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आकाशदियों से जगमगाया बाजार

  • कई तरह के रंग तथा आकार-प्रकारवाले आकाशदिये बिक्री हेतु उपलब्ध

  • अच्छीखासी हो रही बिक्री, बाजार में खरीददारी की रौनक

अमरावती/प्रतिनिधि/दि.4 – दीपोत्सव यानी रौशनी का पर्व. पांच दिवसीय दीपोत्सव में जहां एक ओर मिट्टी के दियों में तेल व रूई की बाती के जरिये दीप पंक्तियां सजाते हुए काली घनी अमावस की रात के अंधेरे को दूर करने का प्रयास किया जाता है. वहीं घरों की साज-सज्जा के लिए इन दिनों आकाशदियों व लाईटिंग झालर का भी बडे पैमाने पर प्रयोग किया जाता है. इस बात के मद्देनजर बाजार में इस समय कई आकार-प्रकार एवं रंगोंवाले आकर्षक आकाशदिये बिक्री हेतु उपलब्ध है. जिनकी अच्छीखासी बिक्री भी हो रही है. वहीं दूसरी ओर इन रंगबिरंगी आकाशदियों की वजह से बाजार भी बेहद शानदार ढंग से सजा-धजा दिखाई दे रहा है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत कुछ वर्षों के दौरान दीपावली सहित कई भारतीय त्यौहारों पर लगनेवाले सामानों के बाजार पर मेड इन चाईना उत्पादों का कब्जा हो गया है और त्यौहारों के समय बडे पैमाने पर चाईनीज उत्पाद बिकने लगे थे. लेकिन इन दिनों इस विषय को लेकर लोगों में काफी हद तक जागरूकता आयी है और लोगबाग विदेशी वस्तुओं की बजाय स्वदेशी वस्तुओं को पसंद करने लगे है. ऐसे में इस वर्ष बाजार में भारतीय कलाकारों व स्थानीय उत्पादकों द्वारा कपडे व कागज की सहायता से बनाये गये आकाशदिये बडे पैमाने पर बिक्री हेतु उपलब्ध दिखाई दे रहे है. जिनकी कीमतें भी काफी मुफिद है और यह आकाशदिये 20 रूपये से लेकर 550 रूपयों की कीमत तक बिक रहे है. लगभग यहीं हाल लाईटिंग झालर व सिरीज का भी है. इस वर्ष चाईनीज लाईटिंग की बिक्री काफी हद तक प्रभावित हुई है और लोगबाग पहले की तरह छोटे बल्बवाली झालर लगाने की सोच रहे है.
उल्लेखनीय है कि, शहर के मोची गली, जवाहर रोड, श्याम चौक, राजकमल, जयस्तंभ चौक आदि प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में जनरल स्टोर व इलेक्ट्रिकल स्टोर जैसे दुकानों में बडे पैमाने पर दीपावली के समय एक से बढकर एक आकाशदियों का नया स्टॉक बिक्री हेतु उपलब्ध कराया जाता है. इसके साथ ही साथ शहर के विभिन्न इलाकों में स्थित दुकाने भी इस समय कई तरह के आकाशदियों के साथ सजी हुई दिखाई दे रही है. जहां पर इस समय यद्यपि एकसाथ बहुत ज्यादा भीडभाडवाला माहौल तो नहीं है, लेकिन फिर भी ग्राहकी अच्छीखासी है और धीरे-धीरे बाजार में रौनक लौट रहीं है.

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