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ग्रामीण इलाकों की वजह से गंभीर हो रही स्थिति

  •  लॉकडाउन के बावजूद बढ रही मरीजों की संख्या

  •  सीमावर्ती गांव तेजी से आ रहे संक्रमण की चपेट में

  •  लॉकडाउन न होता तो और भयावह हो सकती थी स्थिति

अमरावती/प्रतिनिधि दि.30 – इस समय विगत 25 दिनों से अमरावती शहर व जिले सहित समूचे राज्य में लॉकडाउन व संचारबंदी लागू है, ताकि कोविड संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके. किंतु बावजूद इसके विगत कुछ दिनों से अमरावती जिले में संक्रमितों की संख्या लगातार बढती जा रही है. साथ ही विगत तीन दिनों से रोजाना 900 से अधिक नये संक्रमित मरीज पाये जा रहे है. ऐसे में यह समझ से परे है कि, आखिर संचारबंदी के बावजूद मरीजों की संख्या क्यों बढ रही है और यदि संचारबंदी के बावजूद भी मरीजों की संख्या बढ ही रही है, तो संचारबंदी लागू करने का क्या फायदा है.
इस संदर्भ में जिला आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण के अध्यक्ष व जिलाधीश शैलेश नवाल से जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर जिलाधीश नवाल ने बताया कि, यह लॉकडाउन का ही असर है कि, अमरावती में फिलहाल कोविड संक्रमण को लेकर हालात काफी हद तक नियंत्रण में है. यद्यपि इस समय मरीजों की संख्या कुछ हद तक बढी हुई दिखाई दे रही है, किंतु यह सोचनेलायक बात है कि, अगर इस समय लॉकडाउन व संचारबंदी लागू नहीं रहे होते, तो संक्रमण की स्थिति व संक्रमितों की संख्या को लेकर हालात क्या रहे होते. जिलाधीश शैलेश नवाल के मुताबिक यदि बीते कुछ दिनों के आंकडों पर गौर किया जाये, तो पता चलता है कि इन दिनोें अमरावती शहर में संक्रमितों की संख्या काफी कम हो गयी है. वहीं जिले के तहसील एवं ग्रामीण इलाकों से बडी संख्या में संक्रमित पाये जा रहे है. इसमें भी विशेषकर मध्यप्रदेश की सीमा से सटे वरूड, मोर्शी, अचलपुर व धारणी जैसे तहसील क्षेत्रों के गांवों में इन दिनों संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो गयी है. इसके साथ ही शहरी इलाके में लोगबाग अब काफी हद तक जागरूक व सतर्क हो गये है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रमाण तुलनात्मक रूप से कम है. ऐसे में प्रशासन द्वारा करीब 110 गांवों को कोविड क्लस्टर घोषित करते हुए तमाम आवश्यक नियोजन किये जा रहे है.
जिलाधीश नवाल के मुताबिक यदि इस समय लॉकडाउन व संचारबंदी लागू नहीं होते और लोगों की आवाजाही पहले की तरह बेरोकटोक चलती रहती, तो आज संक्रमण को लेकर हालात क्या होते, इसकी कल्पना की जा सकती है. इस समय लॉकडाउन व संचारबंदी की वजह से ही अमरावती जिले में अन्य जिलों की तुलना में कोविड संक्रमितों और संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों की संख्या अपेक्षाकृत रूप से काफी कम है, अन्यथा हमारे यहां पर भी राज्य के अन्य जिलों जैसे हालात रहे होते. ऐसे में सभी जिलावासियों को चाहिए कि, वे कोविड त्रिसूत्री के नियमों का कडाई के साथ पालन किया जाये, ताकि कोविड संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके. जिलाधीश शैलेश नवाल के मुताबिक जब तक सभी नागरिकों का पूरी तरह से सहयोग नहीं मिलता, तब तक प्रशासन द्वारा किये जानेवाले प्रयास अधूरे ही रहेंगे. अत: विगत एक वर्ष से चले आ रहे हालात को सबक की तरह लेते हुए सभी लोगों ने कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में प्रशासन के साथ सहयोग करना चाहिए.
इस बातचीत में जिलाधीश नवाल ने यह भी कहा कि, यदि लॉकडाउन नहीं होता और संक्रमितों की संख्या में अन्य जिलों की तरह उछाल आया होता, तो अमरावती जिले में भी अस्पतालों व बेड की संख्या कम पड गई होती. उन्होंने इन दिनों पाये जा रहे कुल संक्रमितों में 65 से 70 फीसदी मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से पाये जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, इस बारे में सभी तहसील कार्यालयों को आवश्यक दियानिर्देश जारी किये जा चुके है और ग्रामीण इलाकों में भी कोविड संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित करने हेतु तमाम आवश्यक कदम उठाये जा रहे है.

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