यह वक्त मंदिर खुलवाने की हडबडी का नहीं, आस्था को मजबूत रखने का है
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श्री अंबादेवी संस्थान की अध्यक्षा व पूर्व महापौर विद्याताई देशपांडे का कथन
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कल से अंबादेवी संस्थान में शुरू हो रहा नवरात्रौत्सव, इस बार भाविकों को श्री अंबादेवी के होंगे लाईव दर्शन
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आम श्रध्दालुओं के लिए बंद रहेगा मंदिर, सीमोल्लंघन यात्रा रद्द
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१६ – कोरोना संक्रमण के चलते उपजे हालात को ध्यान में रखते हुए विदर्भ की कुल स्वामिनी और अमरावती की ग्राम देवता श्री अंबादेवी का मंदिर विगत १९ मार्च २०२० से सरकारी आदेश के चलते बंद है और यहां पर आम श्रध्दालुओं का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. ऐसे ही हालात के बीच आगामी १७ अक्तूबर से २४ अक्तूबर २०२० के दौरान शारदीय नवरात्रौत्सव पड रहा है. प्रतिवर्ष नवरात्रौत्सव के दौरान अंबादेवी मंदिर में भव्य-दिव्य पैमाने पर धार्मिक आयोजन किये जाते है. किंतु इस बार कोरोना के खतरे को देखते हुए ऐसा कोई आयोजन नहीं होगा, क्योंकि नवरात्रौत्सव के दौरान भी अंबादेवी मंदिर को आम श्रध्दालुओं के लिए पूरी तरह से बंद ही रखा जायेगा तथा आरसीएन व युसीएन सहीत अन्य चैनल्स पर अंबामाता का लाईव दर्शन प्रसारित किया जायेगा. ताकि सभी श्रध्दालुजन अपने घरों में रहकर ही श्री अंबामाता के लाईव दर्शन कर सके. इस आशय की जानकारी श्री अंबादेवी संस्थान की अध्यक्षा व पूर्व महापौर श्रीमती विद्याताई देशपांडे ने दी. साथ ही उन्होेंने कहा कि, इस समय कई लोग मंदिरों को खुलवाने की हडबडी कर रहे है, जो एक हिसाब से ठीक नहीं है, क्योंकि यह वक्त हडबडी करने का नहीं, बल्कि ईश्वर के प्रति अपनी आस्था को मजबूत रखने का है.
श्री अंबादेवी संस्थान के विश्वस्त मंडल की अध्यक्षा श्रीमती विद्याताई देशपांडे ने कहा कि, प्रतिवर्ष नवरात्रोत्सव के दौरान भाविक श्रध्दालुओं की श्री अंबादेवी मंदिर में दर्शनों हेतु जबर्दस्त भीड उमडती है और अमरावती शहर व जिले सहित दूरदराज के क्षेत्रों से भाविक श्रध्दालु यहां पर दर्शन करने आते है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए आम श्रध्दालुओं के दर्शन हेतु मंदिर के कपाट बंद रखे जायेंगे. लेकिन नवरात्रौत्सव के दौरान सभी श्रध्दालुजन अपनी आराध्य श्री अंबामाता के दर्शन करने के साथ ही यहां चलनेवाले धार्मिक विधि-विधानों में हिस्सा ले सके. इस हेतु यहां से विभिन्न चैनलों एवं सोशल मीडिया साईटस् पर लाईव टेलीकास्ट की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. उन्होंने बताया कि, इस वर्ष श्री अंबादेवी मंदिर में भजन, कीर्तन, प्रवचन व महाप्रसाद का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है. साथ ही इस बार नवरात्रौत्सव के समापन अवसर पर सीमोल्लंघन यात्रा भी नहीं निकाली जायेगी. उल्लेखनीय है कि, श्री अंबादेवी संस्थान में विगत ४० वर्षों से शुरू रहनेवाली ब्रह्मलीन पपू अच्यूत महाराज की प्रवचनमाला उनके देह-त्याग पश्चात उनके शिष्योत्तम श्री सचिन देव महाराज चला रहे है. इस बार भी यह प्रवचनमाला संपन्न होगी. जिसका प्रसारण चैनल्स और फेसबुक पर अपरान्ह ४ से ५.३० बजे के दौरान किया जायेगा.
