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भाजपा के आंदोलन को कोई रिस्पॉन्स नहीं

दिखावे के लिए कुछ ने शटर खोले, तुरंत बंद किये

  •  महज फोटो सेशन बनकर रह गया भाजपा का आंदोलन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.9 – गत रोज भाजपा की शहर शाखा द्वारा लॉकडाउन का विरोध करते हुए शहर के सभी व्यापारियों से आवाहन किया गया था कि, वे शुक्रवार 9 अप्रैल से अपनी दुकाने खोले. किंतु इस आवाहन को व्यापारियों की ओर से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला और शुक्रवार को शहर के लगभग सभी व्यापारिक क्षेत्रों में सभी प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे. हालांकि भाजपा के शहराध्यक्ष किरण पातुरकर के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारियों ने शहर के जवाहर गेट, बर्तन बाजार व सराफा बाजार जैसे प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में पदयात्रा करते हुए व्यापारियोें से अपनी दुकाने खोलने का आवाहन किया, लेकिन इस समय कुछ दुकानदारों ने आपसी जान-पहचान के चलते केवल दिखावे के लिए अपने शटर खोले और ऐसे खुले शटर के सामने भाजपा पदाधिकारियों द्वारा फोटो सेशन कराया गया. साथ ही जैसे ही भाजपा पदाधिकारी आगे बढे, वैसे ही दुकाने खोलनेवाले दुकानदारों ने अपनी दुकानों के शटर बंद कर दिये. वहीं शहर के अन्य व्यापारिक क्षेत्रों में एक भी दुकान का शटर उपर नहीं उठा.
बता दें कि, गत रोज भाजपा शहर अध्यक्ष किरण पातुरकर के नेतृत्व में राजकमल चौराहे पर भाजपाईयों द्वारा लॉकडाउन के खिलाफ जबर्दस्त धरना प्रदर्शन किया गया था. इससे पहले शहर भाजपा ने स्थानीय व्यापारी संगठनों के साथ शहर भाजपा कार्यालय में बैठक भी की थी. जिसमें भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने शहर के सभी व्यापारियों से आवाहन किया था कि, वे लॉकडाउन संबंधी आदेश का उल्लंघन करते हुए शुक्रवार 9 अप्रैल से अपनी-अपनी दुकाने खोले और शुक्रवार से शहर के सभी बाजार खुल जाने चाहिए. इसके बाद शुक्रवार की सुबह भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर अपने पदाधिकारियों व समर्थकों के साथ दुकाने खुलवाने हेतु शहर के व्यापारिक इलाकों की पदयात्रा पर निकले. चूंकि इन दिनों लॉकडाउन के बावजूद सभी व्यापारी अपनी-अपनी बंद दुकानों के सामने ही मौजूद रहते है. ऐसे में पातुरकर सहित उनके समर्थकों ने व्यापारियों से अपनी दुकाने खोलने का एक बार फिर आवाहन किया. किंतु इक्का-दुक्का व्यापारियों को छोडकर अन्य व्यापारियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ. इस समय भाजपाईयोें द्वारा दिखावे और फोटो सेशन के लिए कुछ दुकानों के शटर खुलवाये गये. किंतु जैसे ही भाजपाईयों का जत्था आगे बढा, वैसे ही दुकानदारों ने अपनी दुकानोें के शटर वापिस नीचे गिरा लिये. हालांकि इस समय तक सिटी कोतवाली थाना पुलिस द्वारा दुकान खोलनेवाले दुकानदारों के नाम दर्ज कर लिये गये थे.
ऐसे में कहा जा सकता है कि, भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर द्वारा लॉकडाउन का उल्लंघन करने को लेकर दुकाने खोलने के संदर्भ में किया गया आवाहन पूरी तरह से ‘फुसका बार’ साबित हुआ है और इस आंदोलन के जरिये किरण पातुरकर ने शहर में अपने सहित अपनी पार्टी की भी हद पिटवा ली है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इससे पहले जब 22 फरवरी से 8 मार्च के दौरान लॉकडाउन लागू किया गया था, तब भी कुछ व्यापारी संगठनोें व स्वयंभू व्यापारी नेताओं ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने हेतु शहर के बाजार व दुकानों को खोलने का आवाहन किया था. किंतु उस समय भी यह प्रयास पूरी तरह से असफल साबित हुआ था. वहीं अब भाजपा शहराध्यक्ष किरण पातुरकर द्वारा किये गये प्रयास का भी वहीं अंजाम हुआ है. ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ती नहीं होगा कि, अमरावती शहर के व्यापारी भले ही भोलेभाले है, लेकिन समझदार भी है और उन्हें बरगलाया नहीं जा सकता. अमरावती के व्यापारियों को इस बात का बखूबी अंदाजा था कि, अगर वे ऐसे ही किसी के कहने में आकर अपनी दुकाने खोलते है, तो प्रशासन की ओर से की जानेवाली दंडात्मक कार्रवाई का सामना खुद उन्हें करना होगा. अत: अपने अच्छे-बुरे की पूरी समझ रखनेवाले व्यापारियों ने बेहद समझदारी से काम लिया और लॉकडाउन को लेकर सरकार एवं प्रशासन की ओर से जारी नियमों का पालन करते हुए अपनी दुकाने बंद रखी..

