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सतपुडा पर्वतों के आसिरगढ किले का रहस्य कायम

  •  क्या जिंदा है अश्वत्थामा ?, दिखाई देता है अजोबो गरीब व्यक्ति

  • कई लोग बेहोश हुए या फिर पागल हो गए

परतवाडा/दि. 6 – मेलघाट के सतपुडा पर्वतों में आसीरगढ किले का अस्तित्व बताया गया है, जहां पर प्राचीन काल में महाभारत की गाथा से जुडे कुछ रहस्य कायम है. अब तक सुना गया है कि प्राचीन काल का अश्वत्थामा अमर है या फिर यह बात वादविवाद का विषय है. किंतु इस बारे में महाभारत कथा में अश्वत्थामा के जीवित होने के प्रमाण दिये गए है. बताया जाता है कि इस श्रृंखला में भीमकाय आकार का कभी कभार अजोबोगरीब व्यक्ति दिखाई देता है, उसे देखने के बाद देखने वाला व्यक्ति या तो बेहोश हो जाता है या पागल हो जाता है, ऐसा कुछ लोगों ने बताया है.
महाभारत की कई जगहों पर सतपुडा पर्वतों का उल्लेख किया गया है. जिसमें विशेष तौर पर किचकदरा का चिखलदरा होना वेराट देवी का उल्लेख, भीमकुंड का उल्लेख आज भी सतपुडा को महाभारत से जोडता है. और यह सारे तथ्य में एक और सबसे बड़ा सच यहां है कि अश्वत्थामा क्या सच में आज भी जीवंत है? हाल ही में सतपुड़ा पर्वतों का आसीरगढ़ किले एक रहस्य जो आज भी कायम है, असीरगढ़ का भव्य किला अपने आप में अस्तित्व रखता है, वो किले को पहचान बनाने में काफी है, इस किले की बनावट तथा सुरक्षा की दीवारें एवं ऊंचाई से सारे क्षेत्र का दर्शन सुंदरता भरा है, जहां हजारों की तादाद में प्रतिदिन लोग इस किले को देखने आते हैं, और इस किले में तलाव, मंदिर, मस्जिद जमिन से तिनतल का होना तथा किले से नीचे और सड़क आदि सौंदर्य का केंद्र बिंदु है, किंतु इस किले में कई वर्षों से दिन प्रतिदिन कुछ अद्भुत घटनाएं होती है, जो महाभारत काल की ओर इशारा करती है, कुछ पर्यटकों को यहां ऐसे व्यक्ति के दर्शन होते है जो भीम के समान विराट है, और अजीब गरीब दिखने वाले इस व्यक्ति को जो भी देखता है वहां बेहोश हो जाता है, स्थानिक लोगों का यहां भी मानना है कि कई लोग ऐसे भी हैं जिसने उसे देखा एक तो वहां पागल हो गया या फिर बेहोश हो गया.
एक व्यक्ति का किस्सा सामने आने पर उसने कहा कि वहां जबा आसिरगढ़ किले के निचले क्षेत्र में व्यायम कर रहा था, तब अचानक एक व्यक्ति आकर उसे बासा भाकर तेल मांगने लगा, जब वहां उस व्यक्ति को देखता है तो तभी वह युवक बेहोश हो गया, जमीन पर वो गिर जाता है, होश में आने के बाद उसने वहां सारी बातें मीडिया को भी बताई. जब कई मीडिया जगत के लोगों ने इस विषय पर रोशनी डालने का विचार किया तो एक पूरी मीडिया की टीम किले पर जाकर रहने लगी, साथ ही वहां के सरपंच तथा कुछ लोगों को लेकर गए और किले को रात में बंद कर अंदर वहां कैमरे जमाकर रात गुजारीे, रात बीत गई और सुबह ने जब दस्तक दी तब उस किले में एक अद्भुत घटना हुई थी, किले के शिव मंदिर के शिवलिंग पर गुलाब का फुल पाये गया, और वहां गुलाब का फूल ऐसा था जैसे मानों किसी ने अभी कुछ समय पहले ही शिवलिंग पर रखकर गया हो, किले के सारे दरवाजे बंद थे और किले में जब यह सारी टीम मौजूद थी तब उस किले में कौन था जो खुफिया रास्ते से आया और अपनी पूजा अर्चना कर चला गया, बताया जाता है कि यहां सिर्फ एक दिन नहीं हर दिन यही होता है, कई लोगों का यह मानना है कि अश्वत्थामा यहां शिव भक्त होने की वजह से वह रोज शिव मंदिर में आकर शिवलिंग पर गुलाब का फूल रखकर वहां से जाता है, गुलाब का फूल वहां होना यहां अश्वत्थामा के भक्ति का प्रतीक है, यहा कुछ नागरिकों का कहना है, लेकिन महाभारत में अश्वत्थामा का वजूद और आज के युग में अश्वत्थामा का होना यहां कितना सच है? यह कहना मुश्किल है, यहा घटना सतपुडा पर्वत के गाविलगड और नरनाला किले की और इशारा करती है, क्योंकि कुछ लोगों का मानना है कि यहां भीमकाव्य शरीर वाला व्यक्ति मेलघाट के चित्रि मार्ग से होते हुए चिखलदरा गाविलगड की और प्रस्थान करता है, साथ नरनाला के मार्ग होते हुए आसीरगढ किले पे जाता है, किंतु यहां सच उतना ही है जितना कहानियों में, लेकिन अश्वत्थामा के अस्तित्व को ना तो नकारा जा सकता है और ना ही बिना किसी ठोस सबूत के इस विषय पर हम बहस कर सकते हैं, अब देखना यह है कि आने वाले वक्त में अश्वत्थामा कि यहां गाथा क्या और रहस्य को सामने लाती है? किंतु यहां आज सभी को एक सवाल सताए जा रहा है कि वह कौन है जो आखिर महाभारत कालीन मंदिर में शिवलिंग पर लाल गुलाब का फूल रख जाता है जो ना किसी को दिखाई देता है, यहा उलझा हुवा सवाल है जो 5 हजार सालों पुरानी महाभारत से जुड़ी अश्वत्थामा की कहानी को जीवंत रखने का सबूत देता है, यहां एक रहस्य है जो आज तक किसी के भी समझ में नहीं आया, हालांकि इस बात की पुष्टि सही मायनो में हम नहीं कर सकते लेकिन जिन लोगों ने इस महाकाय शरीरवाले व्यक्ति के दर्शन कर उसके मुख से तेल और बासा भाकर मांगने जैसी बात को अपने कानों से सुना और उस व्यक्ति को अपनी आंखों से देखा, उनकी बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता.

 मध्यप्रदेश में है आसीरगढ किला

असीरगढ़ किला मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से 15 किलोमीटर दूरी पर है, और यहां पर रोजाना पर्यटकों की भिड लगी होती है.

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