बडनेरा की जयहिंद टॉकीज का यह है असली सच
समाजसेवी लप्पी जाजोदिया ने जारी किया स्पष्टीकरण
अमरावती /दि.6– विगत 2-3 दिनों से नई बस्ती बडनेरा के जयहिंद चौक पर स्थित जयहिंद टॉकीज की इमारत में बनी दुकानों को खाली कराने का मुद्दा अच्छा खासा चर्चा में चल रहा है. जिसे लेकर कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे है. ऐसे में जयहिंद टॉकीज के खरीददार झंवर से इसका सौदा खरीदते हुए इसे जयहिंद बिल्डर्स को बेचने वाले मधुसुदन इन्फ्राबिल्ड के संचालक व समाजसेवी चंद्रकुमार उर्फ लप्पी जाजोदिया ने इस पूरे मामले में स्पष्टीकरण देते हुए बताया है कि, आखिर इस मामले से जुडे सत्य और तथ्य क्या है. लप्पी जाजोदिया के मुताबिक विगत 13 साल पहले वर्ष 2010 में जयहिंद टॉकिज की जमीन निर्माणाधिन इमारत सहित मधुसुदन इन्फ्राबिल्ड ने खरीदी थी. इस जमीन को उस वक्त श्रीप्रकाश झंवर से खरीदा गया था. जमीन पर आपसी समझौते से कुछ दुकानदार बगैर किसी किराये के इस शर्त पर टिके रहे कि, वे किसी भी वक्त कहते ही जमीन खाली करवा देंगे, इस दौरान करीब 10 सालो तक यहा युवा स्वाभिमान पार्टी का जनसंपर्क कार्यालय भी रहा. अप्रैल 2023 में इस जमीन को जयहिंद डेवलपर्स को बेच दी गई. उस जगह विगत कई सालों से बगैर किराया अदा किए डेरा जमाए बैठे दुकानदारो को हटाने की अपील की गई, लेकिन उनकी नियत में अचानक खोट आने से एवंम छूटभैये राजीनीतिक लोगो व्दारा समर्थन से इस मामले को उलझा कर राजनीतिक रुप देकर बेवजह आम लोगों को परेशान कर गुमराह किया रहा है.
यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में लप्पी जाजोदिया ने यह भी कहा कि, जयहिंद टॉकीज में रहने वाले किराएदारों में से 5 दुकानदारों के साथ आपसी करार किया गया. जिसके बाद उन्होंने अपनी मर्जी से जगह खाली कर दी. जिसके दस्तावेज कोर्ट में दायर की गई फाइल में लगाए गए है. गत दो सालों में शेष पांच दुकानदारों को समझाने के लिए कई बार समझौता बैठके हुई. हर बार दुकानदार हामी भरते चले गए, लेकिन दूसरे दिन अचानक बहकावे में आ जाते थे, ऐसे में अन्य 5 दुकानदारों ने अगस्त 2023 में अदालत में फर्जी दस्तावेज बनाकर केस दायर किया. अदालत ने स्थिति को बरकरार रखने के आदेश दिए. ऐसे में 10-12 सालों से बगैर किराया अदा किए ठिय्या जमाकर बैठे दुकानदारो से जगह खाली करने की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने अपनी नियत में खोट लाकर अथाह आर्थिक लाभ के लिए जमीन मालिक पर दबाव बनाने का प्रयास किया. इस जमीन पर मनपा का नक्शा पास किया गया है. इस पर साइड मार्जीन भी छोडी गयी है. सडक के लिए आरक्षित उस जमीन पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता ऐसा जयहिंद डेवलपर्स की ओर से बताया गया.
* राजनीतिक प्रतिव्दंदियो की एन्ट्री
इस मामले में जयहिंद डेवलपर्स की ओर से बताया की दुकानदारो को कई बार नकद देने व बाजू के मार्केट में मालिकाना हक से दुकान देने का प्रेमपूर्वक प्रस्ताव भी दिया गया था. संबंधित दुकानदार हर बार हां में हां मिलकर निकल जाते, लेकिन दूसरे दिन राजनीतिक प्रतिव्दंदियो के बहकावे में आ जाते थे. कुछ दिनों से क्षेत्र के दो पूर्व पार्षद व कुछ अन्य पार्टीयो के स्वयंघोषित नेता आगामी चुनाव को देखते हुए आग में घी डालने का काम कर रहे है. हालांकी 5 लोगो को अदालत से स्टे मिल चुका है, लेकिन ठाकुर नामक व्यक्ति से समझौता होने के बाद भी उसने पुलिस में झुठी शिकायत दर्ज करायी. जमीन मालिको का यह भी आरोप है कि, दबाव बनाने के लिए कई बार अपराधिक तत्वो का सहारा लेकर मारपीट, गालीगलौच, जान से मारने की धमकी, वाहनों की तोडफोड, फायरिंग जैसे गैरकानूनी तरीके भी अपनाए गए, उस वक्त बडनेरा थाने में शिकायत दी गई, लेकिन पुलिस ने इस मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई न कर मामले को उलझा दिया. मलिकाना हक का अधिकारकानून का आधार लेकर जयहिंद डेवलपर्स की ओर से कहा गया कि, जमीन मालिकों ने अपने हक के लिए कानून के दायरे में रहकर महिला व पुरुष बाउंसरो की मदद से जिन लोगों से समझौता हो गया था उन दुकानों को तोडने का प्रयास किया, लेकिन असामाजिक तत्वों ने इस आपसी लडाई में कूदकर महिला बाउंसरो के साथ बुरी तरह मारपीट की. लेकिन मुफ्त की जमीन पर 10 से 12 साल से आर्थिक लाभ लेनेवाले दुकानदारो ने गलत तरीके से अपराधिक तत्वों व्दारा दबाव डाला. उल्टा चोर कोतवाल को डाटे की कहावत के अनुसार अब वही लोग जमीन के विवाद में शहर में तनाव की स्थिति बनाकर बेवजह झूठे आरोप-प्रत्यारोप कर रहे है. जमीन मालिक ने सबको बाजु के कॉम्प्लेक्स में दुकान या रकम देने का प्रस्ताव भी दिया था, किंतु असामाजिक तत्वो ने अपने निजी स्वार्थ के चलते समझौता नहीं होने दिया. संपत्ति के मामले को अन्य रुप देकर बडनेरा का माहौल बिगाडने का प्रयास कुछ लोग कर रहे है.
* उल्टी सीधी बयानबाजी
बता देें की, मंगलवार की दोपहर एक स्वयंघोषित नेता संबंधित साईट पर कई असामाजिक तत्वों के साथ पहुंचे. इतना ही नहीं, तो उन्होंने जोरदार तोडफोड कर मामले की सच्चाई पता न होने के बावजूद भी उल्टी सीधी बयानबाजी की. जिसके फलस्वरुप यहां दंगा नियंत्रण पथक ने पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथ ली. इस समय कुछ और लोगों ने भी संबंधित साईट पर पहुंचकर कंपांउड तोडने का प्रयास किया. वहां तैनात चौकीदार ने जब टोकने का प्रयास किया, तब यह लोग हाथ में पत्थर लेकर उसे मारने पहुंचे. इतना ही नहीं, तो उसे घायल कर दिया. आरोपीयों ने उस साईट पर बना टिन का कंपाउंड तोडकर 50 हजार रुपये का आर्थिक नुकसान किया. जिसकी शिकायत बडनेरा पुलिस थाने में की गई है. पुलिस ने मामले की सच्चाई को देखते हुए करीब 9 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरु की है.