कोविड के बाद तैयार होनेवाली रक्त की गांठों से गैंगरीन का खतरा
अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – कोविड मुक्त हो चुके कई मरीजों के शरीर में रक्त की गाठें बनने की समस्या दिखाई दी है और इस वजह से हृदय को समुचित रक्त की आपूर्ति नहीं होने पर हृदयाघात होने के मामले भी सामने आये है. इसके अलावा कई बार रक्त की गांठों की वजह से हाथ अथवा पैर को रक्त की आपूर्ति नहीं होती. जिसकी वजह से गैंगरीन होने का खतरा होता है. इसमें विलंब होने पर हाथ अथवा पैर को काटने की नौबत भी आ सकती है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक नागपुर से बाहर रहनेवाले दो मरीजों का नागपुर के अस्पताल में इलाज किया गया है. जिसमें से एक मरीज के गैंगरीन संक्रमित अंग को काटना पडा. वहीं दूसरे मरीज की तुरंत एंजिओप्लास्टी करते हुए उसके अंगों को बचा लिया गया. उपरोक्त जानकारी के साथ ही बताया गया कि, कोविड संक्रमण की चपेट में आने के बाद कई मरीजों के कुल्हों में रक्त आपूर्ति नहीं होती. ऐसे में उन्हें चलने-फिरने में काफी तकलीफों का सामना करना पडता है. इससे पहले शराब के अतिसेवन, स्टेरॉयड के प्रयोग तथा सिकलसेल की वजह से रक्त वाहिनियों में खून के थक्के जमा होते थे. लेकिन अब कोरोना के बाद रक्त की गाठें तैयार होने की नई वजह सामने आयी है. ऐसे में कोविड मुक्त होने के बाद डी-डाईमर जैसे टेस्ट करते हुए अपने शरीर में रक्त के थक्के तो जमा नहीं हो रहे, इसकी जांच कर लेनी चाहिए, ताकि आगे चलकर गैंगरीन तथा हृदयाघात जैसी बीमारी से बचा जा सके.
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16 वर्षीय लडकी की आंखों से आंसू की बजाय खून की धार
वहीं पता चला है कि पनवेल के वटघर गांव में रहनेवाली एक 16 वर्षीय किशोरी को एक बेहद ही अलग बीमारी ने जकड लिया है. जिसकी आंखों से पानी की बजाय खून की धाराएं निकलती है. इस किशोरी का मेघा वेलासकर बताया गया है. जिसके इलाज को काफी चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है.