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प्री-फैब में चलेगा मेडीकल कॉलेज का ‘सेकंड ईयर’

देखभाल व दुरुस्ती हेतु राज्य सरकार से मिले एक करोड रुपए

* निधि मंजूर होने के बाद अब अमल पर टिकी निगाहें
अमरावती/दि. 17- जारी शैक्षणिक वर्ष से शुरु हुए अमरावती जिले के सरकारी मेडीकल कॉलेज में अब आगामी शैक्षणिक सत्र से शुरु होनेवाले द्वितीय वर्ष पाठ्यक्रम की तैयारी शुरु हो गई है. जिसके लिए सुपर स्पेशालिटी अस्पताल के पिछले हिस्से में स्थित प्री-फैब बैरक में द्वितीय वर्ष पाठ्यक्रम के लिहाज से आवश्यक दुरुस्ती की जा रही है. ताकि इस प्री-फैब बैरक में द्वितीय वर्ष पाठ्यक्रम की कक्षाएं चलाई जा सके, इस हेतु राज्य सरकार की ओर से एक करोड रुपए की निधि मंजूर की गई है. जिसे लेकर वैद्यकीय शिक्षा व औषधि द्रव्य विभाग ने 14 फरवरी को एक जीआर जारी किया है. वहीं अब सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग के जरिए इस दुरुस्ती के काम को शुरु किया जाएगा.
बता दें कि, फिलहाल जिला स्त्री अस्पताल परिसर में अमरावती जिले का सरकारी मेडीकल कॉलेज चलाया जा रहा है. जहां पर एमबीबीएस के प्रथम वर्ष पाठ्यक्रम में 100 विद्यार्थी प्रवेशित है. जिनके लिए सभी आवश्यक सुविधाएं इस कॉलेज में उपलब्ध भी है. परंतु अब अगले वर्ष यह सभी विद्यार्थी द्वितीय वर्ष पाठ्यक्रम में प्रवेशित होंगे तथा प्रथम वर्ष नई बैच में 100 नए विद्यार्थियों का प्रवेश होगा. जिसके चलते कुल विद्यार्थियों की संख्या 200 हो जाएगी. ऐसे में द्वितीय वर्ष पाठ्यक्रम को चलाने के लिहाज से जीएमसी प्रशासन द्वारा तमाम आवश्यक तैयारियां की जा रही है. ज्ञात रहे कि, एमबीबीएस सेकंड ईयर के पाठ्यक्रम हेतु मायक्रोबॉयोलाजी, पैथालॉजी, फार्मकोलॉजी व फॉरेंसिक मेडीसीन नामक चार विभाग आवश्यक रहने के चलते इन विभागों हेतु आवश्यक जगह के लिए जीएमसी के डीन डॉ. किशोर इंगोले ने सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ सुपर स्पेशालिटी अस्पताल के पीछे स्थित और फिलहाल किसी भी तरह के प्रयोग में नहीं रहनेवाले प्री-फैब बैरक का मुआयना किया था. यह जगह एमबीबीएस के द्वितीय वर्ष पाठ्यक्रम हेतु मिले. इस हेतु सरकार के पास आवश्यक प्रयास किए गए. जिसके चलते सरकार ने इस काम हेतु एक करोड रुपयों की निधि मंजूर की है.

* कोविडकाल में बने थे प्री-फैब बैरक
बता दें कि, कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान मरीजों की भारी भरकम संख्या को देखते हुए स्वास्थ महकमें द्वारा सुपर स्पेशालिटी अस्पताल के पीछे प्री-फैब बैरक का निर्माण किया गया था. हालांकि इसके बाद कोविड संक्रमण की लहर के सुस्त हो जाने के चलते इस प्री-फैब बैरक का स्वास्थ विभाग को कभी कोई उपयोग ही नहीं करना पडा. ऐसे में इस जगह को उपयोग में लाने के लिहाज से इसे सरकारी मेडीकल कॉलेज को देने का निर्णय लिया गया था. जहां पर अब एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की कक्षाओं हेतु आवश्यक इमारत का निर्माण किया जाएगा.

* एनएमसी की टीम करेगी मुआयना
राष्ट्रीय स्वास्थ आयोग यानी एनएमसी की टीम अमरावती के सरकारी मेडीकल कॉलेज में द्वितीय वर्ष पाठ्यक्रम की कक्षाओं हेतु आवश्यक सुविधाओं को देखने के लिहाज से जल्द ही निरीक्षण दौरे पर आएगी. एमबीबीएस सेकंड ईयर पाठ्यक्रम हेतु मायक्रोबॉयोलॉजी, पैथॉलॉजी, फार्मकोलॉजी व फॉरेंसिक मेडीकल जैसे चार विभागों को कार्यान्वित रहना आवश्यक रहता है. इसके चलते इस काम को जल्द से जल्द शुरु किए जाने की जरुरत है.

* 100 विद्यार्थी बढेंगे
जीएमसी में 100 विद्यार्थियों की क्षमता है और इस समय अमरावती जीएमसी के प्रथम वर्ष में 100 विद्यार्थी प्रवेशित है. जिनके लिहाज से यहां आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध है. अगले वर्ष यह सभी विद्यार्थी सेकंड ईयर में चले जाएंगे तथा फर्स्ट ईयर में 100 नए विद्यार्थियों का प्रवेश होगा. तब इस महाविद्यालय में पढनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 200 हो जाएगी. जिसके चलते महाविद्यालय प्रशासन को अपनी तमाम व्यवस्थाओं को अभी से ही दोगुना करना पडेगा. ताकि अगले वर्ष से कोई तकलीफ न हो. इसके साथ ही इसके बाद वाले दो-तीन वर्षों के दौरान भी अमरावती जीएमसी को अपनी व्यवस्थाओं का विस्तार करना होगा. क्योंकि, इस वर्ष फर्स्ट ईयर में पढ रहे विद्यार्थी साल-दरसाल अगली कक्षाओं में आगे बढेंगे. वहीं प्रति वर्ष फर्स्ट ईयर में नए विद्यार्थियों का प्रवेश होता रहेगा.

* अगले वर्ष से इर्विन अस्पताल जीएमसी के कब्जे में
सरकारी मेडीकल कॉलेज में द्वितीय वर्ष का पाठ्यक्रम शुरु होते ही जिला सामान्य अस्पताल यानी इर्विन हॉस्पीटल भी मेडीकल कॉलेज का अस्पताल हो जाएगा. जिसके चलते इर्विन अस्पताल में रहनेवाले 50 बेड के स्त्री प्रसूति व बाल विभाग तथा 20 बेड वाले आईसीयू विभाग का काम भी इस समय अपने अंतिम चरण में है.

* एमबीबीएस के द्वितीय वर्ष पाठ्यक्रम की तैयारी चल रही है. जिसके लिए तमाम आवश्यक विभागों हेतु प्री-फैब बैरक में दुरुस्ती करने के लिए सरकार की ओर से एक करोड रुपए मंजूर हुए है.
– डॉ. किशोर इंगोले
अधिष्ठाता, अमरावती जीएमसी.

 

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