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मां-बेटे की आत्महत्या का कारण अब तक नहीं चला पता

गरीबी से तंग आकर जहर गटकने का अनुमान, पर जहर की बोतल भी नहीं मिली

अमरावती/दि.30 – विगत मंगलवार की सुबह स्थानीय राजापेठ पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत हमालपुरा परिसर में रहने वाली योगिता गजानन वाघाडे (35) ने खुद जहर गटकने के साथ ही अपने 12 वर्षीय बेटे अथर्व वाघाडे को भी जहर पिला दिया था. पश्चात दोनों की जिला सामान्य अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. परंतु अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि, आज फिर योगिता वाघाडे ने यह आत्मघाती व खतरनाक कदम क्यों उठाया था. यद्यपि अब तक यह अनुमान लगाया जा रहा है कि, संभव: पति के मौत के बाद गरीबी से तंग आकर योगिता ने यह कदम उठाया परंतु अब तक वाघाडे परिवार के घर से जहर की कोई बोतल भी बरामद नहीं हुई है. जिसके चलते पूरी घटना को लेकर कुछ हद तक संदेह गहरा रहा है. ऐसे में राजापेठ पुलिस पूरे मामले की सघनता के साथ जांच कर रही है.
बता दें कि, हमालपुरा परिसर में रहने वाली योगिता वाघाडे के पति गजानन वाघाडे की एक वर्ष पहले मौत हो गई थी और वह मेहनत मजदूरी का काम करते हुए अपना और अपने 12 वर्षीय बेटे अथर्व का भरण-पोषण कर रही थी. मंगलवार की सुबह योगिता वाघाडे जब काफी देर तक अपने घर से बाहर नहीं निकली और आसपडोस के लोगों को नहीं दिखाई दी, तो आसपडोस में रहने वाली महिलाओं ने उसे आवाज देने के साथ ही उसके घर में झांककर देखा, उस समय योगिता वाघाडे अपने घर में नीचे जमीन पर पडी हुई थी और उसके मूंह से झाग निकल रहा था. यह देखते ही परिसरवासियों ने उसे तुरंत ही जिला सामान्य अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती कराया. अभी योगिता वाघाडे का इलाज चल ही रहा था, तो दवाखाने में मौजूद उसका बेटा अथर्व वाघाडे अचानक ही गश्त खाकर नीचे गिर पडा और उसके मूंह से भी झाग निकलने लगा, तो उसका भी इलाज शुरु किया गया. उस समय अथर्व ने बताया कि, उसकी मां ने खुद कोई तरल पदार्थ पीने के साथ ही वह तरल पदार्थ उसे भी पिलाया था. ऐसे में दोनों मां-बेटे का इर्विन अस्पताल में इलाज शुरु किया गया. लेकिन एक-एक कर दोनों ने दम तोड दिया. जिसके चलते यह पता नहीं चल पाया कि, आखिर किस वजह से योगिता वाघाडे ने यह कदम उठाया था. वहीं पुलिस द्वारा की गई पडताल में योगिता के घर से जहर की कोई शिशी भी बरामद नहीं हुई है. जिसके चलते मामले को लेकर संदेह गहरा गया है.

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