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जन्म प्रमाणपत्र की गडबडियों को दुरुस्त करने का मिलेगा मौका

एसडीओ भटकर ने वकिलों के प्रतिनिधि मंडल को किया आश्वस्त

* वकिलो ने फौजदारी कार्रवाई को बताया गलत, मामले पीछे लेने की मांग
* प्रशासन ने कार्रवाई को लेकर की स्थिति स्पष्ट, सरकार के साथ जालसाजी को लेकर कार्रवाई करने की बात कही
अमरावती/दि. 25 – फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तहसील कार्यालय से जन्म प्रमाणपत्र हासिल करनेवाले लोगों के खिलाफ विगत दिनों तहसील प्रशासन द्वारा गाडगे नगर थाने में फौजदारी मामले दर्ज कराए गए थे. जिसे शहर के कुछ वकिलों ने पूरी तरह से गलत बताते हुए तहसील प्रशासन को निवेदन सौंपा था. जिसके उपरांत आज एसडीओ अनिल भटकर ने आपत्ति उठाने वाले वकिलों को अपने कक्ष में बुलाकर उनका पक्ष सुना और सुनवाई पश्चात कहा कि, जन्म प्रमाणपत्र में रहनेवाली गडबडियों को दुरुस्त करने का पूरा मौका दिया जा रहा है. इसके तहत जिन लोगों के जन्म प्रमाणपत्रों में किसी भी तरह की कोई गडबडी है उन्हें नोटिस देकर अपना पक्ष रखने हेतु बुलाया जा रहा है. साथ ही एसडीओ भटकर ने यह भी स्पष्ट किया कि, जिन लोगों के खिलाफ फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में फौजदारी कार्रवाई की गई है, उन्हें प्रशासन द्वारा बांग्लादेशी मानकर पुलिस में मामले दर्ज नहीं कराए गए, बल्कि उन लोगों ने फर्जी दस्तावेज पेश करते हुए एकतरह से सरकार के साथ जालसाजी व धोखाधडी की है. इस वजह से उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई.
इस समय जिला वकिल संघ के पूर्व अध्यक्ष एड. शोएब खान के नेतृत्व में वकिलों के प्रतिनिधि मंडल ने एसडीओ अनिल भटकर को बताया कि, पुराने जमाने में कई लोगों की पैदाईश दवाखाने की बजाए घर पर ही हुआ करती थी. जिसका कोई अधिकारिक रिकॉर्ड नहीं हुआ करता था. साथ ही कई लोग शाला में भी दाखिला नहीं लिया करते थे. ऐसे में उनके शाला संबंधि प्रमाणपत्र व दस्तावेज भी नहीं हुआ करते थे. इसका यह मतलग कतैई नहीं है कि, ऐसे लोग भारतीय नागरिक ही नहीं है. साथ ही पहले के जमाने में जन्म प्रमाणपत्र बनाने को लेकर बहुत अधिक जागरुकता भी नहीं हुआ करती थी. विशेष रुप से अपेक्षाकृत तौर पर अल्प शिक्षित रहनेवाले समुदाय विशेष के लोगों में यह प्रमाण काफी कम हुआ करता था. लेकिन इन दिनों सरकारी कामकाज के संदर्भ में जन्म प्रमाणपत्र आवश्यक रहने के चलते ऐसे लोग भी इधर-उधर से अपने दस्तावेज दिखाते हुए जन्म प्रमाणपत्र बनवा रहे है. वकिलों के प्रतिनिधि मंडल ने तहसील प्रशासन को बताया कि, जिन लोगों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज किए गए उनमें से एक व्यक्ति के पास पासपोर्ट भी है. जो पुलिस वेरिफिकेशन के बाद जारी हुआ था और उसी पासपोर्ट के आधार पर उस व्यक्ति ने सऊदी अरब जाकर हज यात्रा भी की थी. साथ ही वकिलो के प्रतिनिधि मंडल ने तहसील प्रशासन को मुस्लिम समाज में महिला व पुरुषों के नाम रखने को लेकर रहनेवाले चलन के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि, उस प्रचलित चलन की वजह से कई बार किसी व्यक्ति के नाम में फर्क हो सकता है. जिसे तकनीकी गडबडी या त्रुटी मानकर सुधारा जाना चाहिए. परंतु ऐसा करने की बजाए प्रशासन द्वारा राजनीतिक दबाव में आकर ऐसे लोगों के खिलाफ सीधे फौजदारी कार्रवाई ही की जा रही है और ऐसे लोगों को विदेशी तक बताया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है.
वकिलो की इस दलील को सुनने के बाद एसडीओ भटकर ने कहा कि, जिन लोगों के जन्म प्रमाणपत्रों व आवेदन के साथ जोडे गए दस्तावेजों में कोई भी गडबडी या त्रुटी है, ऐसे लोगों को इसमें सुधार हेतु मौका दिया जाएगा तथा उन्हें नोटिस देकर बुलाया जाएगा. साथ ही एसडीओ भटकर ने यह भी स्पष्ट किया कि, इन लोगों के टीसी प्रमाणपत्र में गडबडी पाई गई तो सबसे पहले संबंधित स्कूलों से ही संपर्क कर जानकारी मांगी गई और जब संबंधित स्कूलों से यह पता चला कि, आवेदक व्यक्ति के नाम पर उक्त स्कूल से कोई टीसी जारी ही नहीं हुई तो इसे सरकार के साथ जालसाजी का मामला मानते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई.
इस सुनवाई के समय एड. शोएब खान के साथ एड. शमीम अथहर, एड. शब्बीर हुसैन, एड. शहजाद नय्यर, एड. अकील अहमद, एड. शहाजेब खान, एड. नदीम खान, एड. फिरोज खान व एड. सऊद इबाद खान उपस्थित थे.

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