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इसीलिए होती है समाज की आवश्यकता

अमरावती के लढ्ढा का चलती ट्रेन में निधन

* बिहार में माहेश्वरी समाज सहायतार्थ दौडा
* कोकर्डा से परिवार हुआ रवाना
अमरावती/ दि. 18 – समाज की आवश्यकता वक्त जरूरत प्रत्येक को पडती है. इसीलिए कदाचित सैकडों पीढियों से समाज की अवधारणा अखंडित है. अमरावती से देशाटन पर गये कोकर्डा के मधुसूदन लढ्ढा का चलती ट्रेन में आज सबेरे निधन हो गया. ऐसे में उनके साथ दर्जनों अन्य स्थानीय यात्री और समाज बंधु, पर्यटक थे. फिर भी बिहार के कटियार जिले में माहेश्वरी समाज दौडा आगे आया. अब लढ्ढा का पार्थिव कटियार में उचित कानूनी कागजी कार्रवाई पश्चात बनारस लाया जा रहा है. जहां कल उनका अंतिम संस्कार होगा.
* मित्रों के साथ गये थे देशाटन पर
मधुसूदन लढ्ढा के साथ अनेक मित्र, समाज बंधु और अन्य के साथ मूर्तिजापुर की धर्म सेवा समिति के साथ देशाटन, धर्म पर्यटन पर गये थे. इस दल ने गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर, मेघालय और असम के अन्य भागों की यात्रा संपन्न कर ली थी. आज वापसी के समय बडे सबेरे 6.30 बजे लढ्ढा को चलती ट्रेन में तीव्र हृदयाघात हुआ. 72 बरस के लढ्ढा का उपचार मिलने के पहले ही निधन हो गया.
कटियार स्टेशन पर उतारा पार्थिव
लढ्ढा के साथ यात्रा कर रहे ब्रिजमोहन झंवर ने अमरावती मंडल को फोन पर बताया कि रेलवे के नियमों का पालन करते हुए जीआरपी को सूचित कर मधुसूदन लढ्ढा की पार्थिव कटियार स्टेशन पर उतारी गई. वहां कागजी खानापूरी कर पार्थिव को दाहसंस्कार के लिए बनारस ले जायेंगे. बनारस में कल शनिवार 19 अप्रैल को परिजन लढ्ढा का अंतिम संस्कार करेंगे. वहीं मणिकर्णिका घाट पर अस्थि विसर्जन भी करने का निर्णय परिजनों को विश्वास में लेकर माहेश्वरी बंधुओं ने किया है. झंवर ने बताया कि कटियार माहेश्वरी समाज समिति ने बडा संबल और सहयोग किया.
अमरावती से परिजन हुए रवाना
लढ्ढा के निधन का समाचार सबेरे कोकर्डा के रामपुरा स्थित परिजनों को मिला. परिवार में पत्नी राजकंवर लढ्ढा, पुत्र मुकुंद लढ्ढा और अकोला निवासी पुत्री करूणा देवी हैं. इसी प्रकार असम, मेघालय यात्रा में मधुसूदन लढ्ढा के साथ उनके दामाद अशोक मंत्री एवं अन्य रिश्तेदार थे ही. अमरावती से लढ्ढा परिवार बनारस के लिए प्रस्थान कर देने की जानकारी ब्रिजमोहन झंवर ने दी. झंवर ने बताया कि लढ्ढा के आकस्मिक निधन से सभी को बडा शोक हुआ. किंतु अन्य साथियों ने अपनी वापसी की निर्धारित यात्रा यथावत रखी.

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