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महाराष्ट्र में बढी बाघों की संख्या, अन्य राज्यों को देंगे

बिहार से मिला रिस्पॉन्स

* हाल में बढे है मनुष्यों पर हमलें
नागपुर/ दि. 20- मनुष्य और बस्तियों पर हो रहे बाघों के बढते हमले को ध्यान में रखकर महाराष्ट्र के बाघ अन्य राज्यों में स्थानांतरित करने का विचार है. वन विभाग की विनती को सबसे पहले बिहार से प्रतिसाद मिला है. जिससे साफ है कि कुछ बाघ बिहार भेजे जा सकते है. इसके पीछे बाघ के हमलों में बडी संख्या में मनुष्यों की मृत्युु का कारण भी बताया जा रहा. दूसरी ओर जंगल महकमें का कहना है कि 2014 में बाघों की गिनती 190 थी. वह बढकर 500 से अधिक हो गई है. जिसमें से 400 से अधिक बाघ विदर्भ में है.
* वन्यजीव मानव संघर्ष
वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि हाल के वर्षो में वनक्षेत्र से सटे भागों मेे बाघ के हमले की घटना बढी है. जिससे लोग डर के वातावरण में जी रहे है. बाघ के हमलें में 2017-18 दौरान 33 लोगोें की मौत हो गई थी. 2019-20 में 47 और 2020-21 में 80 लोगोें की जान बाघ के हमले में चली गई. 2021-22 दौरान 86 लोगों की मृत्यु हो जाने की जानकारी अधिकारियों ने दी है. वन्यजीव और मानव संघर्ष नई बात नहीं. किंतु पिछले तीन वर्षो में लगातार घटनाएं बढ रही है. बीते 15 वर्षो में प्रतिवर्ष लगभग 50 लोगोे की मौत वन्यजीव के आक्रमण से हुई है. एक वन अधिकारी ने बताया कि अब तक 80 प्रतिशत घटनाओं में जंगल में जाने पर बाघ ने इंसान पर हमला किया है. केवल 20 प्रतिशत मामलों में बाघ ने मानवीय बस्ती में घुसकर हमला किया है. चंद्रपुर जिले के ताडोबा अभियारण्य में 115 बाघ है. इस वर्ष चंद्रपुर में 49 लोगोें की बाघ के हमले में जान चली गई. एक अंदाज के अनुसार मेलघाट में 200 से अधिक बाघ है. बाघों की संख्या में सर्वाधिक बढोतरी मेलघाट में ही होने का दावा किया जाता है. मेलघाट की बदौलत विदर्भ टाइगर कैपिटल कहलाता है.

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