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घटनास्थल न जाते ही उपसमिति ने की जांच

 बयान दर्ज कराने हरिसाल के कर्मचारियों को परतवाडा बुलाया

अमरावती/प्रतिनिधि दि. 12 – हरिसाल की वनपरिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले की जांच के लिए प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वनबल प्रमुख) ने जांच समिति गठीत की है. इस समिति ने अपना काम अब शुरु किया है, लेकिन शुरुआत में ही समिति व्दारा उठाये गए कदम निष्पक्ष जांच पर प्रश्नचिन्ह निर्माण करने वाले साबित हुए है.
वनबलप्रमुख व्दारा गठीत की गई समिति की तीन उपसमिति तैयार की गई है. उपवनसंरक्षक विनोद शिवकुमार की ओर से दीपाली को किस तरह प्रताडना सहन करनी पडी, उन्होंने उसके साथ किस तरह गैर बर्ताव किया. दीपाली के साथ उसके कनिष्ठ व वरिष्ठ अधिकारियों का बर्ताव कैसे था, विनोद शिवकुमार ने उसे कितने मामलों में ‘शो कॉज’ नोटीस दिया, उसे कितने नियमबाह्य काम करने के लिए मजबूर किया है, इस तरह जांच के 15 विषय है. तीन उपसमितियों ने वह बांट लिये है. संबंधित मुद्दों पर समिति काम कर रही है. उसमें से प्रधान मुख्य वन संरक्षक एम.के.राव की अध्यक्षता वाली विभागीय वनअधिकारी पियुषा जगताप, वनपरिक्षेत्र अधिकारी कोकाटे का समावेश रहने वाली उपसमिति कल रविवार को मेलघाट में जांच के लिए गई थी. किंतु इस समिति ने हरिसाल में जाकर जांच करनी की बजाय वहीं के कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को परतवाडा में बुलवा लिया है. जिससे समिति के मूल उद्देश्यों पर प्रश्न चिन्ह निर्माण हुआ है. समिति ने निष्पक्ष जांच के लिए हरिसाल जाना अपेक्षित था. ऐसा न करते हुए परतवाडा में कर्मचारियों को बुलाने के पीछे कारण क्या? यह समझ से परे है.
दूसरी उपसमिति मात्र अमरावती व हरिसाल में जायेगी, इस उपसमिति में मुख्य वनसंरक्षक प्रवीण चव्हाण, वनविकास महामंडल के मुख्य महाव्यवस्थापक मिरा त्रीवेदी व सेवानिवृत्त विभागीय वन अधिकारी किशोर मिश्रीकोटकर का समावेश है. यह दूसरी उपसमिति तो भी निष्पक्ष जांच करेगी है या नहीं, यह प्रश्न निर्माण हुआ है.

  • अंग्रेजी की प्राध्यापिका का समिति में क्या काम?

प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वनबलप्रमुख) ने नियुक्त की मुख्य समिति में पांच भारतीय वनसेवा के अधिकारी, दो कनिष्ठ अधिकारी, एक सेवानिवृत्त अधिकारी और एक अंग्रेजी विषय की प्राध्यापिका का समावेश है. इसमें त्रयस्त के तौर पर बाहरी व्यक्ति लेते समय अंग्रेजी विषय की प्राध्यापिका का इस जांच समिति में क्या काम? इस तरह के अनेक प्रश्न उपस्थित हो रहे है. समिति में तीसरी व्यक्ति कोई तो भी चाहिए, इस कारण यह दिखावा तो नहीं किया गया, इस तरह की आशंका व्यक्त की जा रही है.

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