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इस बार ईद-ए-मिलाद पर नहीं निकलेगा जुलुस-ए-मोहम्मदिया

सिरातुन्नबी कमेटी ने किया ऐलान

  •  कोरोना खतरे के मद्देनजर लिया गया निर्णय

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२८ – स्थानीय चांदनी चौक के पास हाथीपुरा स्थित मरकजे अहले सुन्नत मस्जिद मिस्कीन शाह मियां से प्रतिवर्ष ईद-ए-मिलादुन्नबी के पर्व पर बडी धूमधाम से जुलुस-ए-मोहम्मदिया का आयोजन किया जाता है. किंतु इस वर्ष कोरोना संक्रमण के खतरे और प्रशासन की ओर से जारी प्रतिबंधात्मक दिशानिर्देशों को देखते हुए ईद-ए-मिलाद पर यह जुलुस नहीं निकाला जायेगा. इस आशय की जानकारी यहां बुलायी गयी पत्रकार परिषद में सिरातुन्नबी कमेटी की ओर से दी गई.
इस पत्रवार्ता में सिरातुन्नबी कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद इमरान अशरफी तथा मस्जिद मिस्कीनशाह मियां के मुफ्ती अहमद रजा नियाजी ने कहा कि, इस्लाम में ईद-ए-मिलाद एक बहुत ही अहमियतवाला त्यौहार है और हर साल जश्न-ए-मिलाद बडी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार यह त्यौहार बेहद सादगीपूर्ण ढंग से मनाया जायेगा और इस बार किसी भी जुलुस का आयोजन नहीं होगा. हालांकि ईद-ए-मिलाद पर शहर की सभी मस्जिदों और चौक-चौराहों पर आकर्षक रोशनाई की जायेगी. साथ ही सिरातुन्नबी कमेटी व मस्जिद कमेटी की ओर से गरीबों को उनकी जरूरत का इमदाद बांटा जायेगा. इसके साथ ही इस पत्रवार्ता में बताया गया कि, इस फैसले की जानकारी सभी को मस्जिदों से ऐलान करके दी जायेगी, और यदि इसके बावजूद भी कोई अपनी मर्जी से ईद-ए-मिलाद पर जुलुस निकालता है, तो उसकी कोई जिम्मेदारी सिरातुन्नबी कमेटी पर नहीं होगी. इस पत्रकार परिषद में मुफ्ती अहमद रजा नियाजी सहित सिरातुन्नबी कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद इमरान अशरफी, मुख्य सचिव सै. आरिफ हुसैन तथा सदस्य मौलाना इमदाद रजा, सुफी मोहसीन कादरी, मौलाना नौशाद रजा, हाजी रशीद बारी तथा मौलाना परवेज रजा आदि उपस्थित थे.

  • कमेटी ने की फ्रान्स की निंदा

इस पत्रकार परिषद के दौरान सिरातुन्नबी कमेटी ने जानबुझकर मुस्लिमोें की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में फ्रान्स के राष्ट्रपति सहित फ्रान्स की सरकार की निंदा की. साथ ही सभी मुस्लिमों से आवाहन किया गया कि, वे फ्रान्स द्वारा उत्पादित वस्तुओं का बहिष्कार करे.

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