बलात्कारी आरोपी को १० वर्ष सश्रम कारावास की सजा
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जडीबुटी लाने के बहाने मासोद के जंगल में ले गया था
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प्रमुख जिला व सत्र न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला
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आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने के लिए खूद ही पुलिस थाने में दी थी शिकायत
अमरावती/प्रतिनिधि दि. ३१ – परिचित व्यक्ति की पत्नी घर वापस न आने के कारण आरोपी ने नाबालिग लडकी के हाथ से जडी तोडने का बहना बनाकर लडकी को मासोद के जंगल में ले जाकर उसपर बलात्कार किया. इतना ही नहीं तो पुलिस को गुमराह करने के लिए खूद ने ही अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दी. आखिर मामला उजागर होने के बाद फे्रजरपुरा पुलिस ने अपराध दर्ज किया और इस मामले में स्थानीय प्रमुख जिला व सत्र न्यायालय की न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी-फलके की अदालत ने बलात्कारी आरोपी राजू उर्फ पिंटू बैजू कवडे को दोषी करार देते हुए आरोपी को १० वर्ष सश्रम कारावास की महत्वपूर्ण सजा सुनाई. राजू उर्फ पिंटू बैजू कवडे (३०, ईटभट्टी कारखाना, परसोडी, अमरावती) यह पोस्को की धारा ६ के अनुसार १० वर्ष सश्रम कारावास व ५ हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर एक वर्ष अतिरिक्त साधा कारावास, दफा १८२ के तहत ३ वर्ष सश्रम कारावास व १ हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर १५ दिन अतिरिक्त साधा कारावास, दफा २०३ के तहत एक वर्ष सश्रम कारावास व १ हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर दो माह अतिरिक्त साधा कारावास, दफा ५०६ के तहत छह माह सश्रम कारावास व १ हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर १५ दिन साधा कारावास की सजा सुनाई है.
आरोपी ने बनाई मनघडंत कहानी
जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता आरोपी के पहचान के व्यक्ति की पत्नी घर वापस न आने के कारण इसके लिए जडीबुटी के पत्ते चाहिए, वह लाने के लिए एक कुआरी लडकी की जरुरत रहेगी तथा जडीबुटी केवल रविवार के दिन ही लाना पडता है, ऐसा कहते हुए राजू कवडे १३ अगस्त २०१७ को जडीबुटी लाने के लिए वक्त तय कर पीडित नाबालिग लडकी को शाम ६.३० बजे जडीबुटी लाने के लिए राजू उस लडकी को अपनी मोटरसाइकिल पर मासोद के जंगल लेकर गया. वहां किसी जडी के पत्ते तोडने के लिए कहा, नाबालिग लडकी ने वह पत्ते तोडकर अपने हाथ में रखे, उस समय करीब रात के ८ बज रहे थे. इस दौरान दो अज्ञात व्यक्ति वहां पहुंचे और उन दोनों ने राजू की जमकर पिटाई कर दुपट्टे से हाथपैर बांध दिये और पीडित लडकी के हाथपेैर बांधकर झाडियों में ले गए. लडकी को चाकू दिखाकर उसपर बलात्कार किया. उसके बाद राजू मोटरसाइकिल जंगल में ही छोडकर घर वापस लौटा और पीडित लडकी भी घर लौटी, दोनों घायल होने के कारण इर्विन अस्पताल में गये और फे्रजरपुरा पुलिस थाने में १५ अगस्त २०१७ को शिकायत दी. इस तरह आरोपी राजू कवडे ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया.
शिकायत देने वाले ने ही किया बलात्कार
शिकायत के बाद पुलिस की टीम घटनास्थल पहूंची. लडकी ने अपने बयान में पुलिस को सच्चाई बताई. १३ अगस्त को जंगल में राजू कवडे ने ही शिकायत के अनुसार घटना नहीं हुई बल्कि राजू कवडे ने ही नाबालिग लडकी पर बलात्कार किया. इतना ही नहीं तो घटना के पहले दिन मई २०१७ को पीडित लडकी बकरी चराने के लिए गई थी उस समय भी राजू ने नाबालिग लडकी पर जोरजबर्दस्ती बलात्कार किया था. इसके अनुसार शिकायतकर्ता राजू कवडे को आरोपी बनाते हुए उसके खिलाफ दफा ३७६(२)(आई) (जे)(एन), १८२, २०३, २११, ५०६, सहधारा ४,६, पोस्को एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया. अदालत में कुल पांच गवाहों के बयान लिये गए. राजू कवडे दोषी पाये जाने पर अदालत ने उपरोक्त सजा सुनाई. इस मामले की तहकीकात पीएसआई निर्मला भोई ने की. सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील एड.मिलिंद जोशी ने दलीलें पेश की.