* राजनेताओं की रुचि
* बदलेंगे समीकरण
अमरावती/दि.10- फसल मंडी संचालक मंडल चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होेने पश्चात अब सहकार और शेकतरी पैनल के अलावा तीसरा पैनल भी होड़ में आने के आसार बताए जा रहे हैं. जिले के अधिकांश राजनेता सहकारिता में दिलचस्पी ले रहे हैं, जिसके कारण इलेक्शन आने वाले दिनों में रोचक होने के पूरे आसार है. कहा जाए तो राजनेताओं की आपसी टसल का एक नजारा यहां देखने मिलेगा.
उल्लेखनीय है कि अमरावती फसल मंडी में रोजाना करोड़ों का कारोबार होता है. सीजन में यह आंकड़ा अरब को पार कर जाता है. ऐसे में विदर्भ की दूसरी सबसे बड़ी फसल मंडी के संचालक मंडल पर राज कायम करने के लिए होड़ मची है. पूर्व पालकमंत्री यशोमती ठाकुर के नेतृत्व में मविआ का सहकार पैनल तथा विधायक रवि राणा के भाई सुनील राणा-प्रकाश साबले का शेतकरी पैनल खम ठोंक चुका है. सहकार के प्रत्याशी लगभग तय हो गए हैं. कांग्रेस का वहां दबदबा बताया जा रहा. राकांपा के जिलाध्यक्ष सुनील वर्हाडे. शिवसेना उबाठा की प्रिती बंड़ और पूर्व सांसद अनंत गुढे भी उनके साथ हैं.
विधायक रवि राणा की भूमिका की ओर सभी की निगाहें टिकी थी. उनके बड़े भाई सुनील राणा ने जिला परिषद के पूर्व सदस्य प्रकाश साबले के साथ शेतकरी पैनल घोषित किया. भाजपा नेताओं ने भी सहकार क्षेत्र में पांव जमाने के लिए हलचल शुरु की है. सांसद डॉ. अनिल बोंडे, जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी और शहर अध्यक्ष किरण पातुरकर ने प्रयास शुरु किए हैं. वे विधायक राणा के पैनल में सहभागी होने की संभावना अधिक है.
मविआ का मानना है कि मिलकर लड़ने पर विजय आसान हो जाती है. जबकि उनके प्रयासों को धक्का पहुंचाने विधायक राणा और भाजपा का शेतकरी पैनल तैयारी में है.
उधर सूत्रों ने बताया कि 20 वर्षों तक अमरावती मंडी पर दबदबा रखने वाले विलास महल्ले का गट अलग पैनल बनाने की जुगत में है. उन्हें भाजपा और राणा गट अपनी ओर लेने जोर लगा रहा है. मविआ को भी उनका इंतजार है. दोनों पैनल में स्थान न पा सकने वाले चाहे तो महल्ले गट की तरफ आ सकते हैं. जिससे महल्ले गट का पैनल सहज बनने की संभावना देखी जा रही. आज सोमवार से नामांकन पीछे लेने की प्रक्रिया शुरु हो गई है. सप्ताहांत में मंडी चुनाव का चित्र स्पष्ट होने की संभावना है.