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वयस्क अनाथों का विषय उच्च सदन में

भारतीय ने की कानून बनाने की मांग

* शंकर पापलकर वर्षों से कर रहे डिमांड
* लोढा ने बताया- 1% आरक्षण सुविधा
नागपुर/दि.28- विधान परिषद सदस्य श्रीकांत भारतीय ने वयस्क अनाथ का मसला सदन में उठाते हुए सरकार से इस बारे में शीघ्र और उचित कानून की मांग रखी. भारतीय ने कहा कि अनाथालय में पल रहे बच्चे 18 वर्ष की आयु तक रह सकते हैं. उसके बाद सरकारी सहायता और सुविधा से वंचित हो जाते हैं. इस पर जवाब देते हुए महिला व बालकल्याण मंत्री मंगलप्रभात लोढा ने कहा कि देवेन्द्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल से ही अनाथों को राज्य शासन की भर्ती में आरक्षण सुविधा प्राप्त है. उसी प्रकार भारतीय ने अनाथों को शीघ्र प्रमाण पत्र नहीं मिलने का मुद्दा उपस्थित किया था. उस पर भी लोढा ने कहा कि कानून में प्रावधान को बदलना पड़ेगा. हालांकि प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वालों को जल्द से जल्द वह जारी किया जाता है. किन्तु अन्य रिश्तेदार रहने पर ऐसे प्रमाणपत्र जारी नहीं होते.
* होस्टल बनाने की मांग
भारतीय ने अनाथों की समस्या को देखते हुए 18 बरस से अधिक आयु के लोगों के लिए प्रत्येक संभाग मुख्यालय में 100-100 की क्षमता के होस्टल की मांग की. लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग होस्टल होने चाहिए. तब लोढा ने उत्तर दिया कि होस्टल बनाने और वयस्क अनाथ के लिए अलग से बोर्ड बनाने के बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय इस बारे में हो सकता है. सरकार अभी प्रत्येक अनाथालय में कौशल्य विकास केंद्र खोलने जा रही है. जिससे 18 बरस का होने तक वह अनाथ कोई कामकाज सीख सकता है. जो उसे जीवन में उपयोगी हो सकता है.
विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि अनाथों के अ, ब और क श्रेणी में आरक्षण सुविधा होने के बारे में उन्होंने सुना था. तब लोढा ने कहा कि एक ही श्रेणी है. राज्य में 1 प्रतिशत आरक्षण लावारिस को दिया जाता है. भारत में यह सुविधा देने वाला महाराष्ट्र अकेला प्रांत है. उल्लेखनीय है कि अमरावती जिले के वज्जर में अनाथ बच्चों के माता-पिता बने शंकरबाबा पापलकर अनेक वर्षों से वयस्क अनाथ के लिए कानून बनाकर उनके उचित पुनर्वास की मांग कर रहे हैं.

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