मानसून 5 दिन लेट हुआ, और देरी भी संभव
एक्सपर्ट बोले- देरी से आने से बारिश कम नहीं
नई दिल्ली./ दि. 7- मानसून बेशक देरी से दस्तक देगा.आम तौर पर 1 जून को पहुंचने वाला मानसून 5 दिन से केरल के तट से 400 किमी दूर अटका हुआ है. इसमें और देरी भी संभव है, लेकिन हमें चिंता नहीं करनी चाहिए. क्योंकि, मानसून के देरी से आने का मतलब यह नहीं है कि बारिश भी कम होगी. इस साल भी मानसूनी बारिश सामान्य रहने का अनुमान है.
यह कहना है भारतीय मौसम विभाग के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. राजेंद्र कुमार जेनामनी का. डॉ. जेनामनी मौसम विभाग में मानसून, तूफान के अलावा भारी बारिश और अत्यधिक तापमान पर नजर रखने वाली विंग के प्रमुख हैं. वे समुद्री तूफानों के पूर्वानुमान में विशेषज्ञता रखते हैं.
* 11 बार 7 जून के बाद पहुंचा है मानसून
डॉ. जेनामनी बताते हैं कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में अब तक सिर्फ 6 बार ऐसा हुआ है, जब मानसून ने अपनी सामान्य तय तारीख यानी 1 जून को केरल में दस्तक दी। 11 बार ऐसा हुआ, जब मानसून 25 मई से पहले ही पहुंच गया। 11 बार मानसून 7 जून के बाद आया.
यहां गौर करने वाली बात यह है कि जिन 8 वर्षों में सामान्य से 10% ज्यादा बारिश हुई है, उनमें 1983 भी शामिल है जब मानसून 13 जून को आया था. इसी तरह जिन 14 वर्षों में सूखा पड़ा था, उनमें से 9 बार मानसून 1 जून से पहले ही आ चुका था. इसलिए, हम कह सकते हैं कि मानसून का देरी से आना कोई खास समस्या नहीं है.
* तूफान का मानसून पर क्या असर, आज पता चलेगा
अरब सागर में उठी हवाएं 24 घंटे के अंदर ही तूफान में बदल गईं. यह तूफान मानसून को कितना प्रभावित करेगा, यह सब कुछ उसकी गति और दिशा के आधार पर बुधवार शाम तक स्पष्ट हो पाएगा. मानसून अटका हुआ है.
* राजस्थान में रेतीला तूफान
राजस्थान के कई जिलों में मंगलवार को रेतीले तूफान ने दस्तक दी. बीकानेर में तो इसकी रफ्तार 100 से 110 किमी/घंटा के बीच थी. यही वजह थी कि पाकिस्तान से उठा रेतीला तूफान मात्र 5.15 घंटे में बीकानेर से 600 किमी दूर बाड़मेर पहुंच गया. शाम होते-होते नागौर, दौसा और जयपुर समेत ज्यादातर शहरों में धूलभरा तूफान आया.
* म.प्र. में पिछले 98 में से 49 दिन बारिश
भोपाल में गर्मी के 98 दिन पूरे हो चुके हैं. इन 98 दिनों में से 49 दिन कभी बारिश तो कभी बूंदाबांदी हुई. इस दौरान ज्यादातर दिन बादल छाए रहे और तेज हवा भी चली. 98 दिनों में एक भी दिन लू नहीं चली. सीजन की शुरुआत मार्च में तो तेज गर्मी से हुई थी, लेकिन तीन-चार दिन बाद ही गर्मी रफूचक्कर हो गई. तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री तक कम रहा. अप्रैल और मई में तो दो-तीन बार दिन का तापमान सामान्य से 7 से 9 डिग्री तक कम हो गया था. मई में सिर्फ दो दिन ही पारा 43 डिग्री तक पहुंच सका.
अमरावती में बारिश की संभावना
मौसम विज्ञानी प्रा. डॉ.अनिल बंड ने अमरावती और विदर्भ को लेकर संभावना जताई कि अगले दो-तीन दिन अनेक स्थानों पर प्री मानसून शावर आ सकते हैं. उसी प्रकार 10 और 11 जून को भी कई जगहों पर बरसात की संभावना है. प्रा. बंड ने बताया कि अरब सागर में आया चक्रवाती तूफान और तीव्र हो गया है. वह उत्तरी दिशा में बढ़ रहा है. जिससे कल-परसों 100 से 125 कि.मी. की रफ्तार से हवाएं चल सकती है. वहीं मानसून के अगले दो दिनों में केरल पहुंंचने की संभावना भी प्रा. बंड ने व्यक्त की है.
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