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इस बार भी नहीं होगी पंढरपूर की पैदल वारी

  • आषाढी में दस मुख्य पालखियां बस से ही रवाना होंगी

  • अमरावती जिले के कौंडण्यपुर की पालखी का भी दस मुख्य पालखियों में समावेश

अमरावती/प्रतिनिधि दि.11 – प्रति वर्ष आषाढी एकादशी के पर्व पर वारकरी संप्रदाय के भाविक श्रध्दालुगण श्री क्षेत्र पंढरपुर की पैदल वारी करते है. किंतु गत वर्ष कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए पैदल वारी को अनुमति नहीं दी गई थी और राज्य की दस प्रमुख पालखियों को सीमित लोगों के साथ बस के जरिये पंढरपुर जाने की अनुमति दी गई थी. चूंकि अब भी कोविड की महामारी का खतरा पूरी तरह से टला नहीं है. अत: इस बार भी सरकार द्वारा पंढरपूर की पैदल वारी को अनुमति नहीं दी जा रही और गत वर्ष की तरह ही इस बार भी राज्य की दस प्रमुख पालखियां बस के जरिये पंढरपुर जाने हेतु अनुमति दी जायेगी. हालांकि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष कुछ अधिक लोग पालखी के साथ पंढरपुर जा सकेंगे. जिन दस प्रमुख पालखियों को पंढरपुर जाने की अनुमति दी गई है, उनमें अमरावती जिले के श्री क्षेत्र कौंडण्यपुर स्थित माता रूख्मिनी देवी की पालखी का भी समावेश रहेगा. कौंडण्यपुर से पंढरपुर पालखी व वारी रवाना होने का इतिहास करीब 450 वर्ष पुराना है, यह सबसे उल्लेखनीय है.

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