… तो हर एक को दोनों डोज देने में लगेंगे दो साल
कछुआ गति से चल रहा है टीकाकरण का काम

-
वैक्सीन की आपूर्ति बुरी तरह गडबडायी
-
कई टीकाकरण केंद्रों पर लटके है ताले
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२९ – इन दिनों कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन की आपूर्ति का काम बुरी तरह से गडबडा गया है. जिसके चलते प्रत्येक सप्ताह में दो से तीन दिनों तक टीकाकरण केंद्र बंद रहते है. साथ ही ऑनलाईन पंजीयन कराने के बाद टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचनेवाले लाभार्थियों को वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं रहने के चलते बिना टीका लगाये अपने घर लौटना पडता है. इस समय अकेले 18 से 44 वर्ष आयुगुट में अमरावती जिले के 1 लाख 30 हजार लाभार्थियों को वैक्सीन का दूसरा डोज मिलना बाकी है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, हर एक को वैक्सीन के दोनों डोज लगाने के लिए करीब दो साल का समय लग सकता है.
बता दें कि, अमरावती जिले में विगत 16 जुलाई से कोविड प्रतिबंधात्मक टीकाकरण अभियान शुरू हुआ और इन छह माह के दौरान 7 लाख 87 हजार 815 नागरिकों का ही टीकाकरण हो पाया है. जिसमें से केवल 2 लाख 9 हजार 54 नागरिकों को ही वैक्सीन के दोनों टीके लगाये गये है. यह जिले की कुल जनसंख्या के अनुपात में केवल 7 प्रतिशत लाभार्थी संख्या है. कोविड संक्रमण की चेन को तोडने के लिए सामूहिक रोगप्रतिकार शक्ति तैयार होना बेहद जरूरी है. वहीं अब संक्रमण की तीसरी लहर आने की भी संभावना है और डेल्टा प्लस वेरियंट का संक्रमण फैलने का खतरा बताया जा रहा है. जिसका सामना करने हेतु बेहद जरूरी है कि, अधिक से अधिक लोगों को कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का टीका लगाया जाये. किंतु जहां एक ओर कई लोग अब भी वैक्सीन के पहले डोज से वंचित है, वहीं दूसरी ओर पहला डोज लगवा चुके लोगों को दूसरा डोज मिलने के लिए लंबी प्रतीक्षा करनी पड रही है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती जिले में विगत 1 मई से 18 से 44 वर्ष आयुगुट के लाभार्थियों का टीकाकरण करना शुरू किया गया. जिसके तहत 1 लाख 44 हजार 447 लोगों ने वैक्सीन का पहला डोज लगवाया. जिनमें से केवल 14 हजार 263 लोगों को ही वैक्सीन का दूसरा डोज लग पाया है और वैक्सीन की आपूर्ति का समीकरण गडबडाया रहने की वजह से इस आयु वर्ग के 1 लाख 30 हजार 184 लाभार्थी वैक्सीन का दूसरा डोज पाने से वंचित है. यहां यह याद दिला दें कि, विगत जून माह के दौरान लंबे समय तक 18 से 44 वर्ष आयुगुट के नागरिकों का टीकाकरण करना बंद कर दिया गया था, क्योंकि उस अनुपात में वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं हो पा रही थी. शुरूआती दौर में बडी तेजी के साथ चलनेवाला वैक्सीनेशन का दौर अब पहले की तुलना में कुछ हद तक सुस्त हो गया है, क्योंकि जहां एक ओर अब अधिक से अधिक लोग वैक्सीन लगवाना चाहते है, वहीं दूसरी ओर प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के डोज की आपूर्ति ही काफी कम है. ऐसे में वैक्सीन का अभाव रहने की वजह से प्रत्येक सप्ताह में कम से कम दो-तीन दिन टीकाकरण केंद्रों को बंद रखा जाता है.
-
अब तक हुआ टीकाकरण
श्रेणी पहला डोज दुसरा डोज कुल
हेल्थ केयर वर्कर्स 20,955 14,873 35,828
फ्रंट लाईन वर्कर्स 42,118 15,147 57,265
18 से 44 वर्ष 1,44,447 14,263 1,58,710
45 से 60 वर्ष 1,91,768 75,671 2,67,339
60 वर्ष से अधिक 1,79,473 89,100 2,68,573
-
महिनानिहाय टीकाकरण
महिना रोजाना के डोज कुल टीकाकरण
1 फरवरी 269 4,371
1 मार्च 679 28,700
1 अप्रैल 3,127 3,21,444
1 मई 1,854 4,77,803
1 जून 5,996 6,28,519
1 जुलाई 5,065 7,09,069
27 जुलाई 10,794 7,87,815
-
90 केंद्रोें में चल रहा है टीकाकरण
जिले में कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन की आपूर्ति के अनुसार टीकाकरण का नियोजन किया जाता है. यूं तो अमरावती जिले में कोविड प्रतिबंधात्मक टीकाकरण के लिए करीब 136 केंद्र बनाये गये है. किंतु इन दिनों वैक्सीन की आपूर्ति का नियोजन काफी हद तक गडबडाया हुआ है. ऐसे में केवल 90 से 100 केंद्रों पर ही टीकाकरण जारी है और शेष केंद्रों को फिलहाल बंद रखा गया है.