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नहीं होती ऑक्सीजन सिलेंडरों की किल्लत

अगर डॉ. देशमुख की सुन लेते

  • होम आयसोलेशन, ऑक्सीमीटर व विकेंद्रीत कोविड अस्पतालों की जरूरत बतायी थी

  • समय रहते जनप्रतिनिधियों व प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७  -आज से करीब ढाई माह पूर्व ६ जून को जिले के पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने जिलाधीश के मार्फत राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के नाम एक पत्र जारी करते हुए कहा था कि, आनेवाले वक्त में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु बडे पैमाने पर ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पडेगी. जिसकी वजह से ऑ्िनसजन सिलेंडरों की किल्लत भी पैदा हो सकती है. साथ ही इन भारी भरकम सिलेंडरों के लाने-ले जाने में काफी समय व्यर्थ होता है. जिसके चलते आपात स्थिति में दिक्कतों का सामना करना पड सकता है. अत: सुपर स्पेशालीटी में ही १०-के क्षमतावाला लिक्वीड ऑक्सीजन प्लांट शुरू किया जाये. साथ ही बडे पैमाने पर पल्स ऑक्सीमीटर की व्यवस्थाएं उपलब्ध की जाये. इसके साथ ही पूर्व पालकमंत्री डॉ. देशमुख ने सरकारी कोविड अस्पताल में कोरोना संंक्रमित मरीजोें की देखभाल हेतु तैनात डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ पर काम के लगातार बढते बोझ को देखते हुए जून माह में ही सलाह दी थी कि, एसिम्टोमैटिक व सौम्य लक्षणवाले मरीजों को मध्यम लक्षण एवं हाईरिस्कवाले मरीजों से अलग रखा जाये. साथ ही शहर के विविध सार्वजनिक अस्पतालों एवं मेडिकल कालेजों के साथ ही सभी सुविधाओं से युक्त निजी अस्पतालों में बेड आरक्षित रखे जाये.
इस जरिये कोविड अस्पताल को विकेंद्रीत किया जा सकेगा. गत रोज जब अमरावती में अचानक ही ऑक्सीजन सिलेंडरों की किल्लत पैदा हुई तो बरबस ही एमबीबीएस, एमडी जैसी पदवियों के साथ उच्च विद्याविभूषित पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख द्वारा ढाई माह पूर्व दी गई सलाह का याद आना लाजमी हो गया.क्योंकि डॉ. देशमुख द्वारा जतायी गयी हर एक संभावना सत्य साबित हुई है. विगत ढाई माह के दौरान कोरोना संक्रमितों की संख्या में काफी तेजी से इजाफा हुआ है. जिसके चलते प्रशासन को एसिम्टोमैटिक मरीजों को होम आयसोलेशन के तहत रहने की अनुमति देनी पडी.
वहीं शहर के सभी सार्वजनिक व सहकारी अस्पतालों सहित निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों हेतु यद्यपि बेड आरक्षित नहीं किये गये, लेकिन कई निजी कोविड अस्पतालों को मान्यता दी गई. इसी तरह यदि डॉ. देशमुख द्वारा दिये गये सुझाव के अनुरूप सुपर स्पेशालीटी अस्पताल में १०-के क्षमतावाला लिक्वीड ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर दिया जाता, तो इस समय अमरावती में ऑ्िनसजन सिलेंडरों की समस्या पैदा नहीं होती. बता दें कि, इस समय अमरावती शहर में करीब १०६ कोरोना संक्रमित मरीजों को कृत्रिम ऑक्सीजन देने की जरूरत पड रही है. जिसके चलते उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने पड रहे है.

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