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पांच दिनों से फसल मंडी में पसरा है सन्नाटा

 स्टॉक लिमीट के निषेध में कृषि उपज खरीदे के व्यवहार है बंद

  • करोडों रूपयों का लेन-देन प्रभावित, लाखों रूपयों का सेस डूबा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.9 – केंद्र सरकार द्वारा कृषि उपज, विशेषकर दाल एवं दलहनों के स्टॉक की लिमीट तय कर दिये जाने के चलते अडत व्यापारियों एवं खरीददार एसो. में जबर्दस्त रोष की लहर है और इस नियम के खिलाफ कृषि उपज की खरीदी को बंद करने का निर्णय लिया गया है. जिसके चलते विगत पांच दिनों से अमरावती जिले सहित समूचे राज्य की कृषि उत्पन्न बाजार समितियों में किसानों से उनकी उपज को खरीदने का काम रोक दिया गया है. ऐसे में अकेले अमरावती जिले में ही रोजाना होनेवाले करोडों रूपये के आर्थिक लेन-देन संबंधी व्यवहार ठप्प पडे हुए है. साथ ही काम बंद रहने की वजह से कृषि उपज मंडियों को सेस के जरिये होनेवाली लाखों रूपयों की आय भी रूकी पडी है.
बता दें कि, बीते दिनों केंद्र सरकार द्वारा अनाज की कालाबाजारी को रोकने हेतु अनाज के अधिकतम संग्रहण की क्षमता तय की गई. किंतु किसानों का अनाज खरीदनेवाले खरीददारों, विशेषकर दाल मिल संचालकों ने इस फैसले का यह कहते हुए निषेध करना शुरू किया कि, इस निर्णय के चलते छोटे व मध्यम स्तर के व्यापारियों व कंपनियों की कमर ही टूट जायेगी. क्योंकि जितना माल खरीदा जाता है, जरूरी नहीं कि, हर महिने उतने माल की बिक्री भी हो. साथ ही इन दिनोें कोविड संक्रमण काल के चलते बाजार में वैसे ही काफी हद तक मंदी का माहौल है. ऐसे समय व्यापारियों व कंपनियों के पास बडे पैमाने पर स्टॉक पडा हुआ है. यदि स्टॉक लिमीट तय की जाती है, तो वे किसानों से उनकी नई फसल और उपज को खरीद ही नहीं पायेंगे. जिसके चलते इस नियम का खामियाजा किसानों को भी भुगतना पडेगा. ऐसे में स्टॉक लिमीट को हटाया जाये.

  •  परसों निकल सकता है कोई रास्ता

जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा लिये गये निर्णय का राष्ट्रीय स्तर पर विरोध हो रहा है और जगह-जगह पर अडत व्यापारियों व खरीददारों द्वारा इस फैसले के खिलाफ आंदोलन किये जा रहे है. ऐसे में आगामी 10 जुलाई को केंद्र सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय बैठक का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें इस निर्णय की समीक्षा की जायेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि, इस बैठक में इस समस्या का कोई न कोई हल निकाल लिया जायेगा.

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