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हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है राज्य की तिघाडी सरकार

सरकार की वर्षपूर्ति पर भाजपा नेताओं ने पत्रकार परिषद

  • सरकार की असफलताओं का ब्यौरा पेश किया

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२ – गत वर्ष अस्तित्व में आयी राज्य की महाविकास आघाडी सरकार राज्य में हर मोर्चे पर नाकाम रही है और इस एक वर्ष के दौरान राज्य में किसी भी घटक को न्याय नहीं मिला है. इस एक वर्ष के दौरान राज्य की महाविकास आघाडी सरकार ने केवल पिछली सरकार द्वारा शुरू किये गये कामों व योजनाओें को बंद करने का ही काम किया है. जिसकी वजह से राज्य का विकास बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. इसके साथ ही तीन दलोंवाली तिघाडी सरकार ने विगत एक वर्ष के दौरान किसानों के साथ झांसेबाजी करते हुए अनुशेष का सामना कर रहे विदर्भ पर भी अन्याय किया है. इस आशय का आरोप सरकार की वर्षपूर्ति पर भाजपा की ओर से यहां बुलायी गयी पत्रकार परिषद में लगाया गया है.
स्थानीय श्रमिक पत्रकार भवन में बुलायी गयी पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए चिखली निर्वाचन क्षेत्र की भाजपा विधायक श्वेता महाले ने राज्य की महाविकास आघाडी सरकार को तिघाडी सरकार करार देते हुए विगत एक वर्ष के दौरान सरकार किन-किन मोर्चों पर असफल रही, इसका ब्यौरा पेश किया. इस पत्रकार परिषद में भाजपा जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी, शहराध्यक्ष किरण पातुरकर, महापौर चेतन गावंडे, पार्टी प्रदेश सदस्य जयंत डेहनकर, चिखली शहर अध्यक्ष पंडितराव देशमुख, महासचिव मंगेश खोंडे, गजानन देशमुख व दीपक रवताडे उपस्थित थे.
इस पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए भाजपा विधायक श्वेता महाले ने कहा कि, राज्य सरकार का काम अपनी जनता को योजनाएं व विकास देने का होता है, लेकिन ठाकरे सरकार तो पिछली सरकार द्वारा जनता को दी गई तमाम बातें जनता से छीन रही है. पिछली सरकार ने विकास कामों के नाम पर करोडों रूपयों की निधी जारी की थी. कृषि उत्पन्न बाजार समिती के किसानों को मतदान का अधिकार दिया था. जनता को अपना सरपंच व नगराध्यक्ष चुनने का अधिकार दिया था. राज्य को सुजलाम, सुफलाम बनाने हेतु जलयुक्त शिवार योजना शुरू की थी. बेरोजगारों व विद्यार्थियों हेतु सारथी संस्था शुरू की थी. अण्णासाहब पाटिल महामंडल का गठन किया था. शिक्षकों के तबादले हेतु केंद्रीयकृत ऑनलाईन व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी थी और मुंबई मेट्रो के लिए आरे कारशेड को मंजूरी देने के साथ ही मराठा समाज को आरक्षण दिया गया था. किंतु राज्य की मौजूदा सरकार ने इन तमाम बातों के मामले में उलटा चलना शुरू कर दिया है और जनता को दी गई तमाम सुविधाएं यह सरकार वापिस छीन रहीं है. ऐसे में सरकार के कामकाज को अजीबोगरीब कहा जा सकता है.
इस पत्रवार्ता में कहा गया कि, सरकार कोरोना से उपजे हालात को संभालने में पूरी तरह से असफल रही और कोरोना काल के दौरान किसी भी व्यक्ति को सरकार की ओर से कोई आधार या सहायता प्राप्त नहीं हुई. इसी तरह विगत एक वर्ष के दौरान राज्य में महिलाओं के खिलाफ अन्याय व अत्याचार बढने के साथ ही अपराधिक वारदातों में भी जमकर इजाफा हुआ है. जिन्हेें रोकने व नियंत्रित करने में राज्य सरकार असफल रही है. साथ ही विगत एक वर्ष के दौरान अपनी हर असफलता का ठीकरा राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर फोडने के अलावा और कुछ भी नहीं किया, जबकि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को हर समय पूरी सहायता दी गई है. किंतु यह सहायता किसी भी लाभार्थी तक नहीं पहुंची.

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