  •  ‘छपाउ’ व्यापारी नेता कहीं नहीं दिखे

सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि, खुद को शहर के व्यापारियों का सबसे बडे सिरमौर संगठन का मुखिया बतानेवाले ‘छपाउ’ व्यापारी नेता शुक्रवार को दिनभर के दौरान कहीं पर भी दिखाई नहीं दिये. इन नेताओें द्वारा विगत लंबे समय से केवल कलेक्टर को लॉकडाउन हटाने के संदर्भ में ज्ञापन देने और ज्ञापन देती हुई तस्वीरे अखबारों में छपाने से ही फुरसत नहीं है और जब एक राजनीतिक संगठन द्वारा शहर के व्यापारियों को सरकारी नियमों व कानून का उल्लंघन करने हेतु उकसाया जा रहा था, तब इन छपाउ नेताओं का कहीं कोई अता-पता नहीं था. बल्कि इन नेताओं ने एक बार भी यह अपील जारी करने की जहमत नहीं उठायी कि शुक्रवार को कोई भी व्यापारी अपनी दुकाने ना खोले. साथ ही शुक्रवार के दिन भी जब समूचे शहर में हंगामाखेज स्थिती थी, तब भी तथाकथित स्वयंभू व्यापारी नेता बाजार में कहीं पर भी नहीं दिखे.

  •  व्यापारियों ने केवल भाजपा का सम्मान किया, दुकाने नहीं खोली

शहर के कई प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों के व्यवसाईयों द्वारा इस संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि, लॉकडाउन काल के दौरान भी वे रोजाना सुबह अपनी दुकानों के सामने आकर खडे रहते है, इसी के तहत वे शुक्रवार की सुबह भी अपनी दुकानों के सामने खडे थे. जब भाजपा पदाधिकारी दुकाने खोलने का आवाहन करते हुए उनके पास पहुंचे. इस समय उन्होंने भाजपा पदाधिकारियों का शिष्टाचारवश सम्मान अवश्य किया. किंतु अपनी दुकाने नहीं खोली. कई व्यापारियों का यह भी कहना रहा कि, लॉकडाउन जल्द से जल्द हटे, यह उनकी भी इच्छा है. लेकिन वे चाहते है कि, लॉकडाउन हटाने का फैसला सरकार द्वारा लिया जाये और वे अपनी दुकाने तमाम नियमों व शर्तों के साथ बेहिचक खोल सके. किंतु अपनी इस मांग के लिए सरकारी नियमों व कानूनों का उल्लंघन करने के वे पूरी तरह खिलाफ है.

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