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भुमि अधिग्रहण की धीमी गति से विदर्भ में रेलमार्ग निर्माण की रफ्तार सुस्त

आर्वी-वरूड मार्ग का सर्वेक्षण हुआ पूरा

  • निधी के अभाव में अटका काम

वर्धा प्रतिनिधि/दि.19 – आर्वी से वरूड मार्ग पर तलेगांव, ममदापुर, आष्टी, साहुर, गाडेगांव व राजुरा आदि रेल्वे स्टेशन निश्चित किये गये है और इस मार्ग पर 70 पूल बनाये जायेंगे. इस रेलवे ट्रैक के लिए 373 हेक्टयेर जमीन का अधिग्रहण आवश्यक है, और इस प्रकल्प पर 1 हजार 32 करोड रूपयों का खर्च होना अपेक्षित है. इसका प्रस्ताव जारी वर्ष के प्रारंभ में रेलवे बोर्ड के समक्ष पेश किया गया था. साथ ही आर्वी-वरूड रेलमार्ग हेतु सर्वेक्षण का काम भी पुरा कर लिया गया. लेकिन अब तक भुमि अधिग्रहण नहीं होने और निधि उपलब्ध न हो पाने की वजह से इस रेलमार्ग के निर्माण की रफ्तार बेहद सुस्त है.
बता दें कि, वर्धा-यवतमाल-नांदेड इस 284 किमी लंबे नये रेल मार्ग के प्रकल्प हेतु केंद्र सरकार की ओर से 60 फीसदी और राज्य सरकार की ओर से 40 फीसदी निधी को मान्यता दी गई है. इसी तरह रेल विभाग द्वारा वर्धा-कलंब-यवतमाल इस 78 किमी लंबे रेल मार्ग का भी काम किया जा रहा है. साथ ही 206 किमी लंबाईवाले यवतमाल-पुसद-नांदेड रेलमार्ग का काम भी रेलवे विकास निगम लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है. 78 किमी लंबे वर्धा-यवतमाल रेल मार्ग के लिए आवश्यक 473.16 हेक्टेयर आर जमीन में से 364.84 जमीन का भूसंपादन किया जा चुका है. और 108.3 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करना बाकी है. इसमें से 19.6 हेक्टेयर आर जमीन वनविभाग तथा 10.505 हेक्टेयर आर जमीन एमआयडीसी से अधिग्रहित करना बाकी है. प्रलंबित रहनेवाली जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया संबंधित जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही पूर्ण की जायेगी.
इसी तरह आर्वी व पुलगांव के बीच खुपगांव, नांदुरा, धनोडी, बहादरपूर, रोहणा, विरूल व सालफल जैसे कई गांवों के लोग रेलवे से यात्रा करते थे, लेकिन विगत 14 वर्षों से रेलसेवा बंद रहने के चलते इन सभी लोगों को काफी तकलीफों का सामना करना पड रहा है. सर्वेक्षण का काम पूर्ण होने के बाद प्रस्ताव पेश किये गये एक वर्ष से भी अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन इसके बावजूद निधी का अभाव रहने की वजह से रेलमार्ग निर्माण की गति सुस्त दिखाई दे रही है. इसी तरह सेवाग्राम-पवनार मार्ग एवं वरूड सहित हेलोडी में अंडरपास के काम का प्रत्यक्ष मुआयना करते हुए समस्या को हल करने और दहेगांव के ओवरब्रिज को मान्यता दिलाने हेतु मुंबई स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के पास प्रस्ताव भेजा गया है. जिसे मान्यता मिलने के बाद काम की प्रत्यक्ष शुरूआत होगी.

प्रलंबित भुमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जिला प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द पूर्ण   Ramdas-Tadas-Amravati-Mandal कर काम को पूरा करने का नियोजन किया गया है. मध्य रेल्वे के माध्यम से रेल मार्ग सहित बडे पूलों के निर्माण का कार्य प्रगतीपथपर है. इस संदर्भ में नागपुर विभागीय रेलवे व्यवस्थापक से चर्चा की गई है और जल्द से जल्द भूसंपादन करने हेतु तमाम आवश्यक प्रयास किये जायेंगे.
-रामदास तडस
सांसद, वर्धा संसदीय क्षेत्र          

 

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