दीपावली पर रंगाई-पुताई के कामों ने पकडी गती
विभिन्न रंगों व सफेद चुने की बिक्री में आयी तेजी
अमरावती प्रतिनिधि/दि.४ – प्रतिवर्ष दीपावली पर्व के अवसर पर लोगबाग अपने घरों की साफसफाई करने के साथ ही घरों की दीवारों व छत की रंगाई-पुताई करते है. इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे और लॉकडाउन की वजह से जहां विगत सात-आठ माह के दौरान कई त्यौहार बेहद फीके गये, वहीं साल के सबसे बडे त्यौहार दीपावली को लेकर लोगों में काफी हद तक उमंग व उत्साह का माहौल देखा जा रहा है और कई लोगों ने अपने घरों में साफसफाई का काम शुरू करने के साथ-साथ रंगाई-पुताई का काम भी शुरू कर दिया है. ऐसे में शहर में रंगोें व चुने की दुकानों में इस समय अच्छी-खासी ग्राहकी का नजारा देखा जा रहा है और नामांकित व ब्राण्डेड कंपनियों के रंगोें के साथ-साथ रंगरोगन से संबंधित साहित्य की अच्छीखासी बिक्री हो रही है.
उल्लेखनीय है कि, अमूमन दीपावली पर्व के साथ-साथ विवाह समारोह जैसे अवसरों पर लोगबाग अपने घरों में बडे पैमाने पर रंगरोगन करते है. जिसके तहत घर की दीवारों व छत सहित खिडकी व दरवाजों को भी नये रंग से रंगा जाता है. हर कोई इस कोशीश में रहता है कि, उसके घर की दीवारोें का भितरी व बाहरी रंग कुछ अलग हटकर दिखे. रंगरोगन के बाद पूरा घर एक नये कलेवर में सजा हुआ दिखाई देता है और घर के भीतर का वातावरण भी प्रसन्न व आल्हाददायक हो जाता है. इन दिनों बाजार में सैंकडों तरह के रंग व हजारों तरह के शेडस् बिक्री हेतु उपलब्ध है. साथ ही अधिकांश लोगबाग घर की बाहरी दीवारों की रंगाई-पुताई करने हेतु पारंपारिक सफेद चुने का प्रयोग करते है. वहीं इन दिनों घर की भीतरी दीवारों के लिए प्लास्टिक पेंट व डिस्टेंपर को खासा पसंद किया जाता है. ऐसे में कोरोना काल के बाद लॉकडाउन के काफी हद तक खत्म होनेवाली स्थिति के बीच आ रहे दीपावली पर्व को लेकर लोगोें में काफी हद तक उमंग व उत्साह का माहौल देखा जा रहा है, तथा लोगबाग अपने-अपने घरों की साफसफाई व रंगाई-पुताई के काम में लगे हुए है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, पहले जहां संयुक्त परिवार हुआ करते थे और घर के सदस्य ही आपस में मिलबांटकर घरों की रंगाई-पुताई का काम कर लिया करते थे, वहीं अब लोगोें के रहन-सहन व जीवनशैली में काफी बदलाव आ गया है तथा हम दो-हमारे दो के साथ ही फ्लैट संस्कृति का चलन बढ गया है. ऐसे में लोगबाग इस काम के लिए बाकायदा पेंटरों की सेवाएं लेते है, और अब पहले की तरह प्रतिवर्ष रंगाई-पुताई करने की बजाय तीन-चार साल में एक बार उंची क्वॉलीटीवाले प्लास्टिक पेंट के जरिये घरों की भीतरी दीवारों की रंगाई-पुताई की जाती है, जो लंबे समय तक टीके रहते है. लेकिन इस बार कोरोना व लॉकडाउन के चलते कई लोगबाग काफी फुरसत में है और उन्होंने इस बार दीपावली पर अपने घरों की रंगाई-पुताई का काम शुरू करवाया है. हालांकि इसके बावजूद इस काम में पहले जैसी तेजी नहीं देखी जा रही. क्योंकि कई लोगबाग ऐसे भी है, जिनका दीपावली पर कोरोना व लॉकडाउन की वजह से हाथ काफी तंग है और वे चाहकर भी इस वर्ष अपने घरों की रंगाई-पुताई नहीं करवा पा रहे.