इस बार खूब तपेगा अप्रेैल-मई

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भीषण उष्म लहर की संभावना
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अभी से ही तेवर दिखाने लगा सूरज
अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – मार्च महिने के अंत में देश में उष्णता की लहर में वृध्दि होगी, इस तरह की चेतावनी मौसम विभाग ने व्यक्त की है. अप्रैल और मई यह दोनों महिने और अधिक धोकादायक है. मध्य भारत, उत्तर, पूर्व भारत में औसत से ज्यादा तापमान रहेगा, ऐसा भी विभाग ने स्पष्ट किया है.
मार्च से मई महिने में उडिसा, झारखंड में दिन का तापमान औसत से 0.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा अथवा अत्याधिक रहेगा. मौसम विभाग के संचालक मृत्युंजय महापात्रा के अनुसार मार्च से मई 2021 में दिल्ली, चंदीगढ, उत्तरप्रदेश, हरियाणा में दिन का और रात का तापमान और उष्ण लहर का प्रमाण बढेगा तथा हिमाचल प्रदेश, कच्छ, राजस्थान, उत्तराखंड, मेघालय, अरुणाचल, सिक्कीम, मिझोरम, मणिपुर, बिहार आदि प्रदेश में भी तापमान बढेगा. दक्षिण भारत में तेलंगणा, केरल, तमिलनाडू, कर्नाटक, विदर्भ व महाराष्ट्र के कुछ हिस्से में तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहेगा. दक्षिण आशिया में तापमान और अधिक बढेगा और 2021 के अंत में स्थिति और गंभीर होगी, ऐसा भारत के ही नहीं बल्कि विश्व मौसम विभाग ने भी कहा है.
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2021 अति तापमान का वर्ष
2015 से 2020 यह वर्ष अत्याधिक उष्ण लहरों का वर्ष साबित हुआ है. साथ ही 2021 यह वर्ष भी अति तापमान का और उष्ण लहर का वर्ष रहेगा. तापमान वृध्दि व उष्ण लहर के चलते पर्यावरण का भारी नुकसान होेकर नैसर्गिक आपदा में वृध्दि होगी. इस तरह का डर ग्रीन प्लैनेट सोसायटी के अध्यक्ष प्रा.सुरेश चोपणे ने व्यक्त किया.
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उष्ण लहर का यह इतिहास
उष्ण लहर की शुुरुआत 2015 से हुई और भारत व पाकिस्तान में अब तक पांचवीं सर्वाधिक उष्ण लहर आयी थी. उष्ण लहर के चलते तकरीबन 3 हजार 500 लोगों की मौत हुई थी. 2021 के विश्व मौसम जोखिम निर्देशांक के अनुसार विश्व के अति धोकाग्रस्त देशों की सूची में भारत सातवें नंबर पर है. 2000 से 2020 इन 20 वर्ष की समयावधि में विश्वभर में तकरीबन 4 लाख 57 हजार लोग मौसम बदलाव की बली चढे है.