इस कार्यक्रम में भी किसी श्रध्दालु को प्रत्यक्ष तौर पर उपस्थित रहने की अनुमति नहीं होगी. ऐसी जानकारी भी श्रीमती विद्याताई देशपांडे द्वारा दी गई. उन्होंने कहा कि, कोरोना एवं लॉकडाउन की वजह से विगत सात माह से लाखों भाविक भक्त अपनी आराध्य श्री अंबामाता के दर्शन से वंचित है. जिसके लिए श्री अंबादेवी संस्थान के विश्वस्त मंडल को काफी खेद है, और इस बार नवरात्रौत्सव जैसे सबसे बडे मौके पर अंबादेवी संस्थान में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहेगा, जिसका उन्हें दु:ख है. लेकिन फिलहाल इसके अलावा अन्य कोई रास्ता भी नहीं है और मंदिर खोलने हेतु सरकारी आदेश प्राप्त होने के बाद तुरंत ही दर्शन व्यवस्था उपलब्ध करा दी जायेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जो श्रध्दालुजन ऑनलाईन दान अथवा अभिषेक राशी देना चाहते है, वे श्री अंबादेवी संस्थान के बैंक अकाउंट में राशि जमा करा सकते है. इसके अलावा मंदिर परिसर में स्थित श्री अंबादेवी भक्त निवास के पास भी दान व ओटी स्वीकार करने की व्यवस्था की गई है. साथ ही उन्होंने यह आवाहन भी किया कि, सभी श्रध्दालुजन सरकार, प्रशासन एवं संस्थान के साथ पूरा सहयोग करे तथा नवरात्रौत्सव के दौरान श्री अंबादेवी मंदिर संस्थान परिसर में बिल्कूल भी भीडभाड न करे, बल्कि इसकी बजाय अपने-अपने घरों पर रहते हुए श्री अंबामाता से प्रार्थना करें कि, यह संक्रामक महामारी जल्द से जल्द खत्म हो जाये और बहुत जल्द पहले की तरह सामान्य हालात हो.
इन दो अकाउंटस् में जमा करायी जा सकती है रकम
ऑनलाईन दान व अभिषेक शुल्क हेतु निम्नलिखित दो अकाउंट में राशि जमा करायी जा सकती है.
1. IDBI Bank :- A/C. No. 50710010000136, IFSC – IBKL0000507
A/C Name :- Shri Ambadevi Sansthan, Amravati
2. Bank of Maharshtra, Sainagar, Amravati.
A/C No. 20047446984, IFSC – MAHB0001170
A/C Name :- Shri Ambadevi Sansthan, Amravati.
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इसके अलावा मंदिर परिसर में स्थित श्री अंबादेवी भक्त निवास के पास भी दान व ओटी स्वीकार करने की व्यवस्था की गई है.
