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1 अप्रैल से राज्य में काफी बडी विद्युत दरवृद्धि

अदानी के समक्ष महावितरण का ‘लोटांगण’

नागपुर /दि.8- महावितरण ने 1 अप्रैल से अपने विद्युत दरों में 37 फीसद की भारी भरकम वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा है. महावितरण को सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे मामले में अदानी पावर व जीएमआर वरोरा से हार का सामना करना पडा. जिसके चलते न्यायालय ने महावितरण को हजारों करोड रुपए दंड के तौर पर भरने का निर्देश दिया है. जिसके चलते महावितरण कंपनी द्बारा विद्युत दरों में और अधिक वृद्धि करते हुए इस दंड की भरपाई ग्राहकों से ही करेंगी. ऐसे में गर्मी के मौसम दौरान बिजली की मांग बढने के साथ-साथ बिजली के दाम भी बढेंगे, यह तय हो गया है.
बता दें कि, अदानी पावर कंपनी का तिरोडा में 3300 मेगा वैट की क्षमता वाला प्रकल्प है. इस प्रकल्प से ही महावितरण को बिजली की आपूर्ति की जाती है. कोयला कंपनी की ओर से आवश्यक कोयले की आपूर्ति नहीं किए जाने के चलते अदानी को बडे पैमाने पर कोयला आयात करना पडा. जिसके लिए अच्छी खासी कीमत भी अदा करनी पडी. ऐसे में अदानी ने महावितरण को भी अतिरिक्त कीमत देने हेतु कहा. परंतु महावितरण ने अतिरिक्त भुगतान करने से इंकार कर दिया. जिसके चलते यह मामला महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग व लवाद से होते हुए सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा. लेकिन हर जगह पर महावितरण को हार का सामना करना पडा. वरोरा में विद्युत संयंत्र का संचालन करने वाली एमजीआर कंपनी के साथ ही महावितरण को ऐसी ही नौबत का सामना करना पडा है.
दोनों ही मामले कोयला आयात नीति को लेकर वर्ष 2007 तथा वर्ष 2013 के दौरान नियमों में हुए बदलाव की वजह से सामने आए है. इस दौरान घरेलू कोयले की अच्छी खासी किल्लत थी. जिसके चलते उर्जा क्षेत्र में संशोधित नियम घोषित किए गए. महावितरण ने अदानी पावर को देय रहने वाले 10 हजार करोड की वसूली पहले ही ग्राहकों से की है. ऐसे में अब ग्राहकों को अतिरिक्त भुर्दंड सहन करना पडेगा. जो ग्राहकों से इंधन समायोजन शुल्क के नाम पर वसूल किया जाएगा, ऐसी जानकारी सामने आयी है.

 

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