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चावल कालाबाजारी के तार भंडारा व गोंदिया जिले से जुडे

कई राईस मिल मालिकोें के संपर्क में था सरकारी अनाज तस्कर चेतन मदान

नागपुर/दि.१० – सरकारी अनाज की कालाबाजारी करनेवाले कुख्यात चेतन अरqवद मदान और उसके साथीदारों के तार भंडारा व गोंदिया जिले के कई राईस मिल मालिकोें के साथ जुडे है. जिनके माध्यम से ये लोग छत्तीसगढ व मध्यप्रदेश में चोरी-छिपे तरीके से सरकारी चावल की खेप पहुंचाया करते थे. ऐसी जानकारी सामने आयी है. बता दें कि, गुरूवार को क्राईम ब्रांच ने चेतन मदान के फ्री ऑक्ट्राय झोन स्थित गोदाम पर छापा मारकर वहां से ४० टन सरकारी राशन का चावल जब्त किया था. इस समय चार वाहनों सहित ७ आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था. पश्चात यह मामला लकडगंज पुलिस के हवाले किया गया और पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश कर एक दिन का पीसीआर हासिल किया. पता चला है कि, लॉकडाउन काल के दौरान गरीब लोगों को सरकार की ओर से अत्यल्प कीमतों में और मुफ्त दिये जानेवाले चावल को मदान, गुनियानी व जुनेजा जैसे लोग दलालों के जरिये ७ से ८ रूपये प्रति किलो की दर से खरीदते थे. पश्चात उस चावल की पॉलीश करने के बाद उसे नामांकित ब्रान्ड के बोरोें में भरकर खुले बाजार में उंची दरों पर बिक्री हेतु भिजवाया जाता था. यहीं चावल बाद में भंडारा व गोंदिया होते हुए मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ भिजवाया जाता था. सरकारी अनाज की इस कालाबाजारी में अन्न आपूर्ति विभाग के कई भ्रष्ट अधिकारियों का भी समावेश था और इस रैकेट द्वारा रोजाना लाखों रूपयों के वारे-न्यारे किये जाते थे. अपराध शाखा पुलिस ने इस मामले में चेतन अर्जुन मदान, श्रीकांत रजनीकांत कक्कड, उमेश बीतेलाल साहू, मो. रियाज मो. कदीर, अकरम खान अहमद खान, प्रदीप प्रभाकर काजवे तथा विक्की गणेश जगदाले इन सात लोगों को गिरफ्तार किया था. वहीं अब अन्न आपूर्ति महकमे के कई लोग पुलिस के निशाने पर है.

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