पांच सौ वर्ष में पहली बार बंद रहेगा पिंगलादेवी का मंदिर
साढे तीन शक्तिपीठों में से अर्ध शक्तिपीठ के रूप में मान्यता रहनेवाले पिंगलाईगढ स्थित पिंगलादेवी के मंदिर में नवरात्रौत्सव निमित्त दस दिवसीय पूजा शुरू हो गयी है. प्रतिवर्ष यहां पर देवी दर्शन हेतु भाविक श्रध्दालुओं की अथाह भीड उमडती है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए यहां पर ५०० से भी अधिक वर्षों से चली आ रही परंपरा खंडित होगी. क्योंकि पहली बार qपगलादेवी गड पर स्थित पिंगलादेवी का मंदिर बंद रहेगा. ऐसे में नवरात्रौत्सव के दौरान देवीदर्शन होने की आस लगाकर बैठे भाविक श्रध्दालुओं में कुछ हद तक अस्वस्थता देखी जा रही है. बता दें कि, पिंगलादेवी गड पर नवरात्री के दौरान केवल विदर्भ से ही नहीं बल्कि समूचे महाराष्ट्र राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों से भाविक श्रध्दालु पिंगलादेवी के दर्शन हेतु आते है और नौ दिनों तक यहां अभिषेक, आरती, भजन व किर्तन जैसे धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ कई सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है. यहां पर सुबह ३ बजे से भाविक श्रध्दालुओं की देवी दर्शन हेतु कतारें लगनी शुरू हो जाती है और ५०-६० किलोमीटर के दायरे में रहनेवाले कई श्रध्दालु तो नंगे पैर चलते हुए देवी दर्शन हेतु पदयात्रा भी करते है. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार एवं प्रशासन द्वारा सभी मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है. जिसके चलते विगत सात-आठ माह से अन्य धार्मिक स्थलों की तरह पिंगलादेवी का मंदिर भी बंद है. जिसकी वजह से इस बार यहां पर भाविक श्रध्दालुओं की भीडभाड दिखाई नहीं देगी. हालांकि पिंगलामाता की नौ दिन तक पूजा करनेवाले मंदिर के विश्वस्त व पूजारी नारायणराव मारूडकर इस समय देवी के गड पर विराजमान हो गये है और वहां पर धार्मिक विधिविधान भी शुरू हो गये है. qकतु इस वर्ष देवी के मुखदर्शन से वंचित रहेंगे. इसके साथ ही उन लोगों में भी खासी निराशा देखी जा रही है, जिनका नवरात्रौत्सव के दौरान लगनेवाली यात्रा के भरोसे व्यवसाय चला करता था.
कल घटस्थापना, संभाग में ६४९८ मंडलों में विराजेंगी मां दुर्गा व मां शारदा
इस बार बिना तामझाम के होगी प्राणप्रतिष्ठा, गरबा व डांडिया का आयोजन रहेगा नदारद उल्लेखनीय है कि, नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रौत्सव के शुरू होने में अब महज कुछ घंटे का समय शेष है और शनिवार १७ अक्तूबर को घटस्थापना होने के साथ ही नौ दिवसीय नवरात्रौत्सव का प्रारंभ होगा. प्रतिवर्ष अमरावती शहर व जिले सहित समूचे संभाग में नवरात्रौत्सव बडी धूमधाम के साथ मनाया जाता है और सार्वजनिक मंडलों द्वारा बडे भव्य-दिव्य तरीके और धुमधाम के साथ मां दुर्गा व मां शारदा की प्रतिमाएं स्थापित की जाती है. इसके अलावा जगह-जगह पर रासगरबा व डांडिया के आयोजनों की धूम रहती है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कोई भव्य-दिव्य आयोजन नहीं होगा और नवरात्रौत्सव बडे ही साधे व सामान्य ढंग से मनाया जायेगा. हालांकि इस बार भी अमरावती संभाग में कुल ६ हजार ४९८ सार्वजनिक मंडलों द्वारा नवरात्रौत्सव मनाने की तैयारियां की गई है. जिसके तहत अमरावती जिले के १ हजार ४६२, यवतमाल में सर्वाधिक २ हजार १९४, अकोला में १ हजार ४०४, बुलडाणा में ९५६ तथा वाशिम में ४८२ सार्वजनिक मंडलों द्वारा मां दुर्गा व मां शारदा की प्रतिमाएं स्थापित की जायेगी. उल्लेखनीय है कि, इस वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रशासन द्वारा बेहद कडे नियमोें व शर्तों के तहत सार्वजनिक मंडलों को अनुमति दिये जाने का निर्णय लिया गया है. जिसके चलते कई सार्वजनिक मंडलों इस बार सार्वजनिक उत्सव नहीं मनाने का निर्णय लिया. अन्यथा यह संख्या दोगुनी हो सकती थी.
हर ओर रहेगा कडा पुलिस बंदोबस्त
इस बार भले ही कोरोना खतरे को देखते हुए दुर्गोत्सव में कोई जल्लोषपूर्ण आयोजन नहीं होगा. किंतु बावजूद इसके त्यौहार के दौरान शांति व व्यवस्था के साथ ही कानून की स्थिति को बनाये रखने हेतु अमरावती शहर सहित जिले में हर ओर कडा पुलिस बंदोबस्त लगाया जायेगा. जिसमें शहर व ग्रामीण पुलिस के साथ एसआरपीएफ के दस्ते भी तैनात रहेंगे.
