साथ शामिल हुई थी.बिसा इंटरनेशनल और आयबा ग्रुप उक्त इवेंट के मुख्य प्रायोजक थे. इंडिया लेवल पर ली गई इस कंपीटिशन में कुल 1500 ब्यूटीशियन ने हिस्सा लिया था.वेबिनार के माध्यम से ली गई उक्त स्पर्धा को पूरे संसार के लोगो को एक साथ देखने का मौका भी मिला.प्रत्येक स्पर्धक को इसमें मात्र 45 मिनट की अवधि में ब्राइडल मेकअप तैयार कर अपनी एंट्री सबमिट करनी थी.इस अनूठे इवेंट में शामिल 1500 स्पर्धकों में से मात्र 1150 ही निर्धारित समयावधि में अपना पूरा मेकअप कर एंट्री दाखिल कर पाए.शोभा परमार भी उन्ही में से एक थी.
  आयोजको की ओर से सभी ब्यूटीशियन के लिए ट्रेडिशनल इंडियन ब्राइडल मेकअप ( पारंपरिक भारतीय दुल्हन का सौंदर्य )यह थीम रखी गई थी. अदिति ब्यूटी की शोभा ने अपने कला-कौशल्य को दिखाने के लिए मॉडल के तौर पर संतोषनगर निवासी कुमारिका सानिका डेरे का चयन किया था.एक तरफ जहां किसी भी दुल्हन का मेकअप करने में ब्यूटी पार्लर में घण्टो लग जाते है वहा सिर्फ पौन घँटा अवधि में किसी कुमारिका के चेहरे को दुल्हन की भांति सौंदर्यवान तैयार करना किसी चुनोती से कम नही था, किंतु शोभा ने दृढ़ विश्वास के साथ अपने काम को शुरू किया और 45 मिनट से भी कम अवधि में वो सानिका का दुल्हन मेकअप कर तैयार भी हो गई थी.नियत समय से पहले ही उन्होंने मेकअप के साथ तैयार सानिका के साथ अपनी एंट्री भी सबमिट कर दी थी.
    यहां बता दे कि यह पूरा आयोजन वेबिनार सिस्टम के तहत पूरे देश ही नही अपितु विश्व मे एक साथ देखा जा रहा था.ऐसी ऑनलाइन स्पर्धा में चीटिंग या बेईमानी करने की कोई गुंजाइश नही होती है. क्योंकि आयोजकों के कैमरों की सेटिंग आपके लैपटॉप के साथ पूरी तरह सटीकता के साथ बंधी होती है.स्पर्धक ब्यूटीशियन उस निर्धारित जगह से टस से मस नहीं हो सकती.कैमरे की फ्रेम से बाहर होते ही आप अपात्र घोषित कर दिए जाते है. अपनी कार्यकुशलता पर विश्वास रखते हुए शोभा ने अंततः समय के भीतर इवेंट में प्रवेश पा ही लिया और वो इसमें कामयाब भी रही.वैश्विक स्तर पर उनके ब्राइडल मेकअप को सराहा गया.आयोजको की और से उन्हें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड का एक्सीलेंट ब्यूटीशियन इन द वर्ल्ड के प्रमाणपत्र से गौरवान्वित किया गया है.शोभा परमार की इस अकल्पनीय, अदभुत, अनूठी सफलता पर उनके मित्रों व शुभचिंतकों द्वारा उनका अभिनंदन किया जा रहा है.
  20 दिसंबर को आयोजित इस वेबिनार स्पर्धा से पूर्व योग्य उम्मीदवारों का ऑडिशन भी लिया गया था.प्रायोजक (स्पांसर)को जो स्पर्धक योग्य लगे उनकी तस्वीर अमरावती महानगर के व्यस्ततम चौराहों पर प्रदर्शित की गई थी ताकि लोगो को पता चले कि होने जा रहे इवेंट में कौन-कौन ब्यूटीशियन शामिल होने जा रहे है.
  शोभा परमार यह ओएमसी वर्ल्ड ब्यूटी कंपीटिशन में भी सहभागी हो चुकी है.यह स्पर्धा तीन कैटेगिरी में संपन्न हुई थी.कमर्शियल ब्राइडल मेकअप, क्रिएटिव ब्राइडल मेकअप और स्मोकी आय ब्राइडल मेकअप. इसमें उन्हें दो श्रेणियों में सहभागी होने के लिए एक काबिल ब्यूटीशियन होने का प्रमाणपत्र मिला है.ओएमसी द्वारा आयोजित यह स्पर्धा भी वर्ल्ड लेवल पर ही थी.इसमें वक्त की कोई पाबंदी नही थी किंतु सभी कुछ आपको इन कैमरा जजेस को करके दिखाना था.आत्मविश्वास, प्रबल इच्छाशक्ति, लगन, मेहनत और अपने भीतर समय सुप्त गुणों के बलबूते पर शोभा परमार ने यह सब कर दिखाया.

शून्य से विश्व निर्माण

 विगत बीस वर्षों से शोभा परमार जुड़वाशहर में एक ख्यातनाम ब्यूटीशियन के रूप में सर्व परिचित है.मूलतः यवतमाल निवासी शोभा उच्चशिक्षित है.उन्होंने डबल एम.ए. किया.हिंदी साहित्य और अर्थशास्त्र में पीजी होने के बाद भी पढ़ाई और अध्ययन में उनकी रुचि कभी कम नही हुई.वो डीएनवायएस (नेचरोपैथी)और डीएटी, एम.डी एक्यूप्रेशर आदि का योग्य अध्ययन कर पदवी प्राप्त कर चुकी है.विवाह से पूर्व उनकी दिली इच्छा प्राध्यापक पेशा अपनाने की थी, किंतु नियति को कुछ और ही मंजूर था.परतवाड़ा में महेश के साथ विवाह होने के बाद उन्हें यथार्थ की धरती पर घोर विषमता और अभाव से संघर्ष करने की नोबत आन पड़ी.परिवार का उदरनिर्वाह करने के लिए अब कुछ तो नया करना ही होंगा.तब उन्होंने ब्यूटीशियन का कोर्स करने की ठानी.पुनः एक नया अध्यापन शुरू हुआ.पुणे में जाकर वो मेकअप की विधा में पारंगत होकर शहर में लौटी.कुछ दिनों तक यही एक स्थानीय ब्यूटी पार्लर में अपने हाथों की उंगलियों को और ज्यादा कुशल बनाने का काम किया.इसके कई दिन बाद उन्होंने अपने ही घर मे एक छोटे से ब्यूटी पार्लर का श्रीगणेश किया.आज भी वो घर से ही अपना कामकाज देखती है.सपने उन्ही के सच होते, जिनके सपनो में जान होती है, पंख से कुछ नही होता, हौसलों से उड़ान होती है.यह पंक्तियां शोभाजी के संघर्ष को परिभाषित करने के लिए बिलकुल मुफीद मालूम पड़ती है.अपने एक पुत्र और पति के साथ आज वो जिंदगी के मुख्य प्रवाह से जुड़ चुकी है.परमात्मा पर पूरी श्रद्धा है, जो मिला उसका समाधान है.दिली ख्वाहिश हैकि यदि आर्थिक तरक्की कि तो एक सेवाभावी नेचरोपैथी सेंटर जरूर शुरू करूंगी.

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