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राणा दम्पत्ति पहुंचे अंबा व एकवीरा देवी दर्शन करने

मंदिर के बाहर खडे रहकर ही की आरती, ओटी भी भरी

  • नवरात्र में भी मंदिर बंद रखने पर किया राज्य सरकार का निषेध

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२४ – जिले की सांसद नवनीत राणा व बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रवि राणा अपने कई समर्थकोें के साथ शनिवार 24 अक्तूबर को महाअष्टमी पर्व पर देवी दर्शन करने अंबादेवी व एकवीरा देवी मंदिर परिसर पहुंचे. चूंकि इस समय कोरोना प्रतिबंधात्मक दिशानिर्देशों के तहत दोनों ही मंदिरों के कपाट बंद है. ऐसे में राणा दम्पत्ति ने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ दोनों मंदिरों के मुख्य प्रवेश द्वारा पर खडे रहकर देवी की आरती की और ओटी भरने की विधि भी पूर्ण की. इसके साथ ही राणा दम्पत्ति ने राज्य की महाविकास आघाडी सरकार एवं मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे का यह कहते हुए जबर्दस्त निषेध भी किया कि, सरकार द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया के तहत मदिरालयों को तो खोल दिया गया है, लेकिन लोगों की आस्थाओं से जुडे रहनेवाले मंदिरों को नवरात्र जैसे धार्मिक पर्व पर भी बंद रखा गया है.
सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा शनिवार की दोपहर अपने कई समर्थकों के साथ बडनेरा रोड स्थित कार्यालय से पैदल ही अंबादेवी जाने हेतु निकले और राजकमल व गांधी चौक होते हुए अंबादेवी परिसर पहुंचे. जहां पर राणा समर्थकों ने मंदिर व्यवस्थापन समिती को जिले की सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा के देवीदर्शन हेतु आने की सूचना दी. इस समय मंदिर के भीतर सीमित लोगों की उपस्थिति में महाअष्टमी की यज्ञ चल रहा था और मंदिर प्रबंधन की ओर से राणा दम्पत्ति को सूचित किया गया कि, फिलहाल सरकार एवं प्रशासन की अनुमति नहीं रहने की वजह से किसी के लिए भी मंदिर के कपाट नहीं खोले जा सकते है. इस समय विधायक राणा की मंदिर कर्मचारियों के साथ थोडी शाब्दिक बहस भी हुई. पश्चात राणा दम्पत्ति ने मंदिर के बंद पडे मुख्य प्रवेश द्वार के पास ही खडे रहकर मां अंबा की आरती की और एक पूजारी को बाहर बुलाकर ओटी भरने की रस्म पूरी की गई.
ठीक इसी तरह राणा दम्पत्ति ने एकवीरा देवी मंदिर के बंद प्रवेश द्वार के सामने खडे रहकर मां एकवीरा की आरती करते हुए ओटी भरने की विधि पूरी की. इसके बाद राणा दम्पत्ति व उनके समर्थकों ने अंबादेवी मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के समक्ष प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार की धर्मविरोधी नीतियों का जमकर निषेध किया. साथ ही कहा कि, अनलॉक की प्रक्रिया के तहत केंद्र सरकार द्वारा समूचे देश में धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी गई है. लेकिन केवल महाराष्ट्र में ही राज्य सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों को खोलने पर प्रतिबंध लगाकर रखा गया है.

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