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फिर किराया वृध्दि के मामले पर अडा मनपा का ‘घोडा’

लगातार चौथी आमसभा हुई स्थगित

  • दो-ढाई घंटे में लपेटा कामकाज

  • सत्तापक्ष व विपक्ष अपनी-अपनी भूमिका पर अडे

  • कोई भी सदन की कार्रवाई चलने देने का इच्छूक नहीं

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२० – अपेक्षा के मुताबिक बुधवार 20 अक्तूबर को आहूत मनपा की आमसभा भी सत्ता पक्ष एवं विपक्ष की आपसी तनातनी और अडियल भूमिका के चलते स्थगित हो गई तथा लगातार चौथे माह मासिक आमसभा के स्थगित हो जाने की वजह से शहर के विकास से संबंधित तमाम विषय चर्चा के अभाव में प्रलंबित रह गये.
ज्ञात रहे कि, विगत चार माह से मनपा क्षेत्र में स्थित मनपा की मिल्कीयतवाले व्यापारिक संकुलों के किराये की दरों को बढाने तथा करारनामे के नूतनीकरण का विषय लगातार आमसभा के समक्ष विचार-विमर्श हेतु विचाराधीन है. इसे लेकर पिछली आमसभा में सत्तापक्ष की ओर से कहा गया था कि, इस विषय को अगले मार्गदर्शन के लिए सरकार के पास भेजा जा रहा है. इसके साथ ही विगत आमसभा स्थगित कर दी गई थी. वहीं आज होनेवाली आमसभा के लिए इसे प्रशासकीय प्रस्ताव के तौर पर कार्यक्रम पत्रिका में शामिल किया गया है. ऐसे में आमसभा का कामकाज शुरू होते ही विपक्ष द्वारा मनपा संकुलों के किराया वृध्दि के विषय को लेकर चर्चा किये जाने की मांग उठायी गई. साथ ही आयुक्त से इस पर निवेदन करने की मांग की गई. वहीं सत्ता पक्ष का कहना रहा कि, पिछली आमसभा में इस विषय को अगले मार्गदर्शन के लिए सरकार के पास भेजते हुए आमसभा के स्तर पर स्थगित कर दिया गया था. और चूंकि अब तक सरकार की ओर से कोई मार्गदर्शन नहीं आया है. अत: इस विषय पर फिलहाल कोई चर्चा नहीं हो सकती. दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी भूमिका पर लगातार अडे हुए थे. जिसकी वजह से सदन में स्थिति लगातार हंगामाखेज बनी हुई थी और अगले किसी विषय पर कोई चर्चा नहीं हो पा रही थी. जिसके चलते महापौर चेतन गावंडे ने करीब ढाई घंटे के कामकाज पश्चात इस आमसभा को स्थगित करने की घोषणा कर दी. इसके साथ ही किराया वृध्दि के मामले को लेकर लगातार चौथे माह शहर के विकास से संबंधित अनेकोें विषय भी अचर्चित व अनिर्णित रह गये. वहीं आमसभा होने के बाद अब दोनों ही पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए दूसरे पक्ष को सदन की कार्रवाई नहीं चलने देने हेतु जिम्मेदार बताया जा रहा है. जिसके तहत सत्ता पक्ष द्वारा कहा जा रहा है कि, विपक्ष जानबुझकर सदन की कार्रवाई में बाधा उत्पन्न कर रहा है और जिस विषय पर नियमानुसार आमसभा में फिलहाल चर्चा ही नहीं हो सकती. उस विषय को लेकर चर्चा करने की जिद पर अडना पूरी तरह से बेमानी है. वहीं विपक्ष का कहना है कि, सत्ता पक्ष इस विषय को लेकर खुली चर्चा करने से बच रहा है और अपनी जिम्मेदारी से बचने हेतु हर बार आमसभा को स्थगित कर सत्ता पक्ष सदन छोडकर भाग जाता है. किंतु दोनों ही पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच अमरावती शहर की आम जनता पिस रही है. क्योंकि आम जनता से संबंधित अनेकों मामले अधर में लटके हुए है. जिन पर दोनों ही पक्षों की ओर से कोई चर्चा नहीं की जा रही.

आज हुई आमसभा में जहां सत्ता पक्ष की ओर से सभागृह नेता तुषार भारतीय व स्थायी सभापति सचिन रासने ने मोर्चा संभाला. वहीं दूसरी ओर विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगोले, पार्षद सलीम बेग, प्रकाश वानखडे, राजेंद्र तायडे, प्रदीप हिवसे व धीरज हिवसे ने सत्ता पक्ष को घेरने का प्रयास किया. वहीं पार्षद प्रकाश बनसोड ने इस विषय को लेकर बेहद संतुलित व संयमी भूमिका रखी.

  • सदन में बह रही उलटी गंगा, विपक्ष चर्चा के लिए तैयार, सत्ता पक्ष भाग रहा

मनपा के नेता प्रतिपक्ष बबलू शेखावत ने इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, मनपा के व्यापारी संकुलों की किराया वृध्दि करने से मनपा की आय में साढे 4 करोड रूपयों का इजाफा हो सकता है. जिससे मनपा की डावांडोल हो चुकी आर्थिक स्थिती को संभाला जा सकता है. ऐसा करना हकीकत में मनपा के सत्तापक्ष का काम है. किंतु इस समय मनपा की आमसभा में उलटी गंगा बह रही है. क्योंकि विपक्ष मनपा की आय बढाने के लिए किराया वृध्दि के मसले पर चर्चा करना चाह रहा है. वहीं सत्ता पक्ष हर बार ऐसा करने से बचते हुए आमसभा की कार्रवाई को स्थगित कर रहा है.