अंबादेवी रोड पर नहीं लगेगा मेला
बता दें कि, प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्रौत्सव के दौरान राजकमल चौक से गांधी चौक होते हुए अंबादेवी की ओर जानेवाले मार्ग पर अंबादेवी का मेला लगा करता है. जिसके तहत सडक के दोनों ओर विभिन्न जीवनोपयोगी वस्तुओें सहित खिलौनों, आर्टीफिशियल ज्वेलरी व खाने-पीने के सामान की दुकाने लगा करती थी. स्थानीय मनपा प्रशासन द्वारा नवरात्र से काफी पहले इस मेले हेतु नियोजन का काम शुरू कर दिया जाता था और मेले में दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया निपटाते हुए अस्थायी दुकानों का निर्माण किया जाता था. किंतु इस बार यह तमाम गतिविधियां पूरी तरह से नदारद है. क्योंकि अंबादेवी का मंदिर बंद है और प्रशासन द्वारा मेले के आयोजन हेतु अनुमति नहीं दी गई है. ऐसे में इस बार नवरात्रौत्सव पर राजकमल चौक से अंबादेवी के बीच कोई चहल-पहल नहीं दिखाई देगी. जिसका सीधा असर प्रतिवर्ष यहां पर दुकानें लगाकर रोजी-रोटी कमानेवाले लोगों पर पडेगा.
कल प्रात: ५ बजे होगी घट स्थापना, ८.३० बजे होगा ध्वजारोहण
श्री अंबादेवी संस्थान विश्वस्त मंडल की अध्यक्षा विद्याताई देशपांडे ने बताया कि, शनिवार १७ अक्तूबर की सुबह ५ बजे दीपक श्रीमाली द्वारा सपत्नीक मंदिर में घटस्थापना की जायेगी. जिसके बाद प्रात: ८.३५ बजे रqवद्र कर्वे द्वारा सपत्नीक ध्वजारोहण किया जायेगा. इसके साथ ही नौ दिवसीय नवरात्रौत्सव का प्रारंभ होगा. पश्चात आगामी शनिवार २४ अक्तूबर को अपरान्ह १२ बजे रqवद्र कर्वे व विलास मराठे के सपत्नीक यजमानत्व में नवमी का पूर्णाहूति हवन होगा. जिसके बाद सायं. ७ बजे पूर्णाहूर्ति महाप्रसाद वितरित किया जायेगा. पश्चात मंगलवार २७ अक्तूबर को प्रदिप qशगोरे द्वारा प्रात: ५ बजे सपत्नीक लघुरूद्र पूजन किया जायेगा और अपरान्ह १२ बजे महाप्रसाद वितरण होगा. इन सभी आयोजनों का मंदिर संस्थान द्वारा लाईव टेलीकास्ट करवाया जायेगा.
एकवीरा देवी मंदिर में विधिवत होंगे धार्मिक अनुष्ठान, मंदिर के कपाट रहेंगे बंद
प्रतिवर्ष एकवीरा देवी मंदिर संस्थान में चैत्र व शारदीय नवरात्रौत्सव बडी धुमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सभी मंदिरों की तरह एकवीरा देवी मंदिर भी विगत मार्च माह से बंद है. और इस बार चैत्र नवरात्रौत्सव का आयोजन बेहद साधे व सामान्य ढंग से हुआ. ठीक उसी तरह इस समय मंदिर खोलने की अनुमति नहीं रहने की वजह से शारदीय नवरात्रौत्सव भी बेहद साधे व सामान्य ढंग से मनाया जायेगा. नवरात्र के दौरान एकवीरा देवी मंदिर में किसी भी श्रध्दालु को प्रवेश नहीं दिया जायेगा, बल्कि यहां से एकवीरा देवी की अलौकिक साज-श्रृंगारवाली प्रतिमा सहित यहां चलनेवाले धार्मिक आयोजनों का स्थानीय न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया साईटस् के जरिये सीधा प्रसारण किया जायेगा, ताकि श्रध्दालुजन अपने घर बैठे देवीदर्शन का आनंद ले सके. इस आशय की जानकारी एकवीरा देवी मंदिर संस्थान विश्वस्त मंडल के सचिव चंद्रशेखर कुलकर्णी ने दी. दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए चंद्रशेखर कुलकर्णी ने बताया कि, बडी अंबाजी के रूप में विख्यात एकवीरा देवी के मंदिर में भव्य-दिव्य तरीके से नवरात्रौत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है. qकतु इस समय कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार एवं प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों के चलते आठ माह से मंदिर बंद है. qकतु इसके तहत केवल भाविक श्रध्दालुओं को मंदिर परिसर के भीतर प्रवेश करने से रोका गया है. वहीं मंदिर के भीतर गर्भगृह में पूजारियों द्वारा रोजाना सुबह-शाम तमाम धार्मिक विधियों को पूर्ण किया जा रहा है. इसी तरह नवरात्रौत्सव के दौरान भी मां एकवीरा देवी के तमाम धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण किये जायेंगे. qकतु इस बार भाविक श्रध्दालुओें को इन अनुष्ठानों में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं रहेगी.
