रिम्स् हॉस्पिटल में नहीं होती किसी तरह की कोई गडबडी
-
संचालक डॉ. प्रफुल्ल कडू ने जारी किया स्पष्टीकरण
-
इलाज सहित बिलींग सेक्शन पर खुद का व्यक्तिगत ध्यान रहने की बात कही
-
कहा : किसी भी शिकायत या गलती को तत्काल सुधारने रिम्स् तत्पर
-
कोविड काल की गहमागहमी के दौरान सभी का सहयोग अपेक्षित
अमरावती/प्रतिनिधि दि.8 – शहर में विगत अनेेक वर्षों व दशकोें से स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवा प्रदान कर रहे कई डॉक्टरोें ने एक साथ मिलकर रेन्बो इन्स्ट्टियूट ऑफ मेडिकल सायन्सेस यानी रिम्स् हॉस्पिटल की स्थापना की. इसके पीछे हमारा उद्देश्य पैसा कमाना नहीं, बल्कि क्षेत्रवासियों को बडे महानगरोें की तरह अत्याधुनिक चिकित्सा सेवा बेहद माफक दरों में उपलब्ध करवाना है. और अस्पताल में चलनेवाले इलाज सहित यहां के बिलींग सेक्शन पर मेरा खुद का व्यक्तिगत तौर पर ‘वॉच’ रहता है और जो लोग मुझे जानते है, उन्हें निश्चित तौर पर पता होगा कि, मेरे रहते किसी भी तरह की कोई गडबडी नहीं हो सकती. इस आशय का कथन शहर के वरिष्ठ व प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. प्रफुल्ल कडू ने किया.
बता दें कि, गत रोज जिला टास्क फोर्स द्वारा रिम्स् अस्पताल में अचानक पहुंचकर निरीक्षण किया गया था और इस अस्पताल में कथित तौर पर ओवरचार्जींग को लेेकर कुछ गडबडियां पायी गयी थी. जिसके लिए मनपा प्रशासन द्वारा रिम्स् अस्पताल को नोटीस जारी की गई है.
इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर रिम्स् अस्पताल के संचालक मंडल में शामिल डॉ. प्रफुल्ल कडू ने उपरोक्त बात कहने के साथ ही कहा कि, अभी रिम्स् अस्पताल को शुरू हुए बमुश्किल एक महिना ही हुआ है. और हमने सारा सेटअप् चुस्त-दुरूस्त करने के साथ ही अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए अपने अस्पताल में कोविड संक्रमित मरीजों को भी भरती करने की व्यवस्था शुरू की. जिसे अभी मुश्किल से एक-डेढ हफ्ता ही हुआ है. ऐसे में सारी व्यवस्थाओं को लाईनअप् करने में कुछ वक्त लगना अपेक्षित है. किंतु इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं निकाला जाना चाहिए कि, रिम्स् हॉस्पिटल में मरीजों से ओवरचार्ज पैसा लिया जा रहा है या फिर यहां पर किसी तरह की कोई गडबडी हो रही है. डॉ. प्रफुल्ल कडू के मुताबिक रिम्स् अस्पताल के साथ शहर के लगभग 50 से अधिक प्रतिष्ठित डॉक्टर जुडे हुए है. जिन्होंने अपनी समर्पित सेवा व सटीक चिकित्सा के जरिये शहर में ख्याती अर्जीत की है. इन सभी डॉक्टरों की आर्थिक स्थिति भी अच्छीखासी है और उनका रिम्स् अस्पताल के साथ जोडने का मकसद पैसा कमाना निश्चित ही नहीं था. साथ ही डॉ. प्रफुल्ल कडू ने यह भी कहा कि, वे खुद भी रिम्स् अस्पताल के साथ जुडे हुए है और उनका यहां पर भरती रहनेवाले मरीजों के इलाज सहित बिलींग सेक्शन पर बेहद बारीक नजर रहती है, और उनके रहते किसी भी तरह की कोई गडबडी होने का सवाल ही नहीं उठता. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, यदि किसी मरीज को आयसीयू से रूम अथवा वॉर्ड में शिफ्ट करने के बावजूद उस दिन का आयसीयू चार्ज लिया गया है, तो यह रकम संबंधित मरीज को वापिस लौटा दी जायेगी. इसके अलावा भी यदि किसी मरीज अथवा उनके परिजन के पास अस्पताल की सेवा या बिलींग को लेकर कोई शिकायत हो, तो वे कभी भी उनसे (डॉ. कडू से) इस बारे में मिल सकते है. वे खुद ऐसी दिक्कतोें व शिकायतों को दूर करने का काम करेंगे. इसके साथ ही डॉ. कडू ने यह भी कहा कि, इस समय रिम्स् अस्पताल के सभी विशेषज्ञ डॉक्टर अपने यहां भरती होनेवाले हर एक कोविड को नॉन कोविड मरीज की जान बचाने के काम में जुट हुए है और रिम्स् हॉस्पिटल अमरावती शहर व जिले सहित पूरे पश्चित विदर्भ में अपनी तरह का सबसे अनूठा व सर्वसुविधायुक्त अस्पताल है. जहां पर बेहद माफक दरों में हर तरह की अत्याधुनिक चिकित्सक सेवा व सुविधा उपलब्ध है. अत: सभी को चाहिए कि, वे रिम्स् अस्पताल को लेकर किसी भी तरह की कोई गलहफहमी न रखे और अस्पताल प्रबंधन के साथ सहयोग करे, ताकि अस्पताल द्वारा पुरे उत्साह व ेसमर्पण के साथ मरीजों की सेवा व चिकित्सा की जा सके.