  • सदन में नियमबाह्य चर्चा नहीं हो सकती

वहीं मनपा के सभागृह नेता तुषार भारतीय का कहना है कि, जो विषय पिछली आमसभा में स्थगित करते हुए सरकार के पास मार्गदर्शन हेतु भेज दिया गया, उस पर अगली आमसभा में सरकार की ओर से कोई निर्देश आये बिना चर्चा कैसे की जा सकती है, यह पूरी तरह से नियमबाह्य है. यह पता रहने के बावजूद भी विपक्ष द्वारा इस पर चर्चा करने को लेकर अडियल भूमिका अपनायी थी और रूलिंग देने की मांग की गई. जबकि ऐसा करना संभव ही नहीं था. साथ ही जैसे ही इस विषय को पीछे छोडकर अगले विषय को चर्चा हेतु सदन पटल पर लिया गया, तो विपक्ष द्वारा हंगामा मचाना शुरू कर दिया गया. जिसकी वचह से मजबूरी में आमसभा को स्थगित करना पडा.

  • सभा स्थगन किसी समस्या का समाधान नहीं

पूर्व महापौर व वरिष्ठ पार्षद विलास इंगोले के मुताबिक एक ही विषय को लेकर मनपा की चार आमसभाएं स्थगित होना बेहद दुर्भाग्यजनक है. इससे एक गलत परिपाटी चल पडेगी. विपक्ष का काम है सत्ता पक्ष से किसी विषय को लेकर सवाल पूछना और सत्ता पक्ष द्वारा उन सवालों का जवाब दिया जाना चाहिए. किंतु मनपा का सत्ता पक्ष सवाल पूछे जाते ही आमसभा स्थगित कर सदन से निकल जाता है. इससे किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता. अत: सत्ता पक्ष ने जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए विपक्ष के सवालों का सामना करना चाहिए.

  • हम चर्चा करने तैयार, लेकिन विपक्ष सुने तो सही

वहीं महापौर चेतन गावंडे का कहना रहा कि, मनपा का सत्ता पक्ष मनपा की आय बढाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबध्द व कृतसंकल्प है. यहीं वजह है कि, सत्ता पक्ष द्वारा ही नवाथे मल्टीप्लेक्स के विषय को आगे बढाते हुए पीएमसी की नियुक्ति प्रक्रिया को गतिमान करने का प्रयास किया गया. जिससे मनपा की आय बढ सकती थी. किंतु विपक्ष ने हंगामा मचाते हुए इसमें भी अडंगा डाला था. वहीं मनपा के व्यापारी संकुलों के किराये को बढाने के प्रस्ताव पर भी सत्ता पक्ष पूरी तरह से गंभीर है और इसे लेकर राज्य सरकार से मार्गदर्शन भी मांगा गया है. जब तक राज्य सरकार की ओर से कोई निर्देश नहीं मिलता, तब तक इस विषय पर चर्चा ही नहीं हो सकती. ऐसे में इस दौरान अन्य विषयों पर चर्चा और निर्णय कराये जा सकते है. किंतु विपक्ष हर बार इसी विषय को लेकर अडियल भूमिका अपनाता है और हंगामा मचाता है. इसकी वजह से मजबूरी में आमसभा को स्थगित करना पडता है.

  • पूर्व महापौर मिलींद चिमोटे फंसे पेंच में

मनपा की आमसभा के दौरान उस समय अजीबो-गरीब स्थिति बन गई, जब किराया वृध्दि के मामले को लेकर जारी गहमा-गहमी के बीच भाजपा पार्षद व पूर्व महापौर मिलींद चिमोटे सत्ता पक्ष का हिस्सा रहने के बावजूद विपक्ष के सुर में सूर मिला रहे थे. इस समय सभागृह नेता तुषार भारतीय ने उनसे जानना चाहा कि, चूंकि वे (चिमोटे) खुद महापौर रह चुके है. ऐसे में अगर आज वह महापौर के तौर पर सभापती होते तो क्या मौजूदा हालात में इस विषय को लेकर सदन में चर्चा की अनुमति देते. जिस पर मिलींद चिमोटे ने नकारात्मक जवाब दिया. हालांकि इसके बावजूद मिलींद चिमोटे विपक्षी पार्षदों का साथ देते रहे. वहीं सभागृह नेता तुषार भारतीय व भाजपा पार्षद मिलींद चिमोटे के बीच उस समय भी थोडी तनातनीवाली स्थिति बनी. जब आमसभा की कार्रवाई के दौरान ही तुषार भारतीय ने मिलींद चिमोटे पर भाजपा पार्षद रहने के बावजूद टाउन हॉल में कांग्रेस की ओर से आयोजीत कार्यक्रम में हिस्सा लेने का आरोप लगाया. साथ ही छुपे तौर पर ‘खेला’ नहीं खेलने की बात कही. जिस पर मिलींद चिमोटे कुछ देर के लिए तमतमा गये. इसके साथ ही तुषार भारतीय ने बबलू शेखावत, विलास इंगोले व मिलींद चिमोटे के बीच चल रही ‘बैलेंन्सिंग’ को लेकर यह तंज भी कसा कि, इस समय विरोधी पक्ष नेता कौन है, यह समझ से परे है.

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