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झमाझम बारिश के साथ हुई सुबह, फिर दिनभर खिली रही धूप

शहर में मौसम ने अचानक बदला मिजाज

अमरावती/प्रतिनिधि दि.८ – मंगलवार की सुबह जब अमरावती शहरवासियों की नींद पूरी होने के बाद आंख खुली, तो बाहर तेज व मुसलाधार बारिश हो रही थी तथा आसमान में छाये काले-घने बादलों के बीच बिजली की तेज गडगडाहट गूंज रही थी. लेकिन सुबह आठ-साढे आठ बजते-बजते बारिश पूरी तरह से नदारद हो गयी तथा आस्मान से बादल हटने के साथ ही मौसम पूरी तरह से खुल गया और पूरा दिन गुनगुनी धूप खिली रही. मौसम में अचानक आये इस बदलाव की वजह से कुछ समय के लिए वातावरण सर्द जरूर हुआ था, लेकिन इसके बाद पूरा दिन उमस होती रही. ज्ञात रहे कि, विगत सप्ताह लगातार चार-पांच दिनों तक बारिश होती रही. जिससे हालात बाढ सदृश्य हो गये थे. इसके बाद मौसम अचानक खुल गया और तेज धूप पडने लगी. जिससे भारी उमस पैदा हुई. वहीं सोमवार की देर शाम मौसम ने अचानक करवट बदला और ६ बजे के आसपास एक-डेढ घंटे तक झमाझम बारिश हुई. जो रात में रूक गयी. वहीं मंगलवार के तडके बारिश एक बार फिर शुरू हुई और बिजली की तेज गडगडाहटों के साथ मुसलाधार पानी बरसने लगा, लेकिन आठ-सवा आठ बजे के आसपास बारिश अचानक पूरी तरह से रूक गयी और ९ बजे के आसपास आसमान साफ होकर धूप भी खिल गयी. मौसम में अकस्मात आये इस परिवर्तन को देखते हुए शहरवासी भी आश्चर्यचकित हो गये.

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बांध लबालब, जलविसर्ग जारी

जिले में चहुंओर हो रही शानदार बारिश की वजह से जिले के सबसे बडे बांध अप्पर वर्धा सहित सभी मध्यम व लघु प्रकल्पों में जलसंग्रहण की स्थिति बेहद शानदार हो गयी है और अप्पर वर्धा सहित शहानूर प्रकल्प से लगातार जलनिकासी की जा रही है. इसके तहत अप्पर वर्धा बांध के तीन दरवाजों को २० सेंटीमीटर तक खुला रखते हुए यहां से प्रति सेकंड ९८ घनमीटर पानी छोडा जा रहा है. इस बांध में इस समय ३४२.३० मीटर तक जलस्तर पहुंच चुका है और बांध में ५४५.७० दलघमी यानी ९६.७५ फीसदी जलसंग्रह है. वहीं दूसरी ओर शहानूर प्रकल्प के दो दरवाजों को ५ सेंटीमीटर तक खुला रखते हुए यहां से ८.८१ घनमीटर पानी प्रति सेकंड छोडा जा रहा है. जिले के पांचों मध्यम प्रकल्पों शहानूर (९५.१३ फीसद), चंद्रभागा (९४.३५ फीसद), पूर्णा (८६.८२ फीसद), सापन (८८.२४ फीसद) व पंढरी (१३.६९ फीसद) में औसत ७१.३१ फीसद जलसंग्रहण है. साथ ही जिले के ८४ लघु प्रकल्पों में औसत जलसंग्रहण की स्थिति ७९.४४ प्रतिशत है. ऐसे में जिले के सभी छोटे-बडे व मध्यम ९० जलप्रकल्पों में औसत ८७.३५ फीसद जलसंग्रहण हो चुका है.

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