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लेकिन एक समय में पांच से अधिक लोग नहीं रह सकते उपस्थित
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त्रिसूत्री नियमों का कडाई से पालन किया गया अनिवार्य
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धार्मिक उत्सवों के आयोजन को अनुमति नहीं
अमरावती /प्रतिनिधि दि.6 – करीब 14 दिन चले लॉकडाउन को शिथिल करते समय जिला प्रशासन द्वारा जारी नये आदेश में विभिन्न धार्मिक स्थलों व प्रार्थना स्थलों को खोलने अथवा बंद रखने के संदर्भ में कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं दिये गये है, बल्कि यह कहा गया है कि, अगले आदेश तक जिले में कहीं पर भी किसी भी तरह के धार्मिक उत्सव आयोजीत करने को अनुमति नहीं दी जायेगी.
इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर जिला प्रशासन द्वारा बताया गया है कि, इससे पहले जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों में ही स्पष्ट किया गया था कि, विभिन्न धार्मिक स्थलों को लॉकडाउन के दौरान भी जिला प्रशासन द्वारा बंद नहीं करवाया जायेगा. बल्कि सभी धार्मिक स्थलों के विश्वस्तों पर ये जिम्मेदारी सौंपी गयी थी कि, वे अपने संस्थानों व प्रार्थना स्थलों में कोविड प्रतिबंधात्मक निर्देशों तथा त्रिसूत्री नियमों का कडाई से पालन करवाये और किसी भी धर्म स्थल या प्रार्थना स्थल पर एक समय में पांच से अधिक लोग उपस्थित न हो. इन सभी लोगों द्वारा अपने चेहरे पर मास्क लगाने के साथ-साथ सोशल डिस्टंसिंग के नियम का पालन किया जाये और सभी धार्मिक स्थलों व प्रार्थना स्थलों में समय-समय पर सैनिटाईजेशन की व्यवस्था की जाये. यही व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी. साथ ही अगले आदेश तक किसी भी धार्मिक उत्सव के आयोजन को लेकर कोई अनुमति नहीं दी जायेगी.
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अंबादेवी मंदिर संस्थान पूरी तरह से बंद
इस समय शहर सहित जिले में कोरोना संक्रमण की लगातार अनियंत्रित होती स्थिति को देखते हुए श्री अंबादेवी मंदिर संस्थान ने हालात सुधरने तक अंबादेवी मंदिर को आम श्रध्दालुओं के लिए पूरी तरह से बंद रखने का निर्णय लिया है. इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में पूजारियों द्वारा नियमित रूप से श्री अंबा माता के विग्रह का नियमित रूप से साज-श्रृंगार एवं पूजन किया जा रहा है. साथ ही मंदिर के दोनों प्रवेश द्वारों पर आम श्रध्दालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित करने हेतु बोर्ड लगा दिये गये है.
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एकवीरा देवी मंदिर में हो रहा त्रिसूत्री का पालन
वहीं एकवीरा देवी मंदिर में भाविक श्रध्दालुओं को त्रिसूत्री नियमों का पालन करते हुए प्रवेश दिया जा रहा है. यहां पर मंदिर के बाहर से ही सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करवाया जा रहा है और एक समय में केवल पांच श्रध्दालुओं को ही चेहरे पर मास्क लगाने और हाथों को सैनिटाईजर से साफ करने के बाद मंदिर के भीतर प्रवेश दिया जा रहा है.
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अन्य सभी मंदिरोें में श्रध्दालुओं की भीड घटी
इसके अलावा शहर के अन्य सभी मंदिरों के दरवाजे आम श्रध्दालुओं के लिए लगभग खुले हुए है. और सभी मंदिरा में कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों व निर्देशों का कडाई के साथ ही पालन किया जा रहा है. साथ ही यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दिनों कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए मंदिरों में दर्शन हेतु आनेवाले श्रध्दालुओं की भीड भी अपेक्षाकृत तौर पर काफी हद तक घट गयी है.
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महाशिवरात्री पर नहीं होगा कोई भव्य आयोजन
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किसी भी शिवालय में धार्मिक उत्सव के आयोजन को अनुमति नहीं
बता दें कि आगामी सप्ताह में 11 मार्च को महाशिवरात्री का पर्व पड रहा है. इस दिन भगवान भोलेनाथ के प्रति आस्था रखनेवाले भाविक श्रध्दालुओं की शिवालयों में भारी भीड उमडती है और सभी शिव मंदिरों में महाशिवरात्री पर्व पर भव्य-दिव्य धार्मिक आयोजन होते है. किंतु इस वर्ष कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रशासन द्वारा सभी तरह के धार्मिक उत्सव, शोभायात्रा व जुलुस जैसे कार्यक्रम आयोजीत करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसे में अधिकांश शिव मंदिरोें के संस्थानों द्वारा इस वर्ष महाशिवरात्री पर्व पर कोई धार्मिक कार्यक्रम आयोजीत नहीं करने का निर्णय लिया गया है.