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जिले में पुलिस के लिए हो स्वतंत्र कोविड अस्पताल की सुविधा

नागपुर में साकार हो चुकी संकल्पना

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२३  – इस समय अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय व जिला ग्रामीण पुलिस अधिक्षक कार्यालय अंतर्गत करीब ६ हजार के आसपास पुलिस अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत है. जिनके लिए शहर के सरकारी अथवा किसी भी निजी कोविड अस्पताल में अलग से स्वतंत्र तौर पर काई व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, जबकि लॉकडाउन एवं कोरोना काल के दौरान नागरिकों की भीडभाड के बीच ग्राउंड ड्यूटी करनेवाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा काफी अधिक है. इससे पहले भी शहर सहित जिले में कई पुलिस अधिकारी व कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके है. साथ ही कुछ पुलिस कर्मचारियों की कोरोना संक्रमित होने के चलते मौत भी हो चुकी है. बता दें कि, नागपुर के नवनियुक्त पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने अपना पदभार संभालने के साथ ही नागपुर में पुलिस कर्मियों हेतु स्वतंत्र कोविड अस्पताल शुरू करने की व्यवस्था उपलब्ध करायी. जिसके चलते अब अमरावती में भी पुलिस कर्मियों हेतु ऐसी ही स्वतंत्र व्यवस्था किये जाने की मांग और जरूरत जोर पकडती दिखाई दे रही है. ज्ञात रहे कि, कोरोना संक्रमण काल के शुरूआती दौर में राज्य आरक्षित पुलिस बल के कई अधिकारी व कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाये जाने लगे थे. जिन्हें मोझरी के कोरोंटाईन सेंटर में रखा जाता था. इसमें से अधिकांश लोग कोरोना संक्रमण के लिहाज से हॉटस्पॉट बन चुके शहरों में ड्यूटी पूरी कर वापिस लौटे थे. वहीं इसके बाद अमरावती के हॉटस्पॉट व कैन्टोनमेंट क्लस्टर जैसे इलाकों में ड्यूटी पर लगातार तैनात रहने की वजह से शहर पुलिस के कुछ अधिकारी व कर्मचारी कोरोना संक्रमण का शिकार हुए. साथ ही सिटी कोतवाली पुलिस थाने की एक महिला कर्मचारी की कोरोना संक्रमण की वजह से जान भी गयी. इस समय कोरोना के लिहाज से हालात सर्वथा विपरित है और स्थिति दिनोंदिन बिगडती जा रही है. लेकिन इसके बावजूद भी सभी पुलिस अधिकारी व कर्मचारी लगातार तमाम खतरों के बीच अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है. किंतु सरकारी कोविड अस्पताल सहित शहर के किसी भी निजी कोविड अस्पताल में पुलिसवालों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है, जो कि अनिवार्य तौर पर होनी ही चाहिए. ऐसे में अब जब नागपुर में पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए स्वतंत्र रूप से कोविड अस्पताल की व्यवस्था की गई है, तो अमरावती में भी ऐसी व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है.

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