इस बातचीत में चंद्रशेखर कुलकर्णी ने यह भी बताया कि, जिस तरह लॉकडाउन काल के बाद सरकार द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया को आगे बढाया जा रहा है, उसे देखते हुए कुछ हद तक यह उम्मीद बंधी थी कि, शायद शारदीय नवरात्रौत्सव से पहले मंदिरों को खोलने की अनुमति सरकार द्वारा दे दी जायेगी. यह उम्मीद उस समय खत्म हो गयी, जब दस दिन पहले सरकार ने नवरात्रौत्सव के दौरान मंदिरों को खोलने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया. अमूमन नवरात्रौत्सव से एक-डेढ माह पहले से मंदिर के विश्वस्त मंडल व व्यवस्थापन द्वारा तमाम तैयारियां शुरू की जाती है. लेकिन इस बार मंदिरों को खोलने की अनुमति के संदर्भ में काफी हद तक संभ्रम था. जिसके चलते इस बार हर वर्ष की तरह तैयारियां भी नहीं हो पायी. वहीं अब तो सरकार ने अनुमति देने से भी मना कर दिया है. ऐसे में सरकार एवं प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए एकवीरा देवी विश्वस्त मंडल ने नवरात्रौत्सव के दौरान भाविक श्रध्दालुओं के लिए मंदिर को बंद रखने का निर्णय लिया है. वहीं उनकी श्रध्दा को देखते हुए घर बैठे ऑनलाईन देवीदर्शन कराने की सुविधा उपलब्ध करवायी है. इसके अलावा मंदिर में १७ अक्तूबर से २२ अक्तूबर तक धामणगांव रेल्वे निवासी अनुपमा देशकर द्वारा रोजाना शाम ६ से ८ बजे तक भजन-किर्तन की प्रस्तुति दी जायेगी. वहीं २३ अक्तूबर को अष्टमी के अवसर पर अकोट निवासी हभप ज्ञानेश्वर महाराज वाघ का प्रवचन होगा और २४ अक्तूबर को दुर्गा नवमी के अवसर पर पूर्णाहुति का होमहवन किया जायेगा. इन तमाम धार्मिक आयोजनों का भी एकवीरा देवी मंदिर संस्थान से सीधा प्रसारण किया जायेगा. इस समय चंद्रशेखर कुलकर्णी ने कहा कि, मंदिरों के फिलहाल बंद रहने में किसी भी मंदिर व्यवस्थापन की कोई गलती नहीं है. किंतु इसके बावजूद वे एकवीरा देवी मंदिर संस्थान की ओर से सभी भाविक श्रध्दालुओं के समक्ष नवरात्रौत्सव जैसे पर्व के अवसर पर मंदिर बंद रखे जाने को लेकर खेद प्रकट करते है. साथ ही सभी से आवाहन करते है कि, इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए वे अपने घरों पर ही रहकर मां एकवीरा देवी का ऑनलाईन दर्शन करेें और उनसे कोरोना की संक्रामक महामारी को जल्द से जल्द खत्म करने की प्रार्